चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी सुखों का त्याग कर वेदप्रचार क्यों किया?” July 29, 2019 / July 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की और इसके द्वारा संगठित रूप से वेद प्रचार किया। 30 अक्टूबर, सन् 1883 को दीपावली के दिन उन्होंने अपने जीवन की अन्तिम सांस ली थी। उनकी मृत्यु का कारण उनके पाचक व कुछ लोगों के षडयन्त्र द्वारा […] Read more » Aryasamaj Rishi Dayanand vedpromotion
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ईश्वर सभी मतों के धार्मिक-जनों को भी उनके पाप कर्मों का दण्ड देता है” July 25, 2019 / July 25, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ईश्वर एक अनादि, अनन्त, नित्य, अजर, अमर तथा अविनाशी सत्ता है। उस ईश्वर ने जीवों को उनके कर्मानुसार कर्म फल देने के लिये ही इस ब्रह्माण्ड की रचना की है। जीवों के कर्मानुसार ही उसने सभी जीवों को नाना प्रकार की प्राणी योनियों में जन्म दिया है। अनादि काल से वह […] Read more » all religions with their sins God God punishes the righteous peopleGod punishes the righteous people righteous people
चिंतन धर्म-अध्यात्म “सनातन वैदिक धर्म और इतर मत-मतान्तर” July 22, 2019 / July 22, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारा वर्तमान संसार अथवा ब्रह्माण्ड 1.96 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया है। इससे पूर्व लगभग 52 लाख वर्षों में परमात्मा ने ब्रह्माण्ड को प्रकृति नामक सूक्ष्म उपादान कारण से बनाया था। प्रकृति जड़ पदार्थ है जिसमें सत्व, रज व तम गुणों की साम्यावस्था होती है। इस साम्यावस्था को ईश्वर अपनी […] Read more » Dharma and Other Opinions Sanatan Vedic
चिंतन लेख “हमारे जन्म का कारण क्या है?” July 22, 2019 / July 22, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हर कार्य का कारण हुआ करता है। इसी प्रकार हमारे जन्म का भी कारण अवश्य ही कोई है। इस पर विचार करते हैं। हमें इस जन्म में मनुष्य जन्म मिला है। इस मनुष्य जन्म की विशेषता हमारा मानव शरीर है जिसमें पांच ज्ञान और पांच कर्म इन्द्रियां हैं। इन इन्द्रियों से […] Read more » birth reason what are reason for our birth
चिंतन धर्म-अध्यात्म “वेदों का प्रवेश द्वार ऋषि दयानन्द का ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ग्रन्थ” July 22, 2019 / July 22, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेदों का महत्व मनुष्य-जीवन के लिये सर्वाधिक है। वेद परमात्मा की शाश्वत् वाणी है। यह वाणी ज्ञानयुक्त वाणी है जो मनुष्य जीवन की सर्वांगीण उन्नति का मार्गदर्शन करती है। वेदों के मर्मज्ञ विद्वान ऋषि दयानन्द ने कहा है कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है और इसका पढ़ना-पढ़ाना तथा सुनना […] Read more » Rigveda Bhavika Granth
चिंतन धर्म-अध्यात्म लेख बौद्ध धर्म और तिब्बती परम्पराएँ July 16, 2019 / July 17, 2019 by गंगानन्द झा | 3 Comments on बौद्ध धर्म और तिब्बती परम्पराएँ आदिम मनुष्य में आज से लगभग सत्तर हजार साल पहले बोध शक्ति (cognitive power) का विकास हुआ। तब से वह उत्सुकता, कौतूहल और जिज्ञासा से अपने आपको, अपने अनुभवों को, और अपने परिवेश को समझने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। सूरज, चाँद का नियम से निश्चित अन्तराल पर उगना और डूबना, बादल, बारिश तथा […] Read more » Buddhist Tibetan Traditions
चिंतन धर्म-अध्यात्म “विश्व में ईश्वरीय ज्ञान वेद का सच्चा धारक, प्रचारक एवं रक्षक एकमात्र आर्यसमाज है” July 12, 2019 / July 12, 2019 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on “विश्व में ईश्वरीय ज्ञान वेद का सच्चा धारक, प्रचारक एवं रक्षक एकमात्र आर्यसमाज है” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। क्या परमात्मा है? क्या वह ज्ञान से युक्त सत्ता है। क्या उसने सृष्टि की आदि में मनुष्यों को ज्ञान दिया है? यदि वह ज्ञान देता है तो वह ज्ञान उसने कब किस प्रकार से मुनष्यों को दिया था? इन प्रश्नों पर विचार करने पर उत्तर मिलता है कि परमात्मा का अस्तित्व […] Read more » Divine knowledge Knowledge vedas Publicist and protector
चिंतन जब जीने की उम्मीद न हो तो क्या करें? July 4, 2019 / July 4, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –जीने की इच्छा जब साथ छोड़ने लग जाए तो क्या किया जाना चाहिए है? जिसके जीने की इच्छा खत्म हो रही हो वह क्या करे और उसके आसपास के लोग क्या करें? आज इच्छा मृत्यु को वैध बनाने का मुद्दा न केवल हमारे देश में बल्कि दुनिया में प्रमुखता से छाया हुआ […] Read more » Death life want
चिंतन “ईश्वर का सत्यज्ञान वेद एवं वैदिक साहित्य में ही उपलब्ध है” July 1, 2019 / July 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम जन्म लेने के बाद जब कुछ-कुछ समझना आरम्भ कर देते हैं तो इस संसार को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। हममें यह जिज्ञासा होती है कि यह वृहद संसार कैसे व किससे बना? इसका उत्तर हमें नहीं मिलता। माता-पिता से यदि पूछें तो एक पंक्ति का उत्तर होता है कि यह […] Read more » God literature true knowledge ved and vedic
चिंतन युवा से वृद्धावस्था की ओर बढ़ता भारत June 24, 2019 / June 24, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ः ललित गर्गः संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आबादी रिपोर्ट-2019 में भारत के लिये चैंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में सन् 2050 तक बुजुर्गों की संख्या तीन गुणों हो जाने का अनुमान है। आबादी का ऐसा बढ़ता टेढ़ा अनुपात जल्द ही भारत को बुजुर्गों-वृद्धों का समाज बनायेगा। इन नवीन स्थितियों […] Read more » agening India
चिंतन धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन की उन्नति किन कर्तव्यों के पालन से होती है? June 19, 2019 / June 19, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परमात्मा ने हमें मनुष्य बनाया है। मनुष्य का अर्थ होता है कि मनन करने वाला प्राणी। मनन पर विचार करें तो इसका अर्थ सोच विचार कर काम करने वाला होता है। सोच विचार का अर्थ अपने हित व अहित सहित दूसरों को किसी प्रकार की बाधा पहुंचायें अपने लिये आवश्यक सुविधाओं […] Read more » obey the reponsibilities
चिंतन मौलिक चिंतन में भाषाकी भूमिका June 17, 2019 / June 17, 2019 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on मौलिक चिंतन में भाषाकी भूमिका डॉ. मधुसूदन ’जिस समाज में मनुष्य जन्म लेता है; अनजाने (और अन चाहे)ही वह, उस समाज में बोली जाने वाली भाषा का बंदी बन जाता है। उसकी सोच उस भाषा के शब्दों से अनजाने ही प्रभावित हो जाती है।उसके जगत की छवि, उस भाषा की चलनी से छन कर(फिल्टर हो कर) निकलती है। उसी छवि को वह […] Read more » language role of language