कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म कहाँ से आई हिन्दू धर्म में संख्या १०८ October 13, 2016 by भुवन जोशी | Leave a Comment भगवान शिव सम्पूर्ण श्रिष्टि का मूल आधार हैं ! भगवान शिव ही सर्व्यापक परमात्मा हैं जिनकी शक्ति से सम्पूर्ण जगत व्याप्त है ! भगवान शिव ही आदिनाथ, भगवान शिव ही भोलेनाथ और भगवान शिव ही गोरक्षनाथ हैं ! शिव तत्व संसार के कण कण में व्याप्त है ! यही शिव तत्व ब्रह्म है जिसको मैंने प्रथम रहस्य के रूप में आज आपको समझाया ! भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंग भारत देश में स्थापित हैं ! Read more » Featured हिन्दू धर्म में संख्या १०८
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द सत्य के ग्रहण और असत्य के त्याग के आदर्श उदाहरण October 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द जी अपने वैदिक सिद्धान्तों व विचारों के पक्के थे। यदि उनका कोई भक्त व अनुयायी उनके हित का कोई प्रस्ताव करता था जिससे उनके जीवन को हानि होने की आशंका होती थी तो वह अपने अनुयायियों द्वारा किसी स्थान विशेष की यात्रा न करने के सुझाव को स्वीकार नहीं करते थे। ऐसा ही जोधपुर में वैदिक धर्म के प्रचार के लिए जाते समय हुआ था। Read more » असत्य के त्याग महर्षि दयानन्द सत्य सत्य के ग्रहण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म अंधविश्वास की अनोखी परंपरा: अराधना के नाम बच्चों का रक्तबलि October 12, 2016 / October 12, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment यहां पर हर साल नवरात्रि के नवमी तिथि को पूरे इलाके के हजारों क्षत्रिय दुर्गा मंदिर में अपने शरीर का रक्त मां को चढाते है. रक्त का यह चढ़ावा 15 दिन के बच्चे से लेकर 100 साल तक के बुजुर्गों तक के शरीर के पांच जगहों से काटकर दिया जाता है. कटने पर शरीर के कई जगहों से रक्त निकलने से मासूम बच्चे रोते बिलखते हैं पर आस्था के नाम पर उनके घाव पर किसी दवा को नहीं बल्कि भभूत मल दिया जाता है. Read more » अंधविश्वास की अनोखी परंपरा अराधना बच्चों का रक्तबलि
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक का विजयादशमी October 11, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment अपने देश में आज भी आसुरी शक्तियां सक्रिय हैं जो देशविरोधी गतिविधियां चला रही हैं। इन सभी प्रकार की शक्तियों का विनाश करने के लिए प्रत्येक को अपने अंदर की बुद्धि, भावना एवं शक्ति को केंद्रित करना होगा ताकि अपने समाज और देश को सुखी ,वैभवशाली और विजयी जीवन प्राप्त हो सके। विजयदशमी के पर्व से विजय की अदम्य प्रेरणा उत्पन्न होती है। Read more » Featured विजयादशमी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म धन समृधि के अचूक टोटके—- October 9, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on धन समृधि के अचूक टोटके—- अक्षय तृतीया या किसी भी शुक्रवार की रात्रि को कांसे या पीतल की थाली में काजल लगाकर काली कर दें और फिर चांदी की शलाका से लक्ष्मी का चित्र बनाएं चाहे वह कैसा भी बने, फिर चित्र के ऊपर ऐष्वर्य लक्ष्मी यंत्र स्थापित कर दें और एक निष्ठ होकर, मात्र एक सफेद धोती ही पहनकर, उत्तार दिषा की ओर मुंह कर, सामने गेहूं के आटे के चार दीपक बनाए और उसमें किसी भी प्रकार का तेल भरकर प्रज्जवलित करें और थाली के चारों कोनों पर रखे मूंगों की माला से निम्न मंत्र का एक रात्रि में 51 माला मंत्र जप करें। ओउम्ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं ह्री ... Read more » धन समृधि धन समृधि के अचूक टोटके
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म सफलता के लिए शुभ मुहूर्त (शुभ नक्षत्र) में करें कार्य आरंभ … October 9, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 19 Comments on सफलता के लिए शुभ मुहूर्त (शुभ नक्षत्र) में करें कार्य आरंभ … जब आप नया व्यापर/बिजनेस/ दुकान आरम्भ करने का या खोलने का विचार मन में लाएं उस समय सबसे पहले मुहुर्त पर अच्छी तरह विचार करलें । मुहुर्त जब शुभ हो तभी आप दुकान खोलने की सोचें अन्यथा शुभ मुहुर्त के आने की प्रतीक्षा करें। आइये अब देखें कि दुकान खोलने के लिए कौन सा मुहुर्त शुभ है और इस संदर्भ में मुहुर्त किस प्रकार देखना चाहिए। Read more » शुभ मुहूर्त
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म दशहरा बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक है October 8, 2016 / October 8, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment त्योहार एवं मेले भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है। हमारे यहां हर दिन कोई-ना-कोई पर्व या त्योहार होता है, उनमें न केवल भौतिक आकर्षण के पर्व है बल्कि प्रेरणा से जुड़े पर्व भी है। एक ऐसा ही अनूठा पर्व है दशहरा। Read more » Featured दशहरा पर्व
धर्म-अध्यात्म कैसे रचना की जाती है श्रीयंत्र की? October 8, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment यंत्रों में मंत्रों के साथ दिव्य अलौकिक शक्तियां समाहित होती हैं. इन यंत्रों को उनके स्थान अनुरूप पूजा स्थान, कार्यालय, दुकान, शिक्षास्थल इत्यादि में रखा जा सकता है. यंत्र को रखने एवं उसकी पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और सफलता प्राप्त होती है. श्रीयंत्र विभिन्न आकार के बनाए जाते हैं जैसे अंगूठी, सिक्के, लॉकेट या ताबीज रुप इत्यादि में देखे जा सकते हैं Read more » Featured shri yantra श्रीयंत्र
धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार सांस्कृतिक एकता की प्रतीक विजयदशमी October 7, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॉ. सौरभ मालवीय भारत एक विशाल देश है. इसी भौगोलिक संरचना जितनी विशाल है, उतनी ही विशाल है इसकी संस्कृति. यह इस भारत की सांस्कृतिक विशेषता है ही है कि कोई भी पर्व समस्त भारत में एक जैसी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है, भले ही उसे मनाने की विधि भिन्न हो. ऐसा […] Read more » Dussehra Featured Vijayadashmi विजयदशमी सांस्कृतिक एकता की प्रतीक
धर्म-अध्यात्म कैसे हैं भगवान गुरु गोरक्षनाथ शक्ति के गुरु और आधार? October 3, 2016 by भुवन जोशी | Leave a Comment आदि शक्ति देवी अन्नपूर्णा श्रिष्टि का पालन करने हेतु जानी जाती हैं ! भगवान गुरु गोरक्षनाथ जी का रोट का भोग माता अन्नपूर्णा ही बनाती हैं ! भगवान गुरु गोरक्षनाथ जो धुनि रमाने वाले महायोगी हैं उनका रोट आदि शक्ति देवी अन्नपूर्णा का नाम लेकर ही उनको अर्पित किया जाता है ! Read more » गुरु गोरक्षनाथ शक्ति के गुरु और आधार
धर्म-अध्यात्म कौन हैं भगवान गुरु गोरक्षनाथ ? October 2, 2016 / October 2, 2016 by भुवन जोशी | 1 Comment on कौन हैं भगवान गुरु गोरक्षनाथ ? भगवान गुरु गोरक्षनाथ धुनि रमाने वाले महायोगी हैं ! अनेकों कहानियाँ उनसे सम्पूर्ण भारत मेँ जुडी हुई है ! एक समय की बात है भगवान गुरु गोरक्षनाथ नर-नारायण पर्वत की ओर अपने शिष्यों के साथ जा रहे थे ! रास्ते मेँ माता का प्रख्यात शक्ति पीठ पढ़ गया ! माता ने भगवान गुरु गोरक्षनाथ जी को जाता देख उनका रास्ता रोक लिया और उनसे निवेदन किया की वो कुछ समय उनके मंदिर मेँ विश्राम करें ! भगवान गुरु गोरक्षनाथ जी ने कहा हे! माता तुम्हारे मंदिर मेँ लोग मदिरा और मॉस का भोग चढ़ाते हैं और हम एक महायोगी हैं ! Read more » Featured भगवान गुरु गोरक्षनाथ
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शक्ति आराधना का यह पक्ष भी जानें October 2, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment इसका शरीर पर प्रभाव यह होता है कि वह अपने को स्थिर रखने के लिए, स्वस्थ रहने के लिए लगातार वातावरण से संघर्ष करता है। जिसके कारण शरीर में वात, पित्त, कफ का संतुलन बिगड़ जाता है। देखा जाए तो शरीर के इस बिगड़े हुए असंतुलन को फिर से संतुलन में लाना ही नवरात्रों का अहम कार्य है। Read more » Featured शक्ति आराधना