धर्म-अध्यात्म राम के बिना कैसी दिवाली October 24, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्तानी भगवान श्रीराम जब असुर रावण वंश का विनाश करके अयोध्या लौटे तो राम के भक्तों ने विजयोत्सव मनाया यानी दीपावली का त्यौहार मनाया। कहते हैं कि यहीं से दीवाली का प्रारम्भ हुआ। भगवान राम का प्राकट्य जिस भूमि पर हुआ वहां दीवाली की चमक आज भी बरकरार है, इतना ही नहीं पूरे भारत […] Read more »
धर्म-अध्यात्म महिषासुर उत्सव : मूर्खताओं से भरे लोगों की पहल October 17, 2013 / October 17, 2013 by व्यालोक पाठक | 4 Comments on महिषासुर उत्सव : मूर्खताओं से भरे लोगों की पहल व्यालोक पाठक फायलिन नाम का चक्रवात अपनी तबाही और बर्बादी के असर छोड़कर जा चुका है। इसी बीच आंधी और पानी के दरम्यान ही दुर्गापूजा का शोर भी धीमा पड़ चुका है, मूर्तियों का विसर्जन हो गया है और ओडीशा-आंध्र-बिहार में तबाही का अंदाजा लगाया जाने लगा है। मन अजीब सा ‘मेलन्कॉलिक’ हो गया है […] Read more » जेएनयू दुर्गा पूजा महिषासुर उत्सव
धर्म-अध्यात्म महिषासुर के नाम पर विचारधारा की जंग? October 11, 2013 by राजीव रंजन प्रसाद | 5 Comments on महिषासुर के नाम पर विचारधारा की जंग? राजीव रंजन प्रसाद धीमा जहर कैसे फैलाया जाता है और मिथक कथाओं के माध्यम से सर्वदा विद्यमान जातिगत खाइयों को किस तरह चौड़ा किया जा सकता है इसका उदाहरण है इन दिनों महिषासुर पर चलाई जा रही कुछ चर्चाएं। बस्तर में सिपाहियों की शहादत पर दारू छलका कर जश्न मनाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली […] Read more » जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय महिषासुर
धर्म-अध्यात्म इंसान से भी गए बीते हैं वे जो खुद को भगवान समझते हैं October 2, 2013 / October 2, 2013 by डॉ. दीपक आचार्य | 2 Comments on इंसान से भी गए बीते हैं वे जो खुद को भगवान समझते हैं डॉ. दीपक आचार्य पिछले कुछ समय से स्वयंभू लोगों की हमारे यहाँ जबरदस्त बाढ़ आयी हुई है। इनमें सभी धंधों, गोरखधंधों, वर्गों, क्षेत्रों और हुनरों वाले लोग हैं जो स्वयंभू बने हुए अपने आपको भगवान से कम नहीं समझते हैं। इनमें कई दीर्घकालीन हैं, कई अंशकालीन और कई सारे किश्तों-किश्ताेंं में भगवान मानने वाले। खूब […] Read more »
जन-जागरण जरूर पढ़ें धर्म-अध्यात्म महत्वपूर्ण लेख धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्ट्रचिंतन सदा प्रबल रहा September 21, 2013 / September 23, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 6 Comments on धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्ट्रचिंतन सदा प्रबल रहा राकेश कुमार आर्य वेद का पुरूष सूक्त बड़ा ही आनंददायक है। वहां क्षर पुरूष प्रकृति जो कि नाशवान है, अक्षर पुरूष-जीव, जिसकी जीवन लीला प्रकृति पर निर्भर है, और जो इसका भोक्ता है, और अव्यय पुरूष पुरूषोत्तम-ईश्वर के परस्पर संबंध का मनोहारी वर्णन है। इसी वर्णन में कहीं राष्ट्र का ‘बीज तत्व’ छिपा है। वेद […] Read more » धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्टट्रचिंतन सदा प्रबल रहा
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार गणपति बप्पा मोरया… September 13, 2013 / September 13, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर घर का कोई भी शुभ काम करने से पहले उनकी पूजा की जाती है…वो सवांरते हैं सभी के बिगड़े काम…और सभी की करते हैं विघ्न बाधाएं दूर… तभी तो सारा जग जानता है उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से….जी हां हम बात कर रहें हैं गणपति बप्पा यानि कि गणेश जी की…सारा देश […] Read more » गणपति बप्पा मोरया...
टॉप स्टोरी धर्म-अध्यात्म एक प्रश्न! September 11, 2013 by बीनू भटनागर | 2 Comments on एक प्रश्न! एक प्रश्न !आख़िर दुनिया मे लोगो को धर्म गुरु या आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता ही क्यों महसूस होती है ? पहली बात जो दिमाग़ मे आती है वह है परंमपरा, जिस तरह घर मे किसी देवी देवता को पूजने की परंपरा होती है, वैसे ही कुछ परिवारों मे किसी को गुरु मानकर उन्हे भगवान का […] Read more » एक प्रश्न!
धर्म-अध्यात्म प्रेम के पुंज -गुरु अर्जुन देव जी September 2, 2013 / September 2, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment ( गुरुता गद्दी दिवस) परमजीत कौर कलेर तेरा कीआ मीठा लागै…हरि नाम पदारथ नानक मांगे…गुरबाणी के इन शब्द को सुनकर आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि हम ईश्वर की रज़ा की बात कर रहे हैं…आपने बिल्कुल सही अंदाजा लगाया…ईश्वर की मर्जी के में गुरू का प्यारा ही रह सकता है…जो उसके हुक्म को सिर […] Read more » प्रेम के पुंज -गुरु अर्जुन देव जी
धर्म-अध्यात्म संसार के मार्गदर्षक हैं श्रीकृष्ण August 28, 2013 by अरविंद जयतिलक | 2 Comments on संसार के मार्गदर्षक हैं श्रीकृष्ण अरविंद जयतिलक वैदिक साहित्य में उदघृत है कि बह्रा या परम सत्य वह है जिससे प्रत्येक वस्तु उदभूत है। श्रीकृष्ण साक्षात परब्रह्रा हैं। ईश्वर हैं। समस्त पदार्थों के बीज हैं। नित्यों के नित्य हैं और जगत के नियंता हैं। शास्त्रों में ब्रह्रा को निर्विषेश कहा गया है। किंतु श्रीकृष्ण साकार हैं। कुरुक्षेत्र में उन्होंने मोहग्रस्त […] Read more » संसार के मार्गदर्षक हैं श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म जय कन्हैया लाल की…. August 28, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment (28 अगस्त जन्माष्टमी विशेष) परमजीत कौर कलेर जब-जब अन्याय और पाप बढ़ा है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार धारण करके इस धरती पर आते हैं… विष्णु ने भी अधर्म को रोकने और अधर्मी के संहार के लिए धरती पर अवतार लिया…इसी क्रम में भगवान विष्णु ने आठवां अवतार लिया श्रीकृष्ण जी के […] Read more » जय कन्हैया लाल की....
चिंतन आज की सबसे बड़ी समस्या मूर्ख और नादान लोग August 16, 2013 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on आज की सबसे बड़ी समस्या मूर्ख और नादान लोग डॉ. दीपक आचार्य जो लोग समझदार हैं, जिन्हें ईश्वर ने पर्याप्त बुद्धि से नवाजा है उन सभी प्रकार के लोगों में से अधिकांश लोगों के सामने जीवन की कोई और समस्या या पीड़ा हो न हो, मूर्ख और नासमझ लोग उनके लिए पूरी जिन्दगी समस्या बने रहते हैं। समझदार लोग चाहे कहीं रहें, उनका हर […] Read more »
चिंतन जश्न ही न मनाएँ देश के लिए कुछ करें भी August 14, 2013 / August 14, 2013 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य पिछले 66 साल से हम आजादी के पर्व का जश्न मनाते आ रहे हैं। इस दिन हम स्वतंत्रता सेनानियों और संग्राम में भागीदारी निभाने वाले लोगों को सिर्फ याद कर लिया करते हैं, उनके नामों की फेहरिश्त पढ़ लिया करते हैं और राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता की रक्षा के नाम पर […] Read more »