धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२९ (महाभारत पर आधारित उपन्यास-अंश) September 17, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (हस्तिनापुर की द्यूत-सभा) विपिन किशोर सिन्हा भीम शत्रुओं के जाल में फंसते दीख रहे थे। हम पांचो भ्राताओं की चट्टानी एकता में एक छोटी सी दरार ही तो देखना चाहते थे कौरव। चार उंगलियां कभी मुष्टिका का निर्माण नहीं कर सकतीं। मुष्टिका के बिना शत्रु पर प्रहार असंभव होता है। सिर्फ उंगली उठाने से शत्रु […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय हस्तिनापुर की द्यूत-सभा
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२८ (महाभारत पर आधारित उपन्यास-अंश) September 17, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment (हस्तिनापुर की द्यूत-सभा) विपिन किशोर सिन्हा “भीम, लौट आओ, मुझे लज्जित न करो। तुम्हें मेरी शपथ, लौट आओ।” युधिष्ठिर ने तेज स्वरों में बार-बार भीम को लौट आने का आदेश दिया। भैया भीम कठपुतली की भांति युधिष्ठिर के पांव के अंगूठे पर दृष्टिपात करते हुए अपने स्थान पर लौट आए। हम चारो भ्राताओं की जीवन-डोर […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय हस्तिनापुर की द्यूत-सभा
धर्म-अध्यात्म पर्यावरण गंगा और भारत September 16, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. सौरभ मालवीय | 16 Comments on गंगा और भारत सौरभ मालवीय गंगा शब्द का अर्थ तीव्रगामनी होता है लेकिन भारत में इस शब्द का अर्थ एक पवित्र नदी के रूप में है। इसका अर्थ पुरूषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति का साधन है यू तो संसार में हजारों नदियां हैं और भारत में भी एक सौ तेरह विपुल जल वाली नदियां है परन्तु भारतीय आस्था में […] Read more » India गंगा
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२५ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) September 12, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (खाण्डववन-दाह) विपिन किशोर सिन्हा खाण्डववन दाह! संरक्षक देवराज इन्द्र की सत्ता को सीधे चुनौती देने का यह कार्य था। स्वीकार करना सरल था, पूरा करना अत्यन्त कठिन। इन्द्र के वज्र का प्रत्युत्तर मेरे पास नहीं था। श्रीकृष्ण कुछ कर सकते थे। उन्होंने गोकुल में गोवर्धन पर्वत को तर्जनी पर धारण कर इन्द्र का दर्प चूर्ण […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय खाण्डववन-दाह
धर्म-अध्यात्म क्या स्वतंत्र भारत में ऐसा भी होता है….? September 8, 2011 / December 6, 2011 by राजीव गुप्ता | 15 Comments on क्या स्वतंत्र भारत में ऐसा भी होता है….? राजीव गुप्ता मेरे पति को ईसाईयों ने जान से ख़त्म कर दिया क्योंकि वो ईसाई नहीं बने ! गोद में दुधमुहे बच्चे को लेकर सिसकते हुए अर्चना भार्गव जी जो कि छतीसगढ़ राज्य के विलासपुर जिले के परसापन गाँव से दिल्ली के लोक कला मंच ( नजदीक जवाहरलाल स्टेडियम ) , में ५-६ सितम्बर , […] Read more » ईसाई धर्म परिवर्तन
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२४ (महाभारत पर आधारित अपन्यास) September 4, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (सुभद्रा के साथ अर्जुन का इन्द्रप्रस्थ में पुनरागमन) विपिन किशोर सिन्हा बलराम हतप्रभ रह गए। वे इस प्रस्ताव के लिए प्रस्तुत न थे। राजक्रोध पर नियंत्रण नहीं करते तो सुभद्रा के साथ कृष्ण से भी हाथ धोना पड़ता। शीघ्र ही निर्णय लिया गया – सुभद्रा सहित मुझे द्वारिका ससम्मान लौटा लिवाने का। योजनानुसार मैं रथ […] Read more » Kaho Kauntey अर्जुन कहो कौन्तेय सुभद्रा
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय (महाभारत पर आधारित उपन्यास) September 3, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (सुभद्रा-हरण) विपिन किशोर सिन्हा मेरे वनवास का अन्तिम चरण प्रारंभ हो चुका था। मैं हृदय से चाहता था कि यह चरण समाप्त ही न हो। इतने लंबे समय तक श्रीकृष्ण का सत्संग! मैं अभिभूत था। मैं भूल गया था कि मुझे इन्द्रप्रस्थ वापस भी लौटना है। श्रीकृष्ण मेरे ज्ञानवर्द्धन और मनोरंजन की ऐसी व्यवस्था करते […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय सुभद्रा-हरण
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-१८ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) August 25, 2011 / December 7, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (पाण्डवों के विवाहोपरान्त हस्तिनापुर की राजसभा) विपिन किशोर सिन्हा पिछला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें द्रौपदी से हमारे विवाह का समाचार हस्तिनापुर में सबसे पहले महात्मा विदुर को प्राप्त हुआ। विश्वस्त गुप्तचरों के माध्यम से हमारा संपर्क उनसे निरन्तर बना हुआ था। उन्होंने पितामह भीष्म और महाराज धृतराष्ट्र को हमारे जीवित बच जाने […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-१७ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) August 23, 2011 / December 7, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | 3 Comments on कहो कौन्तेय-१७ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) (द्रौपदी-विवाह) विपिन किशोर सिन्हा स्मृति पटल पर साकार हो उठती है – द्रौपदी से मिलन की प्रथम रात्रि – जैसे स्वर्ग शयन-कक्ष में सिमट आया हो। भार्यारूप में पांचाली कृष्णा, मेरे विजयगान की तरंगिणी, मेरे भाग्यसूर्य की प्रथम नवकिरण ने मेरे मरुभूमि सम जीवन शैली में सावन की रिमझिम की भांति प्रवेश किया। शयनागार को […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय-१७
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-१६ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) August 22, 2011 / August 22, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा पिछला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें इधर कर्ण को युद्ध के लिए अपने सम्मुख पाकर मैं अत्यन्त प्रसन्न हुआ। रंगभूमि में उसने मुझे द्वंद्व युद्ध की चुनौती दी थी। समयाभाव और कृपाचार्य की व्यवस्था के कारण हम लोगों में युद्ध नहीं हो सका था। आज विधाता ने बिना मांगे ही […] Read more » कहो कौन्तेय
धर्म-अध्यात्म सौंह करे, भौंहन हंसे, देन कहे, नटि जाइ August 22, 2011 / December 7, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | 3 Comments on सौंह करे, भौंहन हंसे, देन कहे, नटि जाइ क्षेत्रपाल शर्मा आइए आज जन्माष्टमी पर प्रभु के अवतार रूप पर एक मानवीय पक्ष पर गौर करें. सूरदास जैसा कोई शायद ही विलक्षण कवि हो, जिसने बाल पक्ष पर श्री कृष्ण की लीला गाई हो. किसी नटखट गोपी ने कृष्ण की मुरली छिपा दी है। मुरली बजाना कृष्ण को बड़ा अच्छा लगता है। वे मुरली […] Read more » कृष्ण
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-१५ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) August 22, 2011 / December 7, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा पिछला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें “ये हैं मेरे मित्र अंगराज कर्ण।” दुर्योधन का अहंमन्य उत्तर सभामण्डप में गूंजा। द्रौपदी ने त्रियक दृष्टि से श्रीकृष्ण की ओर दृष्टिपात किया। उन्होंने सहज स्मित बिखेरते हुए आंखों ही आंखों में द्रौपदी से ठीक वैसे ही बात की जैसे धनुष के समीप पहुंचकर, […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय-१५