कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम और यज्ञ: महाकुंभ मेला December 10, 2024 / December 10, 2024 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment सुनील कुमार महला सनातन भारतीय संस्कृति, भारत के प्राचीन गौरव, इतिहास और परंपरा का प्रतीक महाकुंभ मेला इस साल प्रयागराज(इलाहाबाद) में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है। यह भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम व सांस्कृतिक आयोजन है, जो 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पर्व तक चलेगा। जानकारों का कहना है […] Read more » World's largest religious gathering and yagya: Mahakumbh Mela महाकुंभ मेला
धर्म-अध्यात्म अंतर्शक्ति को जगाता है ‘मौन’ November 19, 2024 / November 19, 2024 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति के इस दौर में जीवन बहुत ही आपाधापी और भाग-दौड़ वाला हो गया है। मनुष्य दिनभर में अंट-शंट बातें करता है, इधर-उधर की सुनता है और बात-बात पर आलतू-फालतू में अपने विचारों को प्रकट करता है। कोई भी आज की इस दुनिया में ‘मौन’ नहीं रहना चाहता। व्यर्थ की बातें और गप-शप में […] Read more » 'Silence' awakens the inner power
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म भगवान राम की सीख November 18, 2024 / November 18, 2024 by शिवानंद मिश्रा | Leave a Comment शिवानंद मिश्रा वनवास के समय एक भीषण वन से गुजरते समय श्रीराम एक विकराल दैत्य को देखते हैं। इतना बड़ा कि वह सिंह, हाथियों, भैंसे आदि बड़े पशुओं को भी खाते हुए आगे बढ़ रहा है। संदेह न कीजिये, अधर्म का स्वरूप इतना ही विकराल होता है । उस गहन वन में दूर दूर तक […] Read more » Lord Ram's teachings
धर्म-अध्यात्म दूसरों से भिन्नता प्रकट करने के लिए सबसे प्रथम और सुगम उपाय नाम November 18, 2024 / November 18, 2024 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” किसी भी समाज का बाहरी स्वरुप होना नितान्त आवश्यक है, और प्रत्येक समाज का यह स्वयं करणीय कर्म अर्थात कार्य है कि वह अपने लक्षण (स्वरूप) का निर्धारण स्वयं करे, जो देखने वालों को दिखाई दे। उदहारण के रूप में आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दुओं में अत्यंत प्राचीन काल में सिर पर चोटी अर्थात […] Read more » दूसरों से भिन्नता
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा हंस, वसु, होता और अतिथि कैसे हैं ? November 18, 2024 / November 18, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment (दिवंगत बड़े भाई को छोटे भाई की आदर्श श्रद्धांजलि) मेरा यह लेख अपने पूज्य भ्राता जी,उपनिषदों के ज्ञाता और वैदिक मूल्यों के प्रति समर्पित होकर जीवन जीने वाले प्रो0 विजेन्द्र सिंह आर्य जी के प्रति समर्पित है । जिनका विगत 1 नवंबर 2024 को देहांत हो गया था। मृत्यु से सही 2 दिन पूर्व जब […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म कार्तिक शुक्ल दशमी को श्रीकृष्ण ने किया था कंस का वध November 11, 2024 / November 11, 2024 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” लंकेश रावण का वध अर्थात रावण दहन का प्रतीक रूप में आयोजन देश भर में आश्विन शुक्ल दशमी अर्थात विजयादशमी को जिस तरह किया जाता है, उसी प्रकार कार्तिक शुक्ल दशमी को मथुरा सहित देश के कई हिस्सों में कंस वध लीलाओं का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि यदुकुल के राजा […] Read more » Lord Krishna killed Kansa on Kartik Shukla Dashami. कार्तिक शुक्ल दशमी
धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार स्वच्छता, सुचिता,समरसता व सौहार्द का अनुपम उदाहरण है छठ पूजा November 6, 2024 / November 6, 2024 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी छठ पूजा यानि सूर्य की उपासना का अनूठा पर्व ,सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण ,वर्ग ,धर्म एवं संप्रदाय को एकाकार करने का अद्भुत संयोग से संपन्न यह व्रत कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बिहार , झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसे लोक आस्था और […] Read more » Chhath Puja is a unique example of cleanliness harmony and amity. purity छठ पूजा
धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार सूर्योपासना का महापर्व ‘छठ’ November 5, 2024 / November 5, 2024 by संजय कुमार | Leave a Comment संजय कुमार सुमन भारतीय संस्कृति में हर ऋतु में कोई न कोई पर्व आता है। ऋतु परिवर्तन को मनाने के लिए व्रत, पर्व और त्योहारों की एक शृंखला लोक जीवन को निरंतर आबद्ध किए हुए हैं। भारतीय संस्कृति की पहली विशेषता है ‘सर्वेभवंतु सुखिन:, अर्थात सभी सुखी हों। दूसरी विशेषता है ‘आनो भद्रा कतयो यंतु विश्वत:, […] Read more » छठ
धर्म-अध्यात्म कर्मफल भोगे बिना जीव को छुटकारा नहीं । November 4, 2024 / November 4, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव महाकवि कालिदासकृत के द्वारा रचित ’’कुमारसंभव’’ के पॉचवे सर्ग में भगवान शंकर की प्राप्ति के लिये पार्वती जी हिमालय पर तप कर रही है, तब शंकर जी उनके निश्चय की परीक्षा करने के लिये एक ब्रम्हचारी के वेश में आकर कुशल क्षेम पूछने के बाद कहते […] Read more » there is no salvation for the living being. Without suffering the consequences of karma
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक रोशनी का पर्व है दीपावली November 2, 2024 / November 2, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- दीपावली एक समृद्धि, खुशहाली एवं रोशनी का लौकिक पर्व है। यह जितना भौतिक पर्व है, उतना ही आध्यात्मिक पर्व भी है, इसलिये यह केवल बाहरी अंधकार को ही नहीं, बल्कि भीतरी अंधकार को मिटाने का पर्व भी बने। हम भीतर में धर्म का दीप जलाकर मोह और मूर्च्छा के अंधकार को दूर कर […] Read more » दीपावली
ज्योतिष धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार पुरूषार्थ चतुष्टय एवं समस्त अभीष्ट प्रदात्री श्रीलक्ष्मी October 28, 2024 / October 28, 2024 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” सुवर्ण के रंग वाली, सोने और चाँदी के हार पहनने वाली, अपने कर-कमलों में कमल युगल धारण करने वाली, चन्द्रमा के समान प्रसन्नकांति, समस्त सर्वांगींण कल्याण का विधान करने वाली, स्वर्णमयी देवी जगजननी लक्ष्मी की उपासना भारत और इसके बाहर के देशों में अति प्राचीन काल से ही प्रचलित रहा है, तथा लक्ष्मी की दशांग उपासना की सम्पूर्ण विधि […] Read more » श्रीलक्ष्मी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार दीपावली का सांस्कृतिक, धार्मिक व आर्थिक महत्व October 28, 2024 / October 28, 2024 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय दीपावली अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। दीपावली का अर्थ है- दीपों की पंक्तियां। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ एवं ‘आवली’ से हुई है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली एक दिवसीय त्यौहार नहीं है। इसमें कई त्यौहार सम्मिलित हैं, जो एक-दूसरे से संबद्ध हैं […] Read more » economic importance of Diwali religious and economic importance of Diwali दीपावली