आर्थिकी जरूर पढ़ें धर्म-अध्यात्म घातिनी अर्थवृत्ति May 1, 2015 by राम सिंह यादव | Leave a Comment शनै: शनै: करके वक्त बीत चला है। 2014 की ईस्वी भी डूब चुकी है। चंद सफ़ेद पन्ने हैं जिन पर इतिहास छप चुका है. कुछ पन्ने फड़फड़ा कर चहक रहे हैं तो कुछ भीगे हुये दर्द और स्याह की खामोश दास्तानों से लिपटे हुये खामोश से पड़े हैं। हजारों सालों से सभ्यताओं की जो टूटी […] Read more » Featured
आर्थिकी जन-जागरण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन April 28, 2015 / April 28, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | Leave a Comment -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारत में सबसे बडे कराधान सुधारों में से एक – वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) – सभी राज्य अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक एकल, एकीकृत भारतीय बाजार बनाएगा। जीएसटी 2016/01/04 से लागू किया जाना निर्धारित है। केंद्र […] Read more » Featured जीएसटी टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन
आर्थिकी जरूर पढ़ें गैस की खैरात बनाम संसदीय राजनीति की साख… April 22, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -डॉ. अजय खेमरिया- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर एलपीजी सब्सिडी छोड़ने का असर देश भर में दिखायी दे रहा है. 31 मार्च 2015 तक तीन लाख ग्राहक अपनी सब्सिडी छोड़कर लागत मूल्य पर घरेलू गैस खरीद रहे हैं. बैंगलोर में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सभी […] Read more » Featured गैस की खैरात बनाम संसदीय राजनीति की साख....... गैस सब्सिडी घरेलू गैस नरेंद्र मोदी भाजपा
आर्थिकी कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन April 8, 2015 / April 11, 2015 by अंकुर विजयवर्गीय | 1 Comment on कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन ‘एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक’ (एआईआईबी) की वजह से विश्व के वित्तीय संतुलन में परिवर्तन की नई संभावनायें बन गई हैं। यूरोप और अमेरिका के इर्द-गिर्द घूमती वैश्विक अर्थव्यवस्था अब चीन सहित एशिया में केंद्रित होती जा रही है, जिसका नेतृत्व चीन के हाथों में है। वैसे भी चीन समानांतर वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैकल्पिक मुद्रा व्यवस्था […] Read more » Featured कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन चीन; एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक' (एआईआईबी वित्तीय संतुलन वैश्विक अर्थव्यवस्था
आर्थिकी राजनीति किसानों के सहारे कांग्रेस April 6, 2015 / April 7, 2015 by नीतेश राय | Leave a Comment आजादी के बाद भारत शुरू से ही एक कृषि प्रधान देश के रूप विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है | तभी तो शुरू से ही भारतीय अर्थव्यवस्था हमेशा कृषि पर केंद्रित रही है | आज भी भारत की कुल जनसंख्या की72.2 प्रतिशत आबादी गाँवो में निवास करती है | इसी कारण […] Read more » किसानों के सहारे कांग्रेस कृषि प्रधान देश नीतेश राय बेमौसम बरसात भारतीय अर्थव्यवस्था भूमि अधिग्रहण बिल
आर्थिकी युक्तियुक्तकरण या उदारीकरण ? April 3, 2015 / April 4, 2015 by संजय पराते | 1 Comment on युक्तियुक्तकरण या उदारीकरण ? ‘उदारीकरण’ के लिए संघी शब्दावली है–‘युक्तियुक्तकरण’. भाजपा की ‘उदार युक्ति’ यही है कि आम जनता के पास जो थोड़ी-बहुत सुविधाएं बची है, उसे भी छीना जाएं, ताकि ‘खास जनता’ की तिजोरियों को भरा जा सकें. आखिर इसी ‘खास जनता’ ने तो उसे सत्ता में पहुंचाया है, वर्ना वह तो ‘खाकी पार्टी’ ही बनकर रह गई […] Read more » Featured उदारीकरण युक्तियुक्तकरण युक्तियुक्तकरण' या 'उदारीकरण' संजय पराते
आर्थिकी राजनीति वचन मोदी: अब गैस सब्सिडी छोड़ दो April 2, 2015 / April 4, 2015 by निर्मल रानी | 2 Comments on वचन मोदी: अब गैस सब्सिडी छोड़ दो दो-तीन दशक पूर्व तक हमारे देश की अधिकांश आबादी अपनी रसोई के ईंधन के रूप में लकड़ी,लकड़ी के बुरादे,कोयला,मिटटी का तेल,स्टोव आदि का इस्तेमाल किया करती थी। उस समय निश्चित रूप से सुबह व शाम के समय आसमान पर काले धुंए की एक मोटी परत वातावरण में चारों ओर बिछी नज़र आती थी। चूल्हे के […] Read more » Featured अब गैस सब्सिडी छोड़ दो एलपीजी गैस सब्सिडी निर्मल रानी वचन मोदी
आर्थिकी राजनीति गैस सब्सिडी: सोच बदलने की ज़रूरत March 30, 2015 / April 4, 2015 by अमित शर्मा | 4 Comments on गैस सब्सिडी: सोच बदलने की ज़रूरत हमारे देश में तमाम राजनीतिक दल ऐसे हैं जो सत्ता हासिल करने के लिए जनता को तमाम चीजें मुफ्त में देने की घोषणा करते रहते हैं. देखा गया है कि अनेक अवसरों पर राजनीती दलों की ये चाल कामयाब भी रहती है. परन्तु ऐसे समय में भी अगर देश का प्रधानमन्त्री लोगों से मुफ्त की […] Read more » Featured gas subsidy अमित शर्मा अर्थव्यवस्था मुफ्त में देने की घोषणा मुफ्तखोरी की सोच
आर्थिकी राजनीति रेलमंत्री जी! सुविधा नहीं, सुरक्षा जरूरी March 26, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment रेलवे परिचालन में यात्रियों की सुरक्षा सदा से इस देश के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यक मुद्दा रहा है। यात्रियों की निर्विघ्न सुरक्षित यात्रा हो, इसके लिए प्रयास करना रेल विभाग का मूल दायित्व है। रेल सेवा की सार्थकता इस श्रेष्ठ उपलब्धि में ही निहित है कि हमारे देश वासियों की निर्वाध यात्रा पूर्ण सुरक्षा के […] Read more »
आर्थिकी खेत-खलिहान राजनीति अन्नदाताओं से नीरस संवाद March 24, 2015 / March 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अन्नदाताओं से नीरस संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के बहाने रेडियो के माध्यम से देश के अन्नदाताओं से जो इकतरफा व एकपक्षीय संवाद किया, उसने साफ है कि केंद्र सरकार के लिए किसान एवं कृषि हित से कहीं ज्यादा औद्योगिक हित महत्वपूर्ण हैं। जबकि मोदी ने तूफानी चुनावी दौरों में किसानों को भरोसा जताया था […] Read more » mann ki bat अन्नदताओं से नीरस संवाद किसान अत्महात्या कृषि मजदूर प्रमोद भार्गव प्राकृतिक आपदा भूमि अधिग्रहण
आर्थिकी खेत-खलिहान राजनीति कभी दिल की भी सुन लिया करो साहब March 24, 2015 by आदर्श तिवारी | 1 Comment on कभी दिल की भी सुन लिया करो साहब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेअपने ६वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम किसानों से किया लेकिन, बात किसानों की मन की नहीं बल्कि अगर हम ये कहें कि मोदी अपने सरकार पर लग रहे भूमि अधिग्रहण बिल के आरोपो का स्पष्टीकरण देकर किसानों का भरोसा जीतने की कवायद की तो ये तनिक भी अतिशयोक्ति नहीं होगी. बेमौसम हुए […] Read more » आदर्श तिवारी कभी दिल की भी सुन लिया करो साहब बेमौसम बरसात भूमि अधिग्रहण बिल मन की बात
आर्थिकी जन-जागरण नर्मदा बाँध -सांख्यिकी और भूमि अधिग्रहण March 24, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 2 Comments on नर्मदा बाँध -सांख्यिकी और भूमि अधिग्रहण (एक) प्रवेश: जब भूमि-अधिग्रहण विषय पर अति मह्त्त्वपूर्ण और निर्णायक चर्चाएँ चल रही हैं; तो सरदार सरोवर प्रकल्प जो नर्मदा बाँध के निर्माण से संबंध रखता है, उसकी उपलब्ध (अनुमानित) सांख्यिकी की जानकारी प्रवक्ता के पाठकों को भूमि अधिग्रहण के विषय में अपना मत और मन बनाने में सहायक होगी। इस हेतु से प्रस्तुत है […] Read more » डॉ. मधुसूदन नर्मदा बाँध -सांख्यिकी और भूमि अधिग्रहण बाँध भूमि अधिग्रहण सरदार सरोवर