आर्थिकी विधि-कानून समाज आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? September 27, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 1 Comment on आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? पीयूष द्विवेदी आरक्षण तो इस देश में हमेशा से ही बहस, विवाद और राजनीति का विषय रहा है । पर फ़िलहाल कुछ समय से ये विषय ठण्डा पड़ा था जिसे गुजरात में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पटेल आरक्षण की मांग को लेकर उठे विवाद ने एकबार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया । […] Read more » Featured आर्थिक आधार पर आरक्षण आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज
आर्थिकी राजनीति पूँजीवाद की कोई और शक्ल ? September 22, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान आदिकालीन साम्यवादी समाज में मनुष्य पारस्परिक सहयोग द्वारा आवश्यक चीजों की प्राप्ति और प्रत्येक सदस्य की आवश्यकतानुसार उनका आपस में बँटवारा करते थे। परंतु यह साम्यवाद प्राकृतिक था; मनुष्य की सचेत कल्पना पर आधारित नहीं था। आरंभ के ईसाई पादरियों के रहन-सहन का ढंग बहुत कुछ साम्यवादी था, वे एक साथ और समान […] Read more » capitalis Featured पूंजीवाद
आर्थिकी क्या इस मंदी का अंदाजा है आपको August 31, 2015 by अंकुर विजयवर्गीय | 1 Comment on क्या इस मंदी का अंदाजा है आपको कुछ साल पीछे जाइये। 2007-08 की वैश्विक मंदी याद है न आपको। विश्व अर्थव्यवस्था अभी भी उससे पूरी तरह उभर नहीं पाई है। और अब उससे भी बड़ी वैश्विक मंदी की दस्तक पड़ने लगी है। आशंका है कि अक्टूबर 2015 में दुनिया की अर्थव्यवस्था के संकटग्रस्त होने की खबरें खुले आम हो जायेंगी। पूंजी का […] Read more » Featured मंदी का अंदाजा
आर्थिकी विविधा भारत गुलामी की ओर…….. August 7, 2015 / August 11, 2015 by संजय चाणक्य | Leave a Comment ‘‘ जिनके दिल में दर्द है दुनिया का, वही दुनिया मे जिन्दा रहते है! जो मिटाते है खुद को जीते जी, वही मरकर जिन्दा रहते है!!’’ अगर हम आपसे कहे कि भारत एक बार फिर गुलामी की ओर बढ़ रहा है, तो शायद आपकों कुछ अटपटा सा लगेगा। हो भी क्यों नही। क्योकि जहां से […] Read more » भारत गुलामी
आर्थिकी विविधा अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना July 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना प्रमोद भार्गव सोने के लगातार गिरते भाव भारतीय अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोने के भाव गिरकर 25,500 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। पिछले पांच साल में यह दर सबसे कम है। सोने के दामों में कमी के कई अंतरराष्ट्रिय कारण एक साथ बने हैं। लिहाजा सोने की मांग गिर गई है। […] Read more » अर्थव्यवस्था की मुसीबत सोना
आर्थिकी समाज अमीरी बनाम गरीबी July 11, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान जनगणना के ताजा आंकडों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के तीन चौथाई परिवारों की आमदनी पांच हजार रुपए महीने से ज्यादा नहीं है। गांवों में रहने वाले बानबे फीसद परिवारों की आय प्रतिमाह दस हजार रुपए से कम है। शहरी इलाकों के आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए गए हैं। पर वे जब भी सामने […] Read more » अमीरी गरीबी
आर्थिकी विविधा विश्ववार्ता यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन July 6, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री पश्चिमी देशों के मानकों के अनुसार यूनान विकसित देशों की कोटी में आता है । वह यूरोपीय यूनियन का सदस्य भी है । विकसित देशों के माडल का उदाहरण आम तौर विकासशील और पिछड़े देशों को इसलिये दिया जाता है ताकि वे भी इसका अनुसरण करें और प्रगति की सीढ़ियाँ फलांगते […] Read more » यूनान की अर्थव्यवस्था
आर्थिकी आमूल-चूल परिवर्तन से पूरा होगा सबके लिए घर का सपना June 22, 2015 / June 22, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment -सिद्धार्थ शंकर गौतम- हाल ही में मोदी कैबिनेट ने सभी के लिए घर योजना को मंजूरी दे दी है जिसमें शहरी गरीबों तथा कम आय वर्ग के लिए मकानों का निर्माण किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए देश के सभी 4011 शहरों और कस्बों में […] Read more » Featured आमूल-चूल परिवर्तन से पूरा होगा सबके लिए घर का सपना घर मकान
आर्थिकी झारखण्ड में कृषि रकबा बढ़ाने की कृषि विभाग की कवायद June 3, 2015 / June 3, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- हमारे देश भारतवर्ष की उन्नति और समग्र विकास तथा देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण स्थान है और भारतवर्ष में आवश्यक खाद्यान्न की लगभग पूरी की पूरी आपूर्ति कृषि के माध्यम से ही की जाती है । आदिकाल से ही भारतीय कृषि देश के निवासियों के लिये जीवन-निर्वाह का सबसे […] Read more » Featured कृषि कृषि विभाग झारखण्ड झारखण्ड में कृषि रकबा बढ़ाने की कृषि विभाग की कवायद
आर्थिकी बदलती अर्थव्यवस्था में कम ह्रुए उपभोक्ता May 29, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- नरेंद्र मोदी सरकार की उम्र एक वर्श हो गई है। इस एक साल के भीतर राजग सरकार ने वैश्विक फलक पर पूंजी निवेश का जो माहौल तैयार किया है, उससे भारतीय अर्थव्यवस्था के कायापलट की उम्मीद बढ़ी है। इसे और गति देने की मंशा से ही भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक और वस्तु एवं […] Read more » Featured अर्थव्यवस्था उपभोक्ता बदलती अर्थव्यवस्था में कम ह्रुए उपभोक्ता
आर्थिकी व्यंग्य पोटली में रुपया May 29, 2015 by अमित राजपूत | Leave a Comment -अमित राजपूत- आज जहां पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है, उसके पर्दे की वो प्रथा समाप्त हो गयी जिसके रहते लोग पैसों से कभी साध्य की तरह व्यवहार नहीं करते थे, आज भिखारी भी एक का सिक्का स्वाभिमान में वापस कर देता है। आज के समय में जहां किसी दुकान से कुछ […] Read more » Featured पोटली में रुपया महंगाई पर व्यंग्य व्यंग्य
आर्थिकी टॉप स्टोरी व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें May 21, 2015 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें –रिटेल एफडीआई पर केंद्र सरकार के यू-टर्न के मायने क्या हैं- -संजय द्विवेदी- भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने खुदरा व्यापार में 51 प्रतिशत एफडीआई के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को जारी रखने का फैसला किया है। कभी इसी भाजपा ने 8 दिन संसद रोककर, हर राज्य की राजधानी में बड़ा प्रदर्शन आयोजित […] Read more » Featured एफडीआई रिटेल रिटेल एफडीआई पर केंद्र सरकार के यू-टर्न के मायने क्या हैं