जन-जागरण विविधा पुरस्कार वापसी का सच November 2, 2015 / November 2, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on पुरस्कार वापसी का सच प्रख्यात अन्तर्राष्ट्रीय लेखिका तसलीमा नसरीन ने दिनांक २९.१०.१५ को अपने एक बयान में कहा है कि पहले मुझे लग रहा था कि सच में साहित्यकार पुरस्कार वापिस करके अपने दुख की अभिव्यक्ति कर रहे हैं, परन्तु अब भारत में जिस तरह से पुरस्कार वापिस किए जा रहे हैं और जो कारण दिया जा रहा है, […] Read more » Featured
जन-जागरण विविधा हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष October 31, 2015 by अनिल गुप्ता | 2 Comments on हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष श्री नरेंद्र मोदी जी का भारत के प्रधान मंत्री पद पर आरूढ़ होना नियति की इच्छा से संभव हुआ है!माँ भारती पिछले एक हज़ार वर्षों से सिसक रही थी कि कोई तो आये और उसके कष्टों का निवारण करे!सभी हिंदुत्व प्रेमियों के सहयोग से मोदी जी प्रधान मंत्री बने! पिछले एक हज़ार वर्षों में देश […] Read more » Featured हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष
जन-जागरण विविधा देश धर्म के नये क्रन्तिकारी ! October 30, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजीव चौधरी अभी पिछले कुछ दिन पहले की बात है, राजीव चौक गेट नम्बर 7 से आगे पालिका बाजार के सामने एक आदमी चाय पी रहा था उसने चाय पीने के बाद प्लास्टिक कप को बराबर में फेंक दिया उसके बाद जेब से सिगरेट की डब्बी से सिगरेट निकलकर उसे खाली कर फेंक दिया मैने […] Read more » देश धर्म के नये क्रन्तिकारी !
जन-जागरण विविधा पानी बिना जि़ंदगानी कहां ? October 29, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on पानी बिना जि़ंदगानी कहां ? निर्मल रानी ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी ग्रह मंडलों में पृथ्वी निश्चित रूप से अकेला ऐसा ग्रह है जिसपर प्राणियों का जीवन संभव हो सका है। ज़ाहिर है इसकी एकमात्र वजह यही है कि पृथ्वी पर प्राणियों की सबसे बड़ी ज़रूरत अर्थात् पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर […] Read more » Featured no life without water पानी पानी बिना जि़ंदगानी कहां ?
जन-जागरण विविधा बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश October 23, 2015 / October 23, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक क्या स्वतंत्र भारत में कभी ऐसा हुआ है कि किसी राष्ट्रपति को दो हफ्तों में तीन बार अपील करनी पड़े? राष्ट्रपति को बार−बार क्यों कहना पड़ रहा है कि लोग सद्भाव और सहनशीलता का वातावरण बनाए रखें? प्रधानमंत्री ने दबी जुबान से वही बात दोहराई, जो राष्ट्रपति ने कही। दोनों की अपीलों […] Read more » Featured बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश
जन-जागरण राजनीति सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर October 23, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 1 Comment on सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर उमेश चतुर्वेदी वैचारिक असहमति और विरोध लोकतंत्र का आभूषण है। वैचारिक विविधता की बुनियाद पर ही लोकतंत्र अपना भविष्य गढ़ता है। कोई भी लोकतांत्रिक समाज बहुरंगी वैचारिक दर्शन और सोच के बिना आगे बढ़ ही नहीं सकता। लेकिन विरोध का भी एक तार्किक आधार होना चाहिए। तार्किकता का यह आधार भी व्यापक होना चाहिए। कथित […] Read more » Featured सम्मान वापसी अभियान
जन-जागरण विविधा साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं October 21, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं सुरेश हिन्दुस्थानी हमारी भारतभूमि ने अनेक प्रेरणादायी साहित्यकारों को जन्म दिया है। विश्व के अनेक देश साहित्य की गहराई में उतरने के लिए भारत की तरफ मुखातिब होते हैं। वास्तव में भारत साहित्य की जननी है। लेकिन वर्तमान में साहित्य को विकृत रूप देने वाले साहित्यकार अपनी स्वयं की प्रतिभा पर ही बहुत बड़ा सवाल […] Read more » Featured साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं
जन-जागरण विविधा डॉक्टरों और दवाइयों के बीच फँसा गरीब October 20, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment चिकित्सा विज्ञानं के जनक ‘अरस्त्तु’ ने अपने समय में कभी सोचा भी नहीं होगा की एक दिन उनका यह प्रयास व्यवसाय में बदलकर व्यापक पैमाने पर गोरखधंधे का जरिया बन जाएगा। अस्पताल से लेकर सड़क तक कुकुरमुत्ते की तरह फैले मेडिकल नेटवर्क का जंजाल, डॉक्टरों के लिए तो ऐशो-आराम व पैसे का साधन है तो […] Read more » Featured
जन-जागरण राजनीति अनिवार्य नहीं रहा आधार October 18, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पहचान-पत्र आधार को अनिवार्य करने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक बार फिर झटका दिया है। हालांकि केंद्र को मामूली राहत भी मिली है। अब इसका उपयोग स्वैच्छिक रूप से मनरेगा,भविष्यनिधि,पेंशन और जन-धन योजना में किया जा सकेगा। पीडीएस और एलपीजी में सब्सिडी के लिए आधार की मंजूरी न्यायालय […] Read more » Featured अनिवार्य नहीं रहा आधार आधार
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति पर क्या कहती है अमरीकी विदेश विभाग की यह रिपोर्ट ? October 16, 2015 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विगत दिनों अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार और सीनेटर मार्को रूबियो ने पाकिस्तान को “विशेष रूप से चिंताजनक देश Country of Particular Concern (CPC)” बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर […] Read more » Featured पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति
जन-जागरण पर्यावरण विविधा जैविक कृषि एवं पंचतत्व October 13, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment विद्वानों का मानना है कि सम्पूर्ण सृष्टि पंचतत्वों से बनी है। पंचतत्व यानि धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश। मानव हो या पशु-पक्षी या फिर पेड़-पौधे, सबमें इन पंचतत्वों का वास है। किसी में कोई एक तत्व प्रधान है, तो किसी में कोई दूसरा। जैसे मछली के लिए जल तत्व प्रधान है, तो पेड़-पौधों के […] Read more » Featured जैविक कृषि जैविक कृषि एवं पंचतत्व पंचतत्व
जन-जागरण समाज सूचना का अधिकार व सामाजिक परिवर्तन October 12, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आदिमकालीन मानव शनैः शनैः सभ्यता की ओर अग्रसर हुआ .भाषा व लिपि का अविष्कार होने के पश्चात् मानव समाज ने अनुशासन की आवश्यकता पूर्ति के लिये नियमों एवं रीति – रिवाजों की स्थापना की .उस समय मानव ने महसूस कर लिया था कि जंगल का कानून मानव समाज के हित में नहीं है .विश्व की […] Read more » Featured सामाजिक परिवर्तन सूचना का अधिकार