जन-जागरण समाज बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों April 3, 2015 / April 4, 2015 by रमेश पांडेय | 1 Comment on बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों देश में लगातार बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुई हाल की घटनाओं ने दरिंदगी की इंतहा पार कर दी है। बावजूद इसके भी सरकारों की तरफ से उदासीनता बरती जा रही है। अगर ऐसे ही रहा तो आने वाले दिनों में सामान्य […] Read more » child sex crime crime against children Featured ramesh pandey उदासीनता बच्चियों के साथ दरिंदगी बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों
जन-जागरण राजनीति भीम राव आम्बेडकर और उनके शिक्षा सम्बंधी विचार April 3, 2015 / April 4, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on भीम राव आम्बेडकर और उनके शिक्षा सम्बंधी विचार भीम राव आम्बेडकर ने देश के निर्धन और बंचित समाज को प्रगति करने का जो सुनहरी सूत्र दिया था , उसकी पहली इकाई शिक्षा ही थी । इससे अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि वे गतिशील समाज के लिये शिक्षा को कितना महत्व देते थे । उनका त्रि सूत्र था- शिक्षा,संगठन और संघर्ष । वे […] Read more » b r ambedakar dr. b r ambedakar Featured भीम राव आम्बेडकर भीम राव आम्बेडकर और उनके शिक्षा सम्बंधी विचार शिक्षा सम्बंधी विचार
जन-जागरण ऑटिज्म से हार बर्दाश्त नहीं April 2, 2015 / April 4, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment आपने अपने इर्द-गिर्द ऐसे बच्चे या व्यक्ति को देखा होगा, जो स्वयं में लीन रहते है। यदि नहीं तो आपने ‘तारे जमीं पर’, ‘कोई मिल गया’, माई नेम इज खान जैसे फिल्मों में इसके दृश्य अवश्य देखे होंगे। ऐसे बच्चों के आस-पास क्या हो रहा होता है, उससे उन्हें कोई सरोकार नहीं होता। इसका मतलब […] Read more » autism autism child Featured ऑटिज्म से हार बर्दाश्त नहीं
जन-जागरण टॉप स्टोरी राजनीति काली चमड़ी गोरी चमड़ी April 2, 2015 / April 4, 2015 by अमित शर्मा | Leave a Comment काली चमड़ी बनाम गोरी चमड़ी का विवाद कोई नया नहीं है. न ही ये सिर्फ भारत की बिमारी है. इसे विश्वव्यापी महामारी कहें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा क्यूंकि इसी काली चमड़ी गोरी चमड़ी के विवाद में अमेरिका आग की लपटों में झुलस गया था. ऑस्ट्रेलिया में तो काली चमड़ी के लोगों को इंसान मानना […] Read more » Featured giriraj singh racist remark on soniya gandhi Soniya Gandhi काली चमड़ी गोरी चमड़ी
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ वेदों का ज्ञान अपौरूषेय अर्थात् ईश्वर प्रदत्त हैः आचार्य धनंजय March 30, 2015 / April 4, 2015 by मनमोहन आर्य | 5 Comments on वेदों का ज्ञान अपौरूषेय अर्थात् ईश्वर प्रदत्त हैः आचार्य धनंजय आर्यसमाज सुभाषनगर के वार्षिकोत्सव का आज सोत्साह समापन हुआ। आयोजन में पं. धर्मसिंह ने अपनी भजन मण्डली सहित प्रभावशाली भजन प्रस्तुत किये जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रातःकाल डा. आचार्य धनंजय आर्य के ब्रह्मत्व में बृहद यज्ञ सम्पन्न हुआ जिसमें वेदपाठ और मंत्रोच्चार आर्यसमाज के पुरोहित श्री अमरनाथ एवं श्रीमद्दयानन्द आर्ष गुरूकुल, पौंधा, देहरादून के […] Read more » Featured मनमोहन कुमार आर्य वेदों का ज्ञान अपौरूषेय अर्थात् ईश्वर प्रदत्त है
जन-जागरण राजनीति एक कुआं, एक मंदिर, एक श्मसान के मायने March 30, 2015 / April 4, 2015 by वीरेंदर परिहार | 2 Comments on एक कुआं, एक मंदिर, एक श्मसान के मायने सच्चाई यह है कि संघ आरंभ से हिन्दू समाज की आत्महीनता को दूर करने तथा हिन्दुओं में व्याप्त भेदभाव एवं छुआछूत की भावना को दूर करने को प्रयासरत है। यहां तक कि संघ के प्रचारक अमूमन अपने नाम के आगे जाति नहीं लिखते और संघ में न तो जाति पूछी जाती है न वहां जाति […] Read more » Featured एक कुआं एक मंदिर एक श्मसान के मायने विरेन्द्र सिंह परिहार
जन-जागरण राजनीति धर्म के नाम पर अधर्म का उन्माद March 30, 2015 / April 4, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गत् 19 मार्च को फरख़ंदा नामक एक 27 वर्षीय मुस्लिम लडक़ी को स्वयं को धर्म का ठेकेदार बताने वाले मुस्लिम उन्मादियों की हज़ारों की भीड़ द्वारा जि़ंदा जला कर मार डाला गया तथा उसकी जली हुई क्षत-विक्षत लाश को काबुल नदी में इन्हीं उन्मादी आसामाजिक तत्वों द्वारा फेंक दिया गया। […] Read more » Featured आरोप है कि इस युवती ने कुरान शरीफ को जलाकर इस धार्मिक किताब के साथ बेअदबी की थी तनवीर जाफरी धर्म के नाम पर अधर्म का उन्माद मुस्लिम उन्मादियों
जन-जागरण राजनीति शख्सियत अंतिम जन को खैरात नहीं, खुद्दारी की दरकार March 27, 2015 / April 4, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment इस दुनिया में यदि कोई सबसे आसान काम है तो वह है, किसी में खामियां निकालना। इस दुनिया में यदि कोई सबसे कठिन काम है, तो वह है, दूसरों को उपदेश देने से पहले उसे स्वयं आात्मसात् करना। इस दुनिया में महान विचारक और भी बहुत हुए, किंतु महात्मा गांधी ने दुनिया के सबसे कठिन […] Read more » Featured अंतिम जन को खैरात नहीं खुद्दारी की दरकार अरुण तिवारी महात्मा गांधी
खान-पान जन-जागरण धर्म-अध्यात्म समाज माता के दूध का ऋण, सत्य धर्म की खोज व उसका पालन March 26, 2015 / March 26, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment अपार ब्रह्माण्ड का एक छोटा सा ग्रह यह पृथिवी लोक सर्वत्र मुनष्यों एवं अन्य प्राणियों से भरा हुआ है। मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसे परमात्मा ने बुद्धि तत्व दिया है जो ज्ञान का वाहक है। ईश्वर निष्पक्ष एवं सबका हितैषी है। इसी कारण उसने हिन्दू, मुसलमान व ईसाई आदि मतों के लोगों में किंचित […] Read more »
जन-जागरण समाज तकनीकी ने डाला समाजिक संबन्धों में खलल March 25, 2015 by नीतेश राय | Leave a Comment किसी भी राष्ट्र व पारिवारिक विकास के लिए तकनीकी और शिक्षा दो ऐसे पहिये है , जिनका तेजी के साथ चलना बेहद जरुरी हैं | इस विकास रूपी गाड़ी ने अपनी गति में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी की है | इस समय प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिया गया नारा “डिजिटल इंडिया” देशवासियों को तकनीकी के […] Read more » तकनीकी तकनीकी ने डाला समाजिक संबन्धों में खलल समाजिक संबन्धों में खलल
चुनाव राजनीति एक साथ चुनाव कराने की पहल March 25, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment विविधता और अनेक प्रकार की क्षेत्रीय अस्मिताओं एवं उपराष्ट्रीयताओं वाले देश भारत में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव संयुक्त रुप से कराए जाने की पहल केंद्र सरकार ने शुरू की है तो यह एक अच्छी शुरूआत मानी जानी चाहिए। इस कदम से अन्य सभी राजनीतिक दलों को कदमताल की जरूरत है। यदि इस विचार पर […] Read more » एक साथ चुनाव कराने की पहल चुनाव प्रमोद भार्गव
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म साहित्य आर्य समाज के उर्दू साहित्य का संरक्षण व उसका हिन्दी अनुवाद March 24, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महाभारत काल के बाद लगभग 5000 वर्ष का समय भारत के धार्मिक एवं सामाजिक जगत के लिए ह्रास व पतन का था। ऐसे समय में महर्षि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में आर्य समाज की स्थापना की। महर्षि दयानन्द वेदों के पारदर्शी विद्वान थे और महाभारत काल के बाद वा विगत 5,000 वर्षों […] Read more » आर्य समाज आर्य समाज के उर्दू साहित्य का संरक्षण व उसका हिन्दी अनुवाद उर्दू साहित्य