कविता तुलसी ने क्या नया लिखा जो पहले था उसका अनुवाद किया April 19, 2023 / April 19, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतुलसी ने क्या नया लिखा जो पहले था उसका अनुवाद किया‘आभीर यवन किरात खल स्वपचादि अति अघ (पाप) रुप जे’और ‘जे बरनाधम तेली कुम्हारा स्वपच किरात कोल कलवारा’और भी कहा ‘स्वपच सबर खस जवन जड़ पांवर कोल किरात,राम कहत पावन परम होत भुवन विख्यात’ ये तुलसी की बात! वाल्मीकि रामायण में समुद्र ने […] Read more »
कविता अपने अनुभवों से सीखा, तो क्या सीखा April 18, 2023 / April 18, 2023 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह अपने अनुभवों से सीखा,तो क्या सीखा।दूसरों के अनुभवों से सीखा,तो बहुत कुछ सीखा।सीख तो अपनों ने भी दी,पर अपनों में अनुभव कम था।अनुभवों के खिलाड़ी थे हम,भाव गैरों को दिया नहीं।गैरों ने ठुकराया नहीं।हमने किसी को अपनाया नहीं।हम मिले हमनवां मिला,मिलकर हुए पूरे।पाया अपनों को वहाँ,अपनों के भाव में ह्रदय की […] Read more »
कविता कोई बात नहीं ।। April 14, 2023 / April 14, 2023 by अजय एहसास | Leave a Comment गर टूट जाए दिल तो कोई बात नहींपैमाना छूट जाए कोई बात नहींहाथों से उसकी उंगली छूटने का है ये दर्दबदली नहीं लकीर कोई बात नहीं । मिन्नतें हुई ना पूरी कोई बात नहींमोहब्बत रही अधूरी कोई बात नहींवो दर्द सितारों के टूटने का एक तरफहै जिद जो हवाओं की कोई बात नहीं । उनके […] Read more »
कविता सूर तुलसी विद्यापति की बोली अब मानक हिन्दी के अनुकूल नहीं April 13, 2023 / April 13, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसूर तुलसी और विद्यापति की आंचलिक बोलीअब मानक हिन्दी राष्ट्र भाषा के अनुकूल नहीं,विद्यापति सूरदास तुलसीदास जब लिख रहे थे,तब हिन्दी भाषा नहीं जन्मी, ना फूली फली थी,बिल्कुल गर्भस्थ शिशुवत,कलियां नहीं खिली थी! उत्तर भारत में संस्कृत पाली प्राकृत और अपभ्रंश,विदेशी अरबी तुर्की फारसी भाषाई आक्रांताओं कीअसि मसि के प्रहार से टूट बिखर,अपभ्रंशित […] Read more » सूर तुलसी विद्यापति की बोली अब मानक हिन्दी के अनुकूल नहीं
कविता प्रथम ऐतिहासिक सम्राट बिम्बिसार की राजधानी राजगृह का वैभव व मगध का राजधर्म April 11, 2023 / April 11, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमहाभारत कालीन राजा जरासंध के पिताचेदिराज उपरिचर वसुपुत्र बृहद्रथ स्थापित,मगध के बार्हद्रथ वंश का बत्तीसवां शासकरिपुंजय को मार कर उनके मंत्री पुलिक नेमगध गिरिव्रज का सिंहासन किए विजित! ईसा पूर्व पांच सौ चौवालीस में हर्यक वंशीसामंत भट्टी ने पुलिक पुत्र की करके हत्या,पुत्र बिम्बिसार को दे दी गिरिव्रज की सत्ता,उस वक्त मगध में […] Read more » प्रथम ऐतिहासिक सम्राट बिम्बिसार
कविता धर्म चाहे जो मानो अपनी संस्कृति को कभी ना तिलांजलि दो April 7, 2023 / April 7, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारतीय धर्म दर्शन को जान लोसमस्त समस्याओं का समाधान लो! पढ़ो वेद उपनिषद गीता आरण्यकरामायण महाभारत आगम निगमत्रिपिटक जातक कथाएं स्मृति पुराणगुरुग्रंथ साहिब सत्यार्थ प्रकाश को! जीवन मृत्यु का ज्ञान मिलेगा संशय मिटेगामानव का जन्म मिला तो अगर मगर ना करअंधकार से प्रकाश में विचरण कर बनो निडर! ज्ञान की कोई जाति नहीं […] Read more » never give up your culture. No matter what religion you believe in
कविता मै मन के भाव लिखता हूं April 3, 2023 / April 3, 2023 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मन में भाव आते हैं तो मै लिखता हूं।दिल में दर्द होता है तो मै लिखता हूं।।किसी का कुछ न लेता हूं न मै देता हूं।केवल अपने उदगारो को मैं लिखता हूं।। दीवार के सहारे खड़ा हूं तेरा क्या लेता हूं।केवल अपने दिल की तपिश बुझा लेता हूं।।तू प्यार का पानी पिला न पिला मुझको।अपने […] Read more » i write my feelings
कविता बचाए रखनी होगी कथा कहने व सुनने की परम्परा April 3, 2023 / April 3, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबचाए रखनी होगी कथा कहने व सुनने की परम्पराकहानी के मुख्य पात्र और सारे किरदार तो चले गएमगर कथा में बची है उनकी जीवंत व्यथा की कथा! अगर कोई जिंदा कौम भूल जाता कथा कहना सुनना,तो ये उनके पूर्वजों के प्रति एहसान फरामोशी ही होगीहो सकता धर्मग्रंथों में नहीं लिखा गया हो सारा […] Read more » The tradition of telling and listening to stories has to be preserved
कविता राम मेरे फिर आज हैं चोटिल April 3, 2023 / April 3, 2023 by ज्योतिष आचार्या रेखा कल्पदेव | Leave a Comment राम मेरे फिर आज हैं चोटिलफैके गए हैं पत्थर उन पररोक लो, इससे पहले किराम पर पत्थर फैंकनाएक रिवायत बन जाए,राम मेरे फिर आज हैं चोटिल मैं सनातानी हिंन्दू हूंहिन्दू होना, हिन्दुस्तान मेंगुनाह ए अजीम जैसे हो गया७० साल प्रतिक्षा के बाद, ये दिन आयायह राष्ट्रद्रोहियों को सहन हुआ नाराम मेरे फिर आज हैं चोटिल […] Read more » राम मेरे फिर आज हैं चोटिल
कविता मानव वही जो मानव के शिक्षा स्वास्थ्य बसोबास की बात करे March 27, 2023 / March 27, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायक आज डर के साये में जी रहा इंसानियत, आज सच कहने का छिन लिया गया हक, आज पीछे छूट गया है इंसान का ईमान, आज इंसानी वजूद से अहं रब की इबादत! आज धर्म मजहब के नाम पर लोग हो गए इतने आत्ममुग्ध कि तर्क वितर्क की हमारी परम्परा शिद्दत से […] Read more »
कविता गौ माता की पूजा कर लो इससे बड़ी नहीं कोई पूजा जी March 6, 2023 / March 6, 2023 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकगौ माता की पूजा कर लो इससे बड़ी नहीं कोई पूजा जी,अपनी मां के बाद जो दूध पिलाए वही गौ माई दूजा जी!गाय से भली भोली कोई पशु पक्षी नहीं है इस दुनिया में,गाय से अच्छी कोई संगी साथी होती नहीं इस दुनिया में! गाय हर घर में जाती, किसी से भेद-भाव नहीं […] Read more » there is no greater worship than this. Worship mother cow
कविता रुक रुक के चलना, घुट घुट के जीने से अच्छा है…… March 6, 2023 / March 6, 2023 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment रुक रुक के चलना, घुट घुट के जीने से अच्छा हैI चल चल कर रुकना और घुट घुट के जीना, जीता इसी में संसार हैI नादानी में सुख है, इसी में तो परमात्मा खुश हैI सुखी वही जिसने रुकना सीखा, रुका वही जो नादान हैI होशियारी में दुःख है, इसी में तो संसार खुश हैI […] Read more » It is better to walk slowly than to live suffocating.