कविता
शिव पराकाष्ठा हैं।
/ by डॉ नीलम महेन्द्रा
शिव पराकाष्ठा हैं। राग की, वैराग्य की। स्थिरता की, दृढ़ता की। ध्यान की, विज्ञान की। ज्ञान के प्रकाश की।। वे समेटे हैं। प्रेम को, क्रोध को। शांति को, भ्रांति को। त्याग को, विश्वास को। भक्ति को, शक्ति को।। शिव स्त्रोत हैं। प्राण का, प्रमाण का। धर्म का, कर्म का। आचार का, विचार का । अंधकार […]
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