कविता जिंदगी May 22, 2021 / May 22, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह सुबह होती है रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|किताब के हर पन्ने पे,वही अध्याय होता है|हर अध्याय में,वही दैनिक दिनचर्या होती है|सुबह होती है,रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|वक़्त न जाने किस मोड़ पे,किताब की जगह कॉपी दे दे|सारे कर्मों का लेखा जोखा […] Read more » जिंदगी सुबह होती है रात होती है हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है……
कविता मुर्दे सवाल करते हैं…! May 19, 2021 / May 19, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मुर्दे सवाल करते हैं… ?वे कहते हैंबेमतलब बवाल करते हैंइंसानों हम तो मुर्दे हैंक्योंकि…हमारे जिस्म में साँसे हैं न आशेंलेकिन…इंसानों, तुम तो मुर्दे भी नहीं बन पाएक्योंकि…जिंदा होकर भी तुम मर गएमैंने तुमसे क्या माँगा था…?सिर्फ साँसे और अस्पतालतुम वह भी नहीं दे पाएहमने तो तुमसेसिर्फ चार कंधे मांगे…?तुम वह भी नहीं दे […] Read more » मुर्दे सवाल करते हैं
कविता गंगा मैया की पुकार May 19, 2021 / May 19, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अस्थियां प्रवाहित होती थी मुझमें,अब लाशे निरंतर बहती है मुझमें।और अब कितने पाप धोऊ सबके,ये गंगा मैया कह रही है हम सबको। जिस देश में पवित्र गंगा बहती है,अब पवित्र गंगा में लाशे बहती है।कैसा बुरा समय अब आ गया है,जब मुर्दों की बुरी गति होती है।। थक गई हूं मै पापियों के पाप धोते […] Read more » Call of Ganga maiya गंगा मैया की पुकार
कविता तब मिलेगी मुक्ति जातिवाद से May 19, 2021 / May 19, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआरक्षण शब्द घृणित हो चुका शब्द हरिजन सा,मगर छुपके छुपाके सबको चाहिएआरक्षण पिछड़े, आदिवासी, हरिजन के जैसा! अब आरक्षण मिला संपूर्ण भारत जन को,हरिजन-अंत्यज, पिछड़ेजन,अर्थहीन से समग्र ब्राह्मण जाति तक को! जब से आरक्षण ब्राह्मण को मिला,तब से उपाधि ‘हरिजन’ ‘राम’ जैसे आरक्षित शब्दघृणित नहीं और पूर्वाग्रह मुक्त सा भी लगने लगा! अब […] Read more » liberation from casteism Then you will get liberation from casteism तब मिलेगी मुक्ति जातिवाद से
कविता धन दौलत पर न कर इतना गुमान May 19, 2021 / May 19, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment धन दौलत पर न कर इतना गुमान,ये हाथ का मैल है धुल ही जाएगा।न कुछ लाया था न कुछ ले जायगा,यही पर सब कुछ ही रह जाएगा।। बनाये थे जो तूने महल दुम्हले,क्या तू इनको साथ ले जाएगा ?खड़े रहेंगे ये सभी यही पर बन्दे,साथ कुछ भी न तू ले जाएगा।। बांट देना अपने दोनों […] Read more » धन दौलत पर न कर इतना गुमान
कविता हे ईश्वर ऐसी ज्यादती मत करो May 18, 2021 / May 18, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहे ईश्वर! ऐसी ज्यादती मत करो,अगर हमें मनुष्य में जन्म दिए हो,तो समूची जिंदगीभर जी लेने दो! अगर हमें मनुज का जीवन दिए हो,किस्त-किस्तदर में जिंदगी जीने को,पच्चीस वर्ष ब्रह्मचर्याश्रम पढ़ने दो! पचास वर्ष तक गृहस्थाश्रम जीने को,पचहत्तर वर्ष तक वानप्रस्थ आश्रम है,हमें मनुर्भव:बनने दो, शेष है संन्यास! वर्ष पचहत्तर के पूर्व,हमें नही […] Read more » हे ईश्वर ऐसी ज्यादती मत करो
कविता भारत का अतीत कभी मरा नहीं है May 18, 2021 / May 18, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहिन्दुत्व का स्वभाव सर्वदा से ऐसा,कि यह जितना ही परिवर्तित होता,उतना ही मूल के करीब आ जाता! चौबीस तीर्थंकरों और एक बुद्ध ने,हिन्दुत्व औ”सनातन वैदिक धर्म में,व्यापक सुधार लाए थे जोर-शोर से,किन्तु वैदिक धर्म जस का तस है! भारत का अतीत कभी मरा नहीं है,भारत का अतीत कल भी जीवित था,आज भी जीवित […] Read more »
कविता ओम शब्द मां की पुकार है ओ मां May 17, 2021 / May 17, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकओम शब्द मां की पुकार है ओमां!दुनिया भर के बच्चे जन्म लेते ही,ओ म! ओ म! ओ मा! ओ मां ॐ,ॐ ॐ ॐ कहकर रब को गुहारते! ॐ दुनिया का प्रथम शब्दोच्चारण,मां-पिता,विधाता-जन्मदाता, ईश्वर,सबके सब पर्यायवाची शब्द ॐ के,ॐ शब्द नहीं सम्प्रदाय विशेष के! ॐ शब्द सम्प्रदाय विशेष से ऊपर,ॐ है अजर-अमर-अविनाशी अक्षर,ॐ सृजित […] Read more »
कविता सिख: निहत्थे हिन्दू जाति की भुजा May 17, 2021 / May 17, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment हिन्दुत्व का स्वभाव है ऐसा,जब जैसी विपत्ति आती तब,रुप धारण कर लेता है वैसा,हिन्दुत्व की कोख से निसृत,जैन,बौद्ध,सिक्ख पंथ जैसा! जैन बौद्ध ने अहिंसा लाया,निरीह जीव-जंतु को बचाया,सिख ने असिध्वज फहराया,चार वर्ण हजार जातियों को,खंगधारी सिख सिंह बनाया! निहत्थे हिन्दुजाति की भुजा,जब से बने गोविंद के सिख,तब से हिन्दू संस्कृति बची,सिख हिन्दुत्व की शान बना,सिक्ख […] Read more » Sikh: Arm of unarmed Hindu caste
कविता हिन्दू, बौद्ध,जरथुष्ट्र,यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म May 16, 2021 / May 16, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकविश्व में सनातन वैदिक हिन्दू धर्म,जरथुष्ट्रवाद और यहूदी तीन प्राचीन धर्म हैवैदिक हिन्दू धर्म व जरथुष्ट्रवाद आर्य जाति के! जबकि यहूदी धर्म सामी जाति से उद्भूत,जैसे प्राचीन सनातन वैदिक आर्य हिन्दू धर्म सेबौद्ध,जैन,सिख,आर्य समाजी जैसे पंथ पनपे थे,वैसे ही यहूदी धर्म से ईसाई और इस्लाम निकले! भारत में पितृ धर्म आर्य वैदिक के […] Read more » buddhism Christianity and Islam religion Hinduism Judaism Zoroastrianism ईसाई और इस्लाम धर्म
कविता कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी May 13, 2021 / May 13, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कभी न कभी तो वो सुबह आयेगीपनहारिन जब पनघट पर जायेगीपानी भरकर घड़े सिर पर लायेगी,गीत सहेलियों के संग वह गायेगी। खुल जाएंगे, बन्द मंदिर मस्जिदघंटे अजान की आवाजे आयेगी,लग जाएंगे लंगर सब गुरुद्वारों मे,जनता लंगर छक कर खायेगी।। खुल जाएंगे सब स्कूल कॉलेज,बिटिया बस्ता लेकर जाएगीमौज मस्ती सहेलियों संग करेगीचेहरो पर उनके रंगत आयेगी।। […] Read more » कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी
कविता ‘सर्व शुक्ला सरस्वती’ एनी बीसेंट और थियोसोफिकल सोसाइटी May 12, 2021 / May 12, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमां एनी बीसेंट जन्म से एक ईसाई थीमगर कर्म से गुलाम भारत में हिन्दुत्व कोजगाने वाली पूर्व जन्म की हिन्दू थी! एनी बीसेंट एक प्रेत विद्या की जानकाररुसी महिला हेलेना पेत्रोवना ब्लेवास्कीलिखित पुस्तक ‘द सीक्रेट डॉक्ट्रिन’ पढ़करथियोसोफिकल सोसाइटी में दीक्षित हुई! थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापनारुसी हेलेना और अमेरिकी कर्नल आलकाट ने7 सितंबर 1875 […] Read more » Annie Besant Annie Besant and Theosophical Society Sarva Shukla Saraswati एनी बीसेंट और थियोसोफिकल सोसाइटी सर्व शुक्ला सरस्वती