कविता मिथक से यथार्थ बनी ययाति कन्या माधवी की गाथा May 4, 2021 / May 4, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकहे माधवी!जिन आठ सौ अश्वमेधी/श्यामकर्णीश्वेतवर्णी घोड़े के लिए तुम बेच दी गईचार-चार पुरुषों के हाथों में,वे महज घोड़े नहीं औकात के पैमाने थेएक कुंवारी कन्या के पिता के,चक्रवर्ती-महादानी होने के मिथ्या दंभ के! जो सहस्त्रों गौ-हाथी-घोड़े दान करकेरिक्त हस्त हो चुके चतुर्थाश्रमवासी ययाति थेजो समय रहते एकमात्र कन्या तुझ माधवी कोब्याहने से चूके […] Read more » Yayati Kanya Madhavi's saga made from myth ययाति कन्या माधवी
कविता आशा की किरण May 3, 2021 / May 3, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आज अंधेरा है,कल उजाला भी आयेगा,आज किसी का है,कल हमारा भी आयेगा।उम्मीद पर है दुनिया कायम ए मेरे दोस्तो,ये अंधेरा इस संसार का कल मिट जायेगा।। रखो आशा की किरण,निराशा से क्या होगा,निराश होकर कभी भी कोई काम नहीं होगा।निराशा मे ही आशा छिपी है ध्यान से देखो,कल फिर यह हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा।। ध्वनि […] Read more » आशा की किरण
कविता हे ब्राह्मण! तुम अपना सत्कर्म करो May 3, 2021 / May 3, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहे ब्राह्मण! तुम अपना सत्कर्म करोतुम्हारे ही कर्म के अनुसरण सेअन्य वर्ण अपने-अपने कर्म करते,तुम अगर बली विरोधी शाकाहारी बनोगेतो यजमान भी क्यों बली करेगा! हे ब्राह्मण तुम निर्णय करो,तुम अगर गौ-धन-रत्न दान नहीं चाहोगे,तो रत्नों का मूल्य नीचे गिर जाएगा,तुम अगर सोने को पीतल से निकृष्ट,चांदी को एल्यूमिनियम की जाति कहोगेतो दान […] Read more » Brahmin ब्राह्मण
कविता बन्द है दरवाजे,कभी तो खुलेंगे April 27, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बन्द हैं दरवाजे,कभी तो खुलेंगे,कभी तो हम अपनो से मिलेंगे।उम्मीद रखो,अच्छा वक्त आयेगा,जो बिछड़े है,वे जल्दी ही मिलेंगे।। सूरज छिपता है,तो निकलता भी है,बीज बोते है,तो पौधा उगता भी है।उम्मीद पर है ये कायम दुनिया है सारी,सोता है इंसान तो कभी जागता भी है।। ख्तम होगा गम,खुशियां लौटकर आयेगी,कभी न कभी तो चेहरों पर मुस्कान […] Read more » कभी तो खुलेंगे बन्द है दरवाजे
कविता हैहय क्षत्रिय वंश: किसी जाति को मिटाना है तो इतिहास बिगाड़ दो April 27, 2021 / April 27, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | 1 Comment on हैहय क्षत्रिय वंश: किसी जाति को मिटाना है तो इतिहास बिगाड़ दो —विनय कुमार विनायककिसी वंश या जाति को मिटाना हैतो उसका इतिहास बिगाड़ दो! ऐसा ही किया गया है हैहयवंशी क्षत्रियों के साथ,हैहय क्षत्रिय चंद्रकुल के यदुवंश की ज्येष्ठ शाखा है,हैहयवंश की विरुदावली गाई गई है सभी पुराणों में! हैहयवंश को श्रेष्ठ मुनि महात्मा कुल कहा गयासभी पुराणों में ,अग्नि पुराण का कथन है—“हैहयानां कुला: पंच: […] Read more » हैहय क्षत्रिय वंश
कविता बामियान में बुद्ध April 27, 2021 / April 27, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकईसा पूर्व पांच सौ तिरसठ मेंलुम्बिनी वन नेपाल में जन्मे थे गौतम! ईसा पूर्व पांच सौ अठाईस मेंगया बिहार में गौतम बने थे भगवान बुद्ध!ईसा पूर्व चार सौ तिरासी में कुशीनगर,उत्तर प्रदेश में बुद्ध ने पाया महानिर्वाण! किन्तु मरे नहीं थे बुद्धअहिंसा, करुणा,क्षमा,दया की मूर्ति बनकरछा गए बुद्ध विश्व क्षितिज परसूक्ष्म और स्थूल […] Read more » बामियान में बुद्ध
कविता चाइना के कोरोना तूने कर दिया कमाल April 27, 2021 / April 27, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चाइना के कोरोंना तूने कर दिया कमाल,तूने यह कैसी चली है चाल,सारा विश्व हो गया है बेहाल,तू खुद हो गया है मालामाल। न कहीं तूने तोप तलवार चलाई,न कहीं तूने ढाल कृपाण चलाई।न कहीं तूने अपनी मिसाइल चलाई,तूने हर जगह अपनी ही चलाई।सारा विश्व हो गया है अब निढाल,चाइना के कोरोना तूने कर दिया कमाल।। […] Read more » China's corona tune did wonders for you चाइना के कोरोना तूने कर दिया कमाल
कविता परम पिता से प्रार्थना April 27, 2021 / April 27, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment हे! परम पिता पूज्य परमात्मा,इस कोरोना का कर दो खात्मा। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है,शवो का काफी अंबार लगा हुआ है।श्मशान में जगह कहीं नहीं है,वहां पर भी लंबी लाइन लगी है।कर दो प्रभु इन सबका खात्मा,हे! परम पिता पूज्य परमात्मा। अस्तपतालो मे लंबी लाइन लगी है,आक्सीजन की वहां कमी बनी है।तीमारदार मरीजों के […] Read more » परम पिता से प्रार्थना
कविता तुम धृतराष्ट्र के सिवा कुछ और बन सकते थे April 27, 2021 / April 27, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment विनय कुमार विनायकवैसे तुम समर्थवान थे धृतराष्ट्र के सिवाकुछ भी बन सकते थे दशरथ भीजिसने वचन निर्वाह के लिए ही नहींबल्कि प्रजा को राम सा सुशासकस्वकर से समर्पित नहीं करने के गम मेंअपनी इह लीला समाप्त कर ली थी! एक लंबी परंपरा, विशाल इतिहासऔर ढेर सारे आदर्श पात्र थे तुम्हारे सामनेकिंतु तुमने एक भी पसंद […] Read more » You could be anything other than Dhritarashtra धृतराष्ट्र
कविता मारने वाला है भगवान April 25, 2021 / April 25, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मारने वाला हैं भगवान,बचाने वाला हैं भगवान।बाल न बांका कोई कर सके,जिसके रक्षक है कृपा निधान।। जल थल है उसके आधीन,भू गगन है उसके आधीन।सूर्य चंद्र करे उसने निर्माण,तारे नक्षत्र करे उसने निर्माण।उसकी शक्ति है सबसे महान,मारने वाला है भगवान,बचाने वाला है भगवान।। जन्म मृत्यु है उसके आधीन,जीव जन्तु हैं उसके आधीन।सबका हिसाब वह है […] Read more » मारने वाला है भगवान
कविता कहानी तो वही है, कहानीकार बदल गया April 25, 2021 / April 25, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककहानी तो वही है, कहानीकार बदल गया,कथन तो वही है पर कथाकार बदल गया! कहते हो हमेशा वही बातें मुलम्मा मारकर,सचमुच सत्य कहने का विचार बदल गया! जिसके पास होता नहीं कुछ जमाने खातिरउसे शिकायत जहां से कि यार बदल गया! बदल जाते हैं हर चीज-वस्तु इस दुनियां में,मैं हूं कि बदला नही, […] Read more » कहानीकार बदल गया
कविता कोरोना खूंखार ! April 22, 2021 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment लग जाये जाने कहाँ, कोरोना खूंखार !रखिए कदम सँभालकर, और’ रहे हुशियार !!दरवाजे दुश्मन खड़ा, करने को अब वार!जल्दी में मत कीजिये, लक्ष्मण रेखा पार !!कुदरत की इस चोट से, सहम गया सन्सार !मंदिर-मस्जिद बंद है, देव सभी लाचार !!रुका रहे आवागमन, घर में हो परिवार !पूर्ण बंद को मानिये, सभी समयानुसार !!इक दूजे से […] Read more » Corona Dread कोरोना खूंखार