कला-संस्कृति लेख मातृभाषा: अपना गौरव अपनी पहचान February 23, 2021 / February 23, 2021 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment डॉ. पवन सिंह मलिक पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने स्वयं के अनुभव के आधार पर कहा है कि ‘मैं अच्छा वैज्ञानिक इसलिए बना, क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा मातृभाषा में प्राप्त की’। और यह अटल सत्य भी है कि भाषा केवल संवाद की ही नहीं अपितु संस्कृति एवं संस्कारों की भी संवाहिका […] Read more » Mother tongue: Your pride is your identity मातृभाषा
लेख स्वास्थ्य-योग कोरोना से बचें, आपकी धडक़न के लिए सतर्कता जरूरी February 23, 2021 / February 23, 2021 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार वासंती हवाओं के साथ मन में इस समय प्रेम की जगह भय ने ले लिया है. एक बार फिर डराने की सूचना से सबके चेहरे पर शिकन दिखने लगी है. जानलेवा कोरोना का एक और दौर शुरू हो गया है. आंकड़ों की बतकही पर ना भी जाएं तो कोरोना का जो वैश्विक रूप […] Read more » Avoid corona आपकी धडक़न के लिए सतर्कता जरूरी कोरोना से बचें
लेख सरकारी सेवाओं से मातृभाषाओं की बिदाई February 23, 2021 / February 23, 2021 by डॉ. अमरनाथ | Leave a Comment डॉ. अमरनाथ यूपी बोर्ड की परीक्षा में आठ लाख विद्यार्थियों का हिन्दी में फेल होने का समाचार 2020 में सुर्खियों में था. कुछ दिन बाद जब यूपीपीएससी का रेजल्ट आया तो उसमें भी दो तिहाई से अधिक अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी सफल हुए. यह संख्या पहले 20-25 प्रतिशत के आस-पास रहती थी. सितंबर 2020 […] Read more » Mother tongues parting from government services सरकारी सेवाओं से मातृभाषाओं की बिदाई
लेख महात्मा बुद्ध से पहले सनातन धर्म का कैसा था स्वरूप? February 23, 2021 / February 23, 2021 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आजकल कुछ वामपंथी ईर्ष्यालु लोगों ने भाषा विज्ञान का आडंबर रचकर संस्कृत को बहुत नवीन भाषा कहना शुरु किया है। वे लोग बौद्ध साहित्य में भी आये वेदादिशास्त्रों के नाम को ऊटपटांग अर्थ करके जान बचाना चाहते हैं। इनके सिपहसालार राजेंद्र प्रसाद ने तो “त्रैविद्यासुत्त” को प्रक्षेप ही घोषित कर रखा है। इनके एक चेले […] Read more » nature of Sanatan Dharma before Mahatma Buddha? Sanatan Dharma before Mahatma Buddha
लेख गांधीजी के जीवन में कस्तूरबा का योगदान February 23, 2021 / February 23, 2021 by श्रीनिवास आर्य | Leave a Comment मोहनदास करमचन्द गांधी को सारा भारत ही क्या, सारा विश्व जानता है; पर उन्हें गोधी जी के रूप में आगे बढ़ाने के लिए जिस महिला ने अन्तिम समय तक सहारा और उत्साह प्रदान किया, वह थीं उनकी धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी, जो ‘बा’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं। यह बात गांधी जी ने कई बार स्वयं […] Read more » कस्तूरबा का योगदान
लेख समाज सामाजिक न्याय और आरक्षण February 21, 2021 / February 21, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment समाज एक से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने एक वृहद समूह को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते हैं। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण,सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती हैं।मनुष्य सामाजिक प्राणी है|मनुष्य सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है|अन्य प्राणियों की मानसिक शक्ति की अपेक्षा मनुष्य की मानसिक शक्ति अत्यधिक […] Read more » social justice and reservation सामाजिक न्याय और आरक्षण
लेख अपने युग एवं समय से आगे की सोच रखने वाले शिवाजी February 21, 2021 / February 21, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि वे एक कुशल एवं सुयोग्य प्रशासक भी थे। उन्होंने प्राचीन भारतीय परंपराओं और समकालीन शासन प्रणालियों में समन्वय कर ठोस सिद्धांतों के आधार पर अपनी शासन-व्यवस्था विकसित की थी। यह उनकी प्रशासनिक क्षमता ही थी कि विजित भूभागों के निवासियों ने भी हृदय से उन्हें […] Read more » छत्रपति शिवाजी
पर्यावरण लेख भूकंप के पूर्वानुमान की चुनौती February 19, 2021 / February 19, 2021 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलकदेश की राजधानी नई दिल्ली समेत जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके से एक बार फिर जनमानस सिहर उठा। हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ लेकिन एक बात स्पष्ट है कि विकास के नए आयाम गढ़ने और उच्च तकनीकी हासिल करने के बावजूद भी हम भूकंप का […] Read more » Earthquake forecast challenge भूकंप के पूर्वानुमान की चुनौती
लेख माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरूजी और संघ February 19, 2021 / February 19, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धुर-से-धुर विरोधी एवं आलोचक भी कदाचित इस बात को स्वीकार करेंगें कि संघ विचार-परिवार जिस सुदृढ़ वैचारिक अधिष्ठान पर खड़ा है उसके मूल में माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरूजी के विचार ही बीज रूप में विद्यमान हैं। संघ का स्थूल-शरीरिक ढाँचा यदि डॉक्टर हेडगेवार की देन है तो उसकी […] Read more » Madhavrao Sadashiv Rao Golwalkar anecdote Shri Guruji and the Sangh माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर श्री गुरूजी और संघ
लेख छत्रपति शिवाजी और राष्ट्रीय-जीवन में उनका अप्रतिम योगदान February 19, 2021 / February 19, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment राष्ट्रीय जीवन एवं ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की महत्ता एवं योगदान को रेखांकित-मूल्यांकित करने के लिए तत्कालीन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखना पड़ेगा। सदियों की गुलामी ने हिंदू समाज के मनोबल को भीतर तक तोड़ दिया था। पराधीन एवं पराजित हिंदू समाज को मुक्ति का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम […] Read more » Chhatrapati Shivaji Chhatrapati Shivaji and his outstanding contribution to national life छत्रपति शिवाजी
लेख नर्मदा निर्मलता : कुछ विचारणीय सुझाव February 19, 2021 / February 19, 2021 by अरुण तिवारी | Leave a Comment लेखक: अरुण तिवारी नीति पहले, कार्ययोजना बाद मेंकिसी भी कार्ययोजना के निर्माण से पहले नीति बनानी चाहिए। नीतिगत तथ्य, एक तरह से स्पष्ट मार्गदर्शी सिद्धांत होते हैं। एक बार दृष्टि साफ हो जाये, तो आगे विवाद होने की गुंजाइश कम हो जाती है। इन सिद्धांतों के आलोक में ही कार्ययोजना का निर्माण किया जाना चाहिए। […] Read more » Narmada Nirmalata: Some Considerable Tips नर्मदा निर्मलता
लेख सार्थक पहल झारखंड में थम नहीं रहा कालाजार का प्रकोप February 19, 2021 / February 19, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment शैलेन्द्र सिन्हा दुमका, झारखंड इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस समय देश और दुनिया में कोरोना एक महामारी का रूप लिया हुआ है। जिसके उन्मूलन के लिए अलग अलग स्तर पर टीका तैयार किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ साथ कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं, जो चुपके से अपना पैर पसार रही […] Read more » Kalaazar wrath did not stop in Jharkhand कालाजार का प्रकोप