लेख अपने जन्मदिवस और विवाह-वर्षगांठ आदि अवसरों पर सबको परोपकार-कर्म यज्ञ करना चाहिये January 22, 2022 / January 22, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवर्तमान समय में जन्म दिवस एवं विवाह की वर्षगांठ धूमधाम से मनाने का प्रचलन काफी अधिक हुआ है। ग्रामीण अंचलों में शायद यह कम होगा, परन्तु नगरों में यह प्रायः सभी परिवारों में मनाया व आयोजित किया जाता है। फेसबुक आदि पर भी बहुत से लोग इस अवसर पर अपने मित्रों व परिचितों […] Read more » everyone should perform charity-karma yagya. On the occasion of his birthday and marriage anniversaries जन्मदिवस और विवाह-वर्षगांठ
लेख आज भी युवाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय है नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन चरित्र January 22, 2022 / January 22, 2022 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment “सैकड़ों खो रहे थे आजादी की उस लड़ाई में पर फिर भी ना जज्बे में कमी थी और ना ही साहस में, मातृभूमि से प्रेम के अलिंगन में एक ऐसी सुख-शांती का अनुभव था, जहां हर दर्द दूर हो जाता, तो हर घाव भी भर जाता था l” ऐसे ही देश के सच्चे सपूत, विराट […] Read more » सर्वाधिक लोकप्रिय है नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन चरित्र
लेख अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई को पाटना जरूरी January 20, 2022 / January 20, 2022 by ललित गर्ग | 1 Comment on अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई को पाटना जरूरी -ललित गर्ग-गरीबी-अमीरी के असंतुलन को कम करने की दिशा में काम करने वाली वैश्विक संस्था ऑक्सफैम ने अपनी ताजा आर्थिक असमानता रिपोर्ट में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिया, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति देते हुए इसे घातक बताया है। आज देश एवं दुनिया […] Read more » It is necessary to bridge the growing gap between rich and poor अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई
कविता बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं January 20, 2022 / January 20, 2022 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं बदले बदले दल बदलू नज़र आते है।एक पार्टी छोड़,दूसरी में नजर आते है।। मिल गया टिकट हम देश को बदल देगे।मिला नही टिकट हम पार्टी ही बदल देंगे।। दलबदलु है नाम हमारा इसे चरितार्थ कर देंगे।बात नही बनी तो पार्टी का नाम ही बदल देंगे।। रहती नही बदले की भावना खुद ही बदल जाते है।मिलता […] Read more » Change teams seem to change
लेख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पराक्रम January 20, 2022 / January 20, 2022 by विनोद कुमार सर्वोदय | 1 Comment on राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पराक्रम “दिल्ली पर पाकिस्तानी कब्जे की योजना” 9 सितम्बर 1947 की मध्यरात्रि को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा सरदार पटेल को सूचना दी गई कि 10 सितम्बर को संसद भवन उड़ा कर व सभी मन्त्रियों की हत्या करके लाल किले पर पाकिस्तानी झण्डा फहरा देने की दिल्ली के मुसलमानों की योजना है। सूचना क्योंकि संघ की […] Read more » Rashtriya Swayamsevak Sangh's feat राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पराक्रम
व्यंग्य देश में कपकपाती ठंड पर विभिन्न दलों व नेताओ के विचार ( एक व्यंग) January 20, 2022 / January 20, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भाजपा:– ये कंपकपाती ठण्ड सबका साथ, सबका विश्वास का अद्भुत उदाहरण है। ये ठण्ड बिना किसी जाति, धर्म के भेदभाव किए बिना सभी पर समान रूप से पड़ रही है। हम इस सद्भावनापूर्ण ठण्ड का स्वागत करते हैं। भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। कांग्रेस:– ऐसा नहीं हैं कि ये ठण्ड हमारी सरकार में नहीं पड़ती थी, […] Read more » Views of various parties and leaders on the cold winter in the country (a satire) देश में कपकपाती ठंड पर विभिन्न दलों व नेताओ के विचार
कविता सनातन संस्कार कभी बासी नहीं होते January 19, 2022 / January 19, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसनातन संस्कार कभी बासी नहीं होते,सदाचार छोड़के जीने वाले हमेशा रोते! लोग घूमते रोम, काबा, काशी मगर हो,इरादे नापाक तो कोई ना शाबाशी देते! दुश्मन तो जालिम होते हैं हमेशा से ही,अच्छा होता तुम ही खुद को बदल लेते! कब समझोगे कि आज,कल से निकलते,तुम्हारा अतीत वर्तमान सोचने नहीं देते! अबतक उपेक्षा भाव, […] Read more » Sanatan Sanskar never gets stale सनातन संस्कार कभी बासी नहीं होते
लेख भारत भक्ति से भरा मन है ‘स्वामी विवेकानंद’ January 18, 2022 / January 18, 2022 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह स्वामी विवेकानंद ऐसे संन्यासी हैं, जिन्होंने हिमालय की कंदराओं में जाकर स्वयं के मोक्ष के प्रयास नहीं किये बल्कि भारत के उत्थान के लिए अपना जीवन खपा दिया। विश्व धर्म सम्मलेन के मंच से दुनिया को भारत के ‘स्व’ से परिचित कराने का सामर्थ्य स्वामी विवेकानंद में ही था, क्योंकि विवेकानंद अपनी मातृभूमि […] Read more » India is full of devotion 'Swami Vivekananda' भारत भक्ति से भरा मन स्वामी विवेकानंद
लेख हिंदी दिवस हिंदी विश्व-भाषा और भारत विश्व-गुरु कैसे बने? January 18, 2022 / January 18, 2022 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक विश्व हिंदी दिवस और प्रवासी भारतीय दिवस, ये दोनों इतने महत्वपूर्ण दिवस हैं कि इन्हें भारत की जनता और सरकारें यदि पूरे मनोयोग से मनाएं तो अगले कुछ ही वर्षों में भारत सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से विश्व की महाशक्ति बन सकता है। जो लोग भारत को विश्व गुरु बना हुआ देखना […] Read more » भारत विश्व-गुरु कैसे बने
कविता स्वर्ग लोक की लड़ाई आज धरती तक चली आई January 18, 2022 / January 18, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसात मनुओं का काल कहलाता है सात मन्वन्तर,पहला मनु स्वायंभुव, फिर स्वारोचिष,उत्तम,तामस,रैवत,चाक्षुष और वैवस्वत मनु का यह मन्वन्तर! स्वायंभुव मनु से चाक्षुष मनु तक सभी मनु थेप्रथम स्वायंभुव मनु और शतरुपा के ही वंशधर! चाक्षुष मनु के काल में हुआ था महा जल प्रलयऔर पूरी मनुर्भरती संस्कृति का हो गया था लय! अब […] Read more » The battle of heaven came to the earth today स्वर्ग लोक की लड़ाई आज धरती तक चली आई
मनोरंजन लेख शख्सियत संगीत सिनेमा संगीत एवं नृत्य परंपरा का सितारा थे बिरजू महाराज January 17, 2022 / January 17, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज नहीं रहे। उनके निधन से आज भारतीय संगीत की लय थम गई, सुर मौन हो गए, भाव शून्य हो गए। वे शास्त्रीय कथक नृत्य के लखनऊ कालिका-बिन्दादिन घराने के विश्वप्रसिद्ध अग्रणी नर्तक थे, जिन्होंने इस गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसारित की। बिरजू महाराज […] Read more » बिरजू महाराज
कविता बुद्ध व महावीर में बहुत अधिक अंतर है January 17, 2022 / January 17, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबुद्ध व महावीर ने अहिंसा की बात कहीमहावीर ने सारे मांस भक्षण को पाप कहाबुद्ध ने मरे मांसाहार को पाप नहीं मानामहावीर दूसरे को जीतनेवाले वीर नहीं थेबल्कि खुद को जीतनेवाले अरिहंत महावीर थेइन्द्रियों को जीतनेवाले जितेन्द्रिय जिन थेदूसरे को जीता जा सकता है पाशविकता सेमगर खुद को जीता जाता है आत्मिकता सेमहावीर […] Read more » buddh and mahavir There is a huge difference between Buddha and Mahavira. बुद्ध व महावीर में अंतर बुद्ध व महावीर में बहुत अधिक अंतर है