कविता मैं किताब हूं हां मैं किताब हूं December 8, 2021 / December 8, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | 1 Comment on मैं किताब हूं हां मैं किताब हूं —विनय कुमार विनायकमैं किताब हूं मुझे पढ़ लो,मैं वेद उपनिषद पुराण हूं,मैं अतीत हूं मैं वर्तमान हूं,मैं भविष्य का सद्ज्ञान हूं,मैं किताब हूं मुझे पढ़ लो! किताब में कुछ लिखी होती,किताब में कुछ खाली होती,खाली में विवेक से काम लो,लिखे को पढ़ो खाली भर दो,मनुष्य हो और मनुष्य बनो! मैं किताब हूं, सब को पढ़ा […] Read more » मैं किताब हूं हां मैं किताब हूं
धर्म-अध्यात्म लेख वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त सत्य नियमों पर आधारित यथार्थ दर्शन है December 8, 2021 / December 8, 2021 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त सत्य नियमों पर आधारित यथार्थ दर्शन है -मनमोहन कुमार आर्यवैदिक धर्म सृष्टि का सबसे पुराना धर्म है। यह धर्म न केवल इस सृष्टि के आरम्भ से प्रचलित हुआ है अपितु इससे पूर्व जितनी बार भी प्रलय व सृष्टि हुई हैं, उन सब सृष्टि कालों में भी एकमात्र वैदिक धर्म ही पूरे विश्व में प्रवर्तित रहा है। इसका कारण यह है कि ईश्वर, […] Read more » Vedic Karma-False Siddhanta is a real philosophy based on true rules. वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त
कविता प्रश्नोत्तर की परंपरा से बनी हमारी संस्कृति December 7, 2021 / December 7, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकप्रश्नोत्तर की परंपरा से बनी हमारी संस्कृति,प्रश्न करे उत्तर दे उपनिषद ऐसी ज्ञान विधि!उपनिषद यानि गुरु समीप बैठ ज्ञान प्राप्ति,यह वेदान्त बौद्ध जैन दर्शन की मूल निधि! समस्याओं का हल वाद-विवाद-संवाद में ही,भारत में गुरु-शिष्य पठन विधा थी बलवती!कठोपनिषद यम नचिकेता संवाद मृत्यु-गुत्थी,मुण्डकोपनिषद में सत्यमेवजयते की प्रतीति! वृहदारण्यकोपनिषद;याज्ञवल्क्य मैत्रेयी वार्ता,असतोमा सदगमय! तमसो मा […] Read more » प्रश्नोत्तर की परंपरा से बनी हमारी संस्कृति
कविता चुनाव व नेता December 7, 2021 / December 7, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नेता आज सत्ता के खातिर,अपना उल्लू सीधा कर रहे।वोटो के खातिर वे सब अब,मुफ्त चीजे खूब है बांट रहे।। कोई लैपटॉप फ्री में बांट रहा,कोई फ्री में राशन है बांट रहा।बिजली पानी की बात न करो,वह तो धर्म जाति में बांट रहा।। अपनी जेबों से देते नही कुछ,टैक्स कर्ता का धन है बांट रहे।वोट बटोरने […] Read more » election and leader चुनाव व नेता
राजनीति लेख रोमिला थापर का पाखंडी स्वरूप December 6, 2021 / December 6, 2021 by शंकर शरण | Leave a Comment डॉ शंकर शरण भारतीय परंपरा में साधुओं के साथ-साथ शिक्षकों, विद्वानों को भी सहज सम्मान देने की प्रवृत्ति रही है, लेकिन जिस तरह रंगे कपड़े पहनकर नकली लोग भी कई बार “साधु” कहला लेते हैं, उसी तरह बड़े अकादमिक पद पर रहकर सामान्य लफ्फाज भी “विद्वान” कहलाते हैं। एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता […] Read more » Romila Thapar The hypocritical form of Romila Thapar रोमिला थापर का पाखंडी स्वरूप
लेख जीवन की सफलता हेतु वेदाध्ययन की आर्ष-शिक्षा पद्धति को अपनाना आवश्यक December 6, 2021 / December 6, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में अनेक भाषायें हैं। इन भाषाओं की अपनी-अपनी व्याकरण प्रणालियां हैं। संसार की प्रथम भाषा संस्कृत है। संस्कृत का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा के चार ऋषियों को वेद ज्ञान के उपदेश से हुआ। यह चार ऋषि थे अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा तथा यह उपदेश चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद […] Read more » For the success of life it is necessary to adopt the method of education of Vedas. वेदाध्ययन की आर्ष-शिक्षा पद्धति को अपनाना आवश्यक
कविता नारी तुम सबसे प्रेम करती मगर अपने रुप से हार जाती हो December 6, 2021 / December 6, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकनारी तुम किस रुप में होतुम मां बहन बेटी अर्धांगिनीईश्वर की नायाब कृति हो! तुम प्रेम करुणा दया ममतामातृत्व की प्रति मूर्ति होतुम मां बनकर जनती संततिदूध पिलाकर पालती हो! पर दो जून रोटी के खातिरसंतति मुख निहारती होक्या मां रुप में तुम हारती हो? बहन बनके भाई कलाई कोतुम बड़े प्रेम से […] Read more »
लेख सीमा सुरक्षा बल के समक्ष दरपेश चुनौतियां December 6, 2021 / December 6, 2021 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री Read more » Challenges before the Border Security Force सीमा सुरक्षा बल के समक्ष चुनौतियां
लेख समाज संख्या नहीं अवसर से आगे बढ़ेंगी लड़कियां December 6, 2021 / December 6, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment डॉली आर्या कपकोट, उत्तराखंड पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़े में बताया गया है कि देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हो गई है. सर्वेक्षण के अनुसार प्रति एक हज़ार पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं. माना यह जा रहा है […] Read more » अवसर से आगे बढ़ेंगी लड़कियां
लेख शख्सियत मोक्ष की पथिका के बहुतेरे आध्यात्मिक रूप December 6, 2021 / December 6, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- एक भारतीय नारी के आध्यात्मिक शिखरों को देखना हो तो साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी केे साधना, सृजन एवं साधुता के रचनात्मक एवं सृजनात्मक संसार के अनूठे पृष्ठों में गोता लगाना प्रासंगिक होगा क्योंकि आत्मा उनका ईश्वर है, त्याग उनकी प्रार्थना है, संयम उनकी शक्ति है और मैत्री उनकी भक्ति है। व्यष्टि एवं समष्टि को […] Read more » साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा
कविता रावण कौरव कंश कीचक जयद्रथ क्यों बनते हो? December 3, 2021 / December 3, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहर कोई अपनी वजह से परेशान होते,सब अपने ही कर्म का अंजाम भोगते,कोई पूज्य या घृणित होते स्वभाव से,सुख-दुख का कारण मानव स्वयं होते! धनकुबेर तो धन के स्वामी थे तब भी,जब सोने की लंका उनसे छिन गई थी,स्वर्ण नगरी का स्वामित्व बदला किन्तुनए-पुराने मालिक की हस्ती कहां बदली? रावण लेकर लंका धनकुबेर […] Read more » Why do you become Ravana Kaurava Kansh Keechak Jayadratha?
लेख भारत में दर्शन का आधार है ‘संवाद’ December 3, 2021 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह सं गच्छध्वं सं वदध्वं सं वो मनांसि जानताम् । देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते ॥2॥ समानो मन्त्रः समितिः समानी समानं मनः सह चित्तमेषाम् l समानं मन्त्रमभि मन्त्रये वः समानेन वो हविषा जुहोमि ॥3॥ समानी व आकूतिः समाना हृदयानि वः । समानमस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति ॥4॥ ऋग्वेद के 10वें मंडल का […] Read more » Dialogue is the basis of philosophy in India भारत में दर्शन का आधार