राजनीति लेख हिंदुत्व की आधारशिला हैं श्री राम November 14, 2021 / November 14, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ.शंकर सुवन सिंह हिंदुत्व शब्द संस्कृत के त्व प्रत्यय से बना है। यह शब्द हिन्दू होने के गुण को चरितार्थ करता है। हिंदुत्व एक विचार धारा है। जीवन जीने की कला ही हिंदुत्व है। सभी धर्म जीवन जीने की पद्वति/नियम बताते हैं। धर्म जीना सिखाता है तो अधर्म मरना। इसलिए कहा जाता है धर्म की […] Read more » Shri Ram is the cornerstone of Hindutva हिंदुत्व की आधारशिला हैं श्री राम हिंदुत्व के साथ खिलवाड़
लेख मांगलिक कार्य आरम्भ होने का दिन है ‘‘देवोत्थान एकादशी’’ November 14, 2021 / November 14, 2021 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment देवोत्थान एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के ग्यारह दिन बाद आने वाली एकादशी को ही प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी या देव-उठनी एकादशी कहा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव चार मास के लिए शयन करते हैं। इस बीच हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य शादी, विवाह आदि नहीं होते। देव चार महीने शयन करने के बाद कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह एवं भीष्म पंचक एकादशी के रूप में भी मनाई जाती है। इस दिन लोग तुलसी और सालिग्राम का विवाह कराते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरुआत करते हैं। हिन्दू धर्म में प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी का अपना ही महत्त्व है। इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसको दिव्य फल प्राप्त होता है। उत्तर भारत में कुंवारी और विवाहित स्त्रियां एक परम्परा के रूप में कार्तिक मास में स्नान करती हैं। ऐसा करने से भगवान् विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। जब कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी आती है, तब कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ शालिग्राम और तुलसी का विवाह रचाती है। पूरे विधि विधान पूर्वक गाजे बाजे के साथ एक सुन्दर मण्डप के नीचे यह कार्य सम्पन्न होता है। विवाह के समय स्त्रियाँ मंगल गीत तथा भजन गाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं और कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। हिन्दू धर्म के शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात जिन लोगों के कन्या नहीं होती उनकी देहरी सूनी रह जाती है। क्योंकि देहरी पर कन्या का विवाह होना अत्यधिक शुभ होता है। इसलिए लोग तुलसी को बेटी मानकर उसका विवाह सालिगराम के साथ करते हैं और अपनी देहरी का सूनापन दूर करते हैं। प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी के दिन भीष्म पंचक व्रत भी शुरू होता है, जो कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए इसे इसे भीष्म पंचक कहा जाता है। कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियाँ या पुरूष बिना आहार के रहकर यह व्रत पूरे विधि विधान से करते हैं। इस व्रत के पीछे मान्यता है कि युधिष्ठर के कहने पर भीष्म पितामह ने पाँच दिनो तक (देवोत्थान एकादशी से लेकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक) राज धर्म, वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था। इसकी स्मृति में भगवान् श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह के नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित किया था। मान्यता है कि जो लोग इस व्रत को करते हैं वो जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष को प्राप्त करते हैं। देवोत्थान एकादशी की कथा एक समय भगवान विष्णु से लक्ष्मी जी ने कहा- हे प्रभु ! अब आप दिन-रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वर्ष तक को सो जाते हैं तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। अत: आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। […] Read more » The day to start auspicious work is Devotthana Ekadashi देवोत्थान एकादशी प्रबोधिनी एकादशी
लेख जहरीली दमघोंटू आबोहवा से स्थाई राहत कब! November 12, 2021 / November 12, 2021 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी हर वर्ष की तरह हमारे देश की राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पावन पर्व दीपावली के बाद से ही कुछ लोगों की लापरवाही के चलते एकबार फिर दमघोंटू जहरीली आबोहवा के चलते गैस चैंबर बन कर हमारा स्वागत कर रहा है। धरातल पर पिछ़ले कई वर्षों से निरंतर बन रहे भयावह […] Read more » relief from the toxic stifling climate! When is the permanent relief from the toxic stifling climate! जहरीली दमघोंटू आबोहवा से स्थाई राहत
लेख समाज जनजातियों का गौरवपूर्ण अतीत एवं उनके साथ हो रहे वैश्विक षड्यंत्र November 12, 2021 / November 12, 2021 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलभारतीय सनातन संस्कृति सदैव से ही आक्रमणकारियों के निशाने पर रही है ।भारत की समाजिक राजनीतिक-आर्थिक-आध्यात्मिक -वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों की सर्वोत्कृष्टता तथा समृद्धि को देखकर विभिन्न विदेशी शक्तियों यथा-तुर्क,मंगोल ,अरब ,मुगलों,अंग्रेजों ने तलवार की नोंक एवं आपसी फूट तथा उदारवादी व भारतीयो क्षमादान की प्रवृत्ति का फायदा उठाकर समय-समय पर आक्रमण कर […] Read more » The glorious past of the tribes and the global conspiracies The glorious past of the tribes and the global conspiracies going on with them जनजातियों का गौरवपूर्ण अतीत
पर्यावरण लेख COP26: बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए कमज़ोर देशों के समर्थन में अपने पत्ते खेलने की ज़रूरत November 12, 2021 / November 12, 2021 by निशान्त | Leave a Comment एक बेहद तेज़ घटनाक्रम में यूके की COP प्रेसीडेंसी ने ग्लासगो क्लाइमेट समिट के लिए फैसलों का एक नया मसौदा जारी किया है। इस मसौदे की भाषा सशक्त है और इशारा करती है कि अंततः फैसलों की शक्ल कैसी हो सकती है। लेकिन इस मसौदे को ले कर विशेषज्ञों की कुछ चिंताएं हैं। इनमें चिंता […] Read more » COP26
लेख कृष्णम्मल जगन्नाथन: एक बेहतर दुनिया बनाने का जनून November 12, 2021 / November 12, 2021 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णनकृष्णम्मल जगन्नाथन ने भूमिहीन और हाशिए पर पड़े लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के पीछे एक लंबा सफर तय किया है। कृष्णम्मल को हिंसा पसंद नहीं है। उनका मानना है कि बिना हिंसा के भी किसी भी समस्या को हल किया सकता है। भूमिहीन होने का दंश उन्होंने बचपन में […] Read more » Krishnamal Jagannathan Krishnamal Jagannathan: The Passion to Build a Better World कृष्णम्मल जगन्नाथन
लेख कुपोषित विकास एवं कुपोषण की त्रासदी November 12, 2021 / November 12, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- कुपोषण और भुखमरी से जुड़ी ताजा रिपोर्ट न केवल चौंकाने बल्कि सरकारों की नाकामी को उजागर करने वाली हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि एक ओर विकास और अर्थव्यवस्था की भावी सुखद तस्वीर की चमक की बात की जा रही हो और दूसरी ओर देश में बच्चों के बीच कुपोषण की […] Read more » Malnourished development and the tragedy of malnutrition कुपोषण की त्रासदी कुपोषित विकास कुपोषित विकास एवं कुपोषण की त्रासदी
लेख लौटने लगा है एशिया प्रसिद्ध पलामू के लाह बगान का गौरव November 8, 2021 / November 8, 2021 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णनएशिया प्रसिद्ध पलामू के कुंदरी लाह बगान का गौरव लौटने लगा है। इसके पुनरूद्वार की कवायद जारी है। सखी मंडल की दीदियों की लगन, उनकी मेहनत से लाह की खेती में समृद्धि आने लगी है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के बीच अभिसरण के अंतर्गत झारखंड लाइवलीहूड प्रमोशन सोसाइटी […] Read more » Asia's famous Palamu's lacquer plantation has started returning पलामू के लाह बगान
लेख समाज कोरोना काल में घर लौटे प्रवासी नहीं शुरू कर पाये स्वरोजगार November 8, 2021 / November 8, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment महानंद सिंह बिष्ट गोपेश्वर, उत्तराखंड कोरोना काल में जब सारा देश इस लड़ाई से जूझ रहा था. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन से लोगों को खाने पीने की कठिनाइयां आ गई थी, उस समय भी गांवों में रहने वाले लोगों के पास कुछ संसाधन मौजूद थे. जिससे कि उनके […] Read more » प्रवासी नहीं शुरू कर पाये स्वरोजगार
लेख श्रम को पूंजी का दर्जा देकर आर्थिक विकास को दी जा सकती है गति November 8, 2021 / November 8, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment राष्ट्र ऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म दिवस (10 नवम्बर) पर विशेष लेख आर्थिक क्षेत्र के संदर्भ में साम्यवाद एवं पूंजीवाद दोनों ही विचारधाराएं भौतिकवादी हैं और इन दोनों ही विचारधाराओं में आज तक श्रम एवं पूंजी के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाया है। इस प्रकार, श्रम एवं पूंजी के बीच की इस […] Read more » राष्ट्र ऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म दिवस
पर्व - त्यौहार लेख सूर्योपासना , आस्था, प्रकृति, स्वच्छता व प्राचीन संस्कृति के संगम का महापर्व है “छठ पूजा” November 8, 2021 / November 8, 2021 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी दुनिया में भारत की एक निराली पहचान है विदेशी लोग भारत को उत्सवों का देश कहते हैं, क्योंकि यहां पर सेलिब्रेशन करने के पल-पल में बहाने ढूंढें जाते है। वैसे भी हमारा प्यारा देश भारत दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म “सनातन धर्म” के विभिन्न त्योहारों का देश है, हम लोग विकट से […] Read more » "Chhath Puja" is a great festival of confluence of sun worship cleanliness and ancient culture छठ पूजा सूर्योपासना स्वच्छता व प्राचीन संस्कृति के संगम का महापर्व है छठ पूजा
लेख जलवायु परिवर्तन भारत के लिए बड़ी चुनौती November 7, 2021 / November 7, 2021 by निशान्त | Leave a Comment ग्लासगो में, 31 अक्टूबर से चल रहे, वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन को पृथ्वी के बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ऐसा सम्मेलन है जहाँ, उम्मीद है, विश्व के नेता अतीत के अपने अधूरे वादों को भविष्य के लिए ठोस कार्यों में बदल देंगे। इसी सम्मेलन में प्रधान मंत्री मोदी जहाँ एक ओर भारत के नेट ज़ीरो […] Read more » जलवायु परिवर्तन जलवायु परिवर्तन भारत के लिए बड़ी चुनौती'