लेख कोरोना के आगे…….. July 11, 2021 / July 11, 2021 by व्योमेश चित्रवंश | Leave a Comment वर्तमान समय बड़े मुश्किलों का है। इस तरह की आपदा के बारे मे संभवतः हम मे से किसी ने कल्पना भी नही की थी। फिल्मों व उपन्यासों की बात छोड़ दिया जाए तो यह चीन जनित मानव आपदा कोरोना हमारे देश ही नही मानव जाति की सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में सामने आई है […] Read more »
कला-संस्कृति लेख चातुर्मास संस्कृति एक अमूल्य धरोहर है July 11, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – वर्षा ऋतु के चार महीने व्रत, भक्ति एवं धर्माराधना के लिये निर्धारित है, जिसे ‘चातुर्मास’ कहा जाता है। भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। हमारे यहां मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा और शरद। वर्ष के बारह महीनों को इनमें बॉंट दें, तो प्रत्येक […] Read more » Chaturmas culture is an invaluable heritage चातुर्मास संस्कृति
लेख मेरे पिता July 11, 2021 / July 11, 2021 by गंगानन्द झा | Leave a Comment अपने पिताजी के बारे में लोगों के मुँह से सुनता रहा था , जानता रहा था कि उन्हें प्रतिष्ठा अर्जित करने का गौरव प्राप्त हुआ है। पर उनके मुँह से या उनके सहयोगियों, मित्रों के मुँह से कभी उन लोगों की गतिविधि के बारे में कुछ नहीं सुना था। हमारे सामने वे कुछ इन बिन्दुओं […] Read more »
लेख अनेक समस्याओं की जड़ है जनसंख्या वृद्धि July 11, 2021 / July 11, 2021 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment योगेश कुमार गोयलपूरी दुनिया की आबादी इस समय करीब 7.6 अरब है, जिसमें सबसे ज्यादा चीन की आबादी 1.43 अरब है जबकि भारत आबादी के मामले में 1.35 अरब जनसंख्या के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर है। विश्व की कुल आबादी में से 17.85 फीसदी लोग भारत में रहते हैं और दुनिया के हर […] Read more » World Population Day जनसंख्या वृद्धि विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई
पुस्तक समीक्षा भारत को भारतीय दृष्टि से देखने का प्रयास है ‘भारत-बोध’ July 10, 2021 / July 11, 2021 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह भारत में लेखकों, साहित्यकारों एवं इतिहासकारों का एक ऐसा वर्ग रहा है, जिसने समाज को ‘भारत बोध’ से दूर ले जाने का प्रयास किया। उन्होंने पश्चिम की दृष्टि से भारत को देखा और अपने लेखन में वैसे ही प्रस्तुत किया। उन्होंने इस प्रकार के विमर्श खड़े किए, जिनसे उपजे भ्रम के वातावरण में भारतीय समाज अपने मूल स्वरूप […] Read more » भारत-बोध
लेख त्रिपुरा का लोकनृत्य July 9, 2021 / July 9, 2021 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment त्रिपुरा पूर्वोत्तर का छोटा पर सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है I महाभारत तथा पुराणों में भी त्रिपुरा का उल्लेख मिलता है I ‘त्रिपुरा’ नाम के संबंध में विद्वानों में मतभिन्नेता है । इसकी उत्प त्तिा के संबंध में अनेक मिथक और आख्या’न प्रचलित हैं । कहा जाता है कि उदयपुर स्थित देवी त्रिपुरसुंदरी […] Read more » त्रिपुरा का लोकनृत्य
लेख साहित्य पूर्वोत्तर भारत की स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्ल्यू July 9, 2021 / July 9, 2021 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment वीरेन्द्र परमार जेलियांगरोंग तीन नागा जनजातियों की सामूहिक संज्ञा है I इन जनजातियों के लोग पूर्वोत्तर के तीन राज्यों असम, मणिपुर और नागालैंड में निवास करते हैं I ‘जेलियांगरोंग’ शब्द तीन नागा जनजातियों का मिश्रण है-जेम, लियंगमई और रोंगमेई I ZEME, LIANGMAI & RONGMEI– इन तीनों जनजातियों के नाम के अंग्रेजी अक्षरों ZE, LIANG, RONG […] Read more » freedom fighter of Northeast India Rani Gaidinliu रानी गाइदिन्ल्यू
कविता धर्मांतरण आज मारक हथियार हो गया July 9, 2021 / July 9, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायक आज भारतीय मुसलमान मुल्लाओं में, ये होड़ मची है कि अधिक से अधिक हिन्दुओं को स्वधर्म से धर्मांतरित करके हिन्दू विरोधी कट्टर मुसलमान बनाना! एक भले चंगे इंसान को शैतान बनाना! पूर्व हिन्दू को हिन्दू के विरुद्ध भड़काना! इस दुर्भावना के लिए एक खास पैगाम है किसी को मुसलमान बनाने से बेहतर […] Read more » धर्मांतरण
कविता दूसरा रामायण July 9, 2021 / July 9, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसीता रावण की कन्या थी, इसे रावण ने जाना था,किन्तु रावण ने राम को, पूर्व से ही शत्रु माना था! रावण दुखित थे राम से, बहन की नाक कट जाने सेरावण की इच्छा थी, राम को सियाविरह में रुलाने की,अस्तु रावण ने ठानी अपनी पुत्री को घर ले आने की,रावण बड़ा ही ज्ञानी […] Read more » दूसरा रामायण
लेख उच्च कोटि का हीरा बनाम जीवनदायी जंगल July 9, 2021 / July 9, 2021 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस पृथ्वी सभी इंसानों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं. (महात्मा गाँधी) अक्टूबर 2009 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बक्सवाहा में ऑस्ट्रेलिया की हीरा कंपनी रियो टिन्टो के हीरा सेम्पल प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन करते हुये कहा था कि जल्दी ही […] Read more » High Quality Diamond Vs Life-Giving Jungle हीरा बनाम जीवनदायी जंगल
कविता मेरे कन्हैया प्रभु July 9, 2021 / July 9, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मेरे मन में बस जाओ कन्हैया मेरे,सुबह उठते ही तुम्हें मै निहारा करूं। चराते हो जो गईया मधुबन में प्रभुउन गाईयो का मैं नित्य दुग्ध पान करू। बजाते हो बंसी जो यमुना तट परउस बंसी की तान में रोज श्रवण करू। खाते हो जो माखन मिश्री प्रभु तुम,उस माखन को मैं रोज तैयार करूं। खेलते […] Read more » मेरे कन्हैया प्रभु
लेख ‘विश्वगुरु’ भारत में गुरुओं की दुर्दशा ? July 9, 2021 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानीभारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम से जब यह सवाल किया गया कि आप स्वयं को किस उपाधि के साथ संबोधित कराना पसंद करेंगे ? वैज्ञानिक,मिसाइल मैन,पूर्व राष्ट्रपति या कुछ और ? इसपर कलाम साहब का उत्तर था कि मैं अपने नाम के साथ केवल ‘प्रोफ़ेसर’ शब्द लगाना पसंद करूँगा। उनका […] Read more » गुरुओं की दुर्दशा