महिला-जगत लेख मन समाज का बदलना होगा, सरकारी योजना संबल है March 8, 2021 / March 8, 2021 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारभारतीय समाज की धुरी मातृशक्ति है. उसकी ताकत इतनी है कि वह चाहे तो सृष्टि का विनाश कर दे लेकिन हमेशा वात्सल्य से भरी स्त्री हमेशा से सर्जक की भूमिका में रही है. हालांकि यह सच है कि सदियों से मातृशक्ति के साथ छलावा और धोखा होता रहा है. वर्तमान समय में स्त्री की […] Read more » government planning is a support The mind of society will have to change महिला दिवस
महिला-जगत लेख महिला सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं हम? March 8, 2021 / March 8, 2021 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment योगेश कुमार गोयलसंयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने वर्तमान सदी को महिलाओं के लिए समानता सुनिश्चित करने वाली सदी बनाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि न्याय, समानता तथा मानवाधिकारों के लिए लड़ाई तब तक अधूरी है, जब तक महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव जारी है। महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने और […] Read more » How serious are we for women's safety?\
कविता चलो एक नई उम्मीद बन जाऊँ… March 8, 2021 / March 8, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment चलो एक नई उम्मीद बन जाऊँ!बसंत सा बन मैं भी खिल जाऊँ!! प्रकृति का नव रूप मैं हो जाऊँ!गुनगुनी धूप सा मैं खिल जाऊँ!! अमलताश सा मैं यूँ बिछ जाऊँ!अमराइयों में मैं खुद खो जाऊँ!! धानी परिधानों की चुनर बन जाऊँ!खेतों में पीली सरसों बन इठलाऊं!! मकरंद सा कलियों से लिपट जाऊँ!बसंत के स्वागत का […] Read more » एक नई उम्मीद
लेख समाज उत्तर-दक्षिण भाषा-सेतु के वास्तुकार : मोटूरि सत्यनारायण March 8, 2021 / March 8, 2021 by डॉ. अमरनाथ | Leave a Comment उन्होंने ‘हिन्दी प्रचारक’ (1926-1936),’हिन्दी प्रचार समाचार’ (1938-1961) तथा ‘दक्षिण भारत’ (1947-1961) जैसी पत्रिकाओं का कुशल संपादन किया. केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, भारतीय संस्कृति संगम, दिल्ली, तेलगु भाषा समिति, हैदराबाद, हिंदी विकास समिति, मद्रास एवं हिंदुस्तानी प्रचार सभा, वर्धा जैसी संस्थाओं की स्थापना का श्रेय भी उन्हें है. मोटूरि सत्यनारायण का जन्म दक्षिण भारत के आन्ध्र […] Read more » Architect of North-South Language Setu Moturi Satyanarayana मोटूरि सत्यनारायण
कविता शब्द खतरे में March 5, 2021 / March 5, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment सकार शब्दों का अस्तित्वआज खतरे में हैकिन्तु शब्द खतरे में है जैसी गुहारक्यों नहीं लगाते शब्द रचनाकार?‘सच्चरित्र’,’सत्यवादी’, ‘सत्यनिष्ठ’,‘सदाचारी’,’सद्व्यवहारी’, ‘संस्कारी’जैसे लुप्तप्राय होते शब्दों के लिएसरकार क्यों नहीं बनातीएक योजना प्रोजेक्ट टाइगर जैसी?मिथकीय-ऐतिहासिकचरित्र नायकों के बूते कबतकचलते रहेंगे ये शब्द;मनुष्यता के लबादेओढ़ने-पहनने-बिछाने केअभाव में कबतक ढो पाएगीइन शब्दों को डिक्सनरी?क्या शीघ्र नहीं हो जाएंगेये सकार सद शब्दसंग्रहालय […] Read more » शब्द खतरे में
पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार सृजन एवं समभाव के स्वामी हैं शिव March 5, 2021 / March 5, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment महाशिवरात्रि-11 मार्च, 2021 पर विशेष-ललित गर्ग- सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है महाशिवरात्रि। इस दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं। शिवलिंग शिव एवं सृष्टि का प्रतीक है। […] Read more » mahashivaratri Shiva is the master of creation and equality महाशिवरात्रि-11 मार्च
महिला-जगत लेख समाज भारतीय नारी कब तक रहेगी बेचारी? March 5, 2021 / March 5, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस-8 मार्च, 2021 पर विशेष-ललित गर्ग- नारी का नारी के लिये सकारात्मक दृष्टिकोण न होने का ही परिणाम है कि पुरुष उसका पीढ़ी-दर-पीढ़ी शोषण करता आ रहा हैं। इसी कारण नारी में हीनता एवं पराधीनता के संस्कार संक्रान्त होते रहे हैं। जिन नारियों में नारी समाज की दयनीय दशा के प्रति थोड़ी भी […] Read more » भारतीय नारी भारतीय नारी कब तक रहेगी बेचारी
कविता स्त्री और अस्तित्व March 5, 2021 / March 5, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मुँह अँधेरे उठती है वहबुहारती है आँगन माजती है वर्तनबाबू को देती है दवाई औरमाँ की गाँछती है चोटीबच्चों का तैयार करती है स्कूल बैगऔर बांधती है टिफीनसुबह पति को बेड-टी से उठाती हैदरवाजे तक आ छोड़ती है आफिसफिर,रसोई के बचे भोजन से मिटाती है भूखपरिवार में सबकी पीड़ा का मरहम है वहखुद […] Read more » Woman and existence स्त्री और अस्तित्व
कविता कबीर की भाषा का अनुवाद नहीं March 5, 2021 / March 5, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककबीर की नहीं है कोई प्रतिलिपिकबीर की भाषा का अनुवाद नहींकबीर को पढ़ना है तो सीखनी होगीकबीर की अक्खड़ भाषा की प्रकृतिजाननी होगी उसकी नागरी लिपि वर्तनी! कबीर की भाषा साधुकड़ी डिक्टेटर जैसीस्त्रैण नहीं, दैन्य नहीं, पलायन नहीं‘अर्जुनस्य प्रतिज्ञैद्वै न दैनयं न पलायनम्’कबीर की भाषा सीधे-सीधे प्रहार करतीकबीर की भाषा तीर सा दिल […] Read more » कबीर की भाषा का अनुवाद नहीं
लेख मां सीता के बिना अधूरे हैं प्रभु श्रीराम March 3, 2021 / March 3, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment माता सीता जयन्ती – 6 मार्च, 2021-ः ललित गर्ग:- पौराणिक काल में ऐसी कई महिलाएं हुई हैं जिन्हें हम आदर्श और उत्तम चरित्र की महिलाएं मानते हैं, जो भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। लेकिन उनमें से सर्वोत्तम हैं माता सीता। जैसे श्रीराम को पुरुषों में उत्तम पुरुषोत्तम कहा गया है, उसी तरह माता सीता […] Read more » माता सीता जयन्ती - 6 मार्च
महिला-जगत लेख खुद फैसला लेने में सक्षम होती ग्रामीण महिलाएं March 3, 2021 / March 3, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment राजेश निर्मलसुल्तानपुर, यूपी भारतीय संसद में महिलाओ की संख्या बढाने के लिए जब तैंतिस प्रतिशत आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी, तब पुरानी धारा के सोचने वाले पुरुष अपनी दलीलों से महिलाओ की काबिलियत पर सवाल खड़े करने लगे। वह महिलाओ को कुशल गृहिणी बता कर उन्हें घर की सीमाओं तक सीमित करने लगे। ऐसे […] Read more » Rural women would be able to decide for themselves खुद फैसला लेने में सक्षम होती ग्रामीण महिलाएं
कविता नारी को अबला न समझना March 3, 2021 / March 3, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नारी को अबला न समझना तुमवह गगन मे वायुयान उड़ाती है।कल्पना बन कर यही नारी,अब अंतरिक्ष में पहुंच जाती हैं।। विद्वता मे वह अब कम नहीं,उच्च शिक्षा लेकर उच्च अंक पाती हैं।बड़े बड़े स्कूल व कॉलिजो में भीवह अब पुरुषों को भी पढ़ाती हैं।। युद्ध क्षेत्र में भी वह बढ़ चढ़ कर,वह रण कौशल अपने […] Read more » नारी को अबला न समझना