दोहे विश्वास में बसा है यहाँ! December 27, 2020 / December 27, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment विश्वास में बसा है यहाँ, सारा सिलसिला; मिट जाता जो भी आता, जगती जड़ का ज़लज़ला! चैतन्य सत्ता सतत रहती, शून्य समाई; अवलोके लोक लुप्त भाव, ललित लुभाई! लावण्य हरेक गति में रहा, हर लय छाई; लोरी लिए ही लखते रहो, उनकी खुदाई! खेलो खिलाओ वाल सरिस, बुधि न लगाओ; कान्हा की श्यामा श्याम रंग, घुल मिल जाओ! वसुधा हुई है ध्यान मग्न, काल भुलाईं; ‘मधु’ कोंपलों में परागों का, प्राण है ढला! ✍? गोपाल बघेल ‘मधु’ Read more » विश्वास में बसा है यहाँ
कविता बन सौरभ तू बुद्ध !! December 27, 2020 / December 27, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment मतलबी संसार का, कैसा मुख विकराल !अपने पाँवों मारते, सौरभ आज कुदाल !! सिमटा धागा हो सही, अच्छे है कम बोल !सौरभ दोनों उलझते, अगर रखे ना तोल !! काँप रहे रिश्ते बहुत, सौरभ हैं बेचैन !बेरूखी की मार को, झेल रहें दिन-रैन !! जहर आज भी पी रहा, बनता जो सुकरात !कौन कहे है […] Read more » बन सौरभ तू बुद्ध
कविता इन दिनों।। December 27, 2020 / December 27, 2020 by अजय एहसास | Leave a Comment सुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनोंकुछ की बदल गयी है देखो चाल इन दिनोंजो हाथ मिलाते थे अदब से करें आदाबअब पूछते नहीं हमारा हाल इन दिनोंसुनते हैं आ गया है नया साल इन दिनों।। क्या बात है मचा है क्यो बवाल इन दिनोंपूंजीपती ही देखो मालामाल इन दिनोंसड़कों पे उतरते हैं […] Read more » इन दिनों
कविता नारी तुम नारायणी हो नर का सृजनहार December 27, 2020 / December 27, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकनारी के ह्रदय में अमृत, मन में प्यार,नारी तुम्हारे सामने,बौना है ये संसार! तुम असीम,अतुलनीय ईश्वरीय शक्ति,तुलना तुम्हारी नर से करना है बेकार! तुम्हीं सरस्वती-भगवती-भवानी-मानवी,तुम अक्षर-जर-शक्ति-संस्कृति आधार! तुम्हारे सिवा ईश्वर को देखा है किसने,ईश्वर-अल्ला-भगवान होते हैं निराकार! राम-कृष्ण-बुद्ध-जिन-ईसा-गुरु-पैगम्बर,पाए हैं सबने तुम्हारी कोख में आकार! हिमगिरि सा उतुंग, तुम सागर सी गहरीतुम दया-माया-ममता-करुणा की […] Read more » female Creator of male Woman you are Narayani नारी तुम नारायणी
कविता मां नाम है उस देवी की जो जन्म हमें देती है December 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमां नाम है उस देवी की, जो जन्म हमें देती है,मां सृष्टि में इकलौती है, जो सिर्फ हमें देती है! माता की ममता ऐसी है,जिसमें मन्नत होती है,मां ईश्वरीय सृष्टि में जीते जी जन्नत होती है! मां का गुणगान केवल मां शारदे कर सकती है,सारे देवी-देवता मूरत, मां देवी साक्षात होती है! सूर्य-चंद्र-तारे-धरती […] Read more » Mother is the name of the goddess who gives birth to us poem on mother पोयम ऑन मदर
कविता खुदीराम बोस ने कृष्ण की गीता को लेकर शहादत दी थी December 26, 2020 / December 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकयह व्यथा-कथा है तबकी जब बंगाल-बिहार-उड़ीसा एक थी,अंगिका-मैथिली-बंगला-उड़िया अलग से भाषा नहीं बनी थी! विद्यापति की पदावली अंग-बंग-कलिंग की साझी वाणी थी,ये हिन्दी आधुनिक साहित्य की भाषारुप में नहीं पनपी थी! आज की तरह हम बिहारी, बंगालियों के लिए बाहरी नहीं थे,दादी अंगिका गीत गाती थी,बाबा बंगला महाभारत पढ़ते थे! मां, सासु मां […] Read more » खुदीराम बोस
लेख समाज धर्मांतरण : एक घिनौना षड्यंत्र December 26, 2020 / December 26, 2020 by प्रणय कुमार | Leave a Comment जिहादी शक्ति यदि ताड़का हैं तो मसीही पूतना। जैसे पूतना ने माता के वेष में हमारे सांस्कृतिक नायक श्रीकृष्ण के प्राण लेने का षड्यंत्र रचा था वैसे ही तमाम चर्च, उसमें काम करने वाले पादरी और मदर्स-सिस्टर्स सेवा और ममता की आड़ में हमारे भोले-भाले, निर्धन-वंचित वनवासियों को लुभाकर उनका धर्मांतरण करते हैं। उन्होंने पूरब […] Read more » Conversion Conversiona disgusting conspiracy धर्मांतरण
लेख एन अनफॉरगेटेबल लव स्टोरी ऑफ़ अटल December 26, 2020 / December 26, 2020 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment सियासी धुव्र तारे- अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर विशेष 25 दिसंबर, 1924 श्याम सुंदर भाटिया “अटल बिहारी वाजपेयी के लुटियंस जॉन वाले बंगले में लोग जब अटल जी से मिलने जाते थे, तब उनको राजकुमारी कौल परिवार उसी बंगले में दिखता था। इसका मतलब है, अटल जी के साथ ही कौल परिवार उनके […] Read more » An Unforgetable Love Story of Atal एन अनफॉरगेटेबल लव स्टोरी ऑफ़ अटल
लेख शख्सियत समाज जादुई सोच से नई दुनिया रचने वाला शख्स December 26, 2020 / December 26, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment मिर्जा गालिब जन्म जयंती- 27 दिसम्बर 2020– ललित गर्ग- वास्तविक रचनाकार एवं सृजनकार अपने हूनर से ही नहीं, बल्कि अपनी सोच एवं मूल्यों से ख्याति पाते हैं और इतिहास बनाते हैं, ऐसे अनूठे एवं विलक्षण इंसान परंपरावादी दुनिया की सारी सीमाओं को तोड़कर जज्बातों के बवंडर से नई सूरत गढ़ते हैं। ऐसी शख्सियतें खुद अपनी […] Read more » मिर्जा गालिब जन्म जयंती
कविता उन्हें भी होगा कोविड-19 सा डर December 24, 2020 / December 24, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकचलते हैं हम मास्क लगाकरजैसे रुस का ऋक्ष और भारत केटोटमवादी वानर जामवंत, हनुमानकभी बन जाते थे ब्राह्मण औरकभी पूंछधारी लंगूर सा बन्दर! शायद उन्हें भी होगा कोविड-19 सामानव प्रजाति के विनाश का कोई डर! मानव जो भयभीत रहतेअपने अस्तित्व बचाने को लेकरतकनीकी यद्यपि थी काफी विकसित,हनुमान उड़ सकते थे सिंगल सीटरवायुयान की […] Read more » कोविड-19 सा डर
लेख समाज घर में बच्चे दो ही अच्छे नीति कर देगी सामाजिक बंधन कच्चे December 24, 2020 / December 24, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 (एनएफएचएस -5) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत को घर में बच्चे दो ही अच्छे नीति की आवश्यकता नहीं है। रिपोर्ट का कहना है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग से परिवार नियोजन मांगों में सुधार को पूरा किया जा रहा है। […] Read more » Only two good policy at home will make the social bond raw घर में बच्चे दो ही अच्छे नीति जनसंख्या नियंत्रण
व्यंग्य स्वाद अपरंपार December 24, 2020 / December 24, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment हास्य और गाम्भीर्यता की अनूठी रार, गजब… ‘पोली’ और ‘पोली का यार’ सुशील कुमार ‘नवीन ‘ किसी रिपोर्टर ने हरियाणा के रामल से पूछा कि आप लोग बार-बार कहते सुनाई देते हो कि भई, स्वाद आग्या। ये स्वाद क्या बला है और ये आता कहां से है। रामल ने कहा-चल मेरे साथ।आगे-आगे रामल और पीछे-पीछे […] Read more » पोली पोली का यार स्वाद अपरंपार