लेख विधि-कानून बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं September 9, 2020 / September 9, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मानवीय जीवन में आत्महत्या एक असामान्य व्यवहार है। जिसमें प्राणी स्वयं की हत्या करता है। पहले व्यक्ति में बार-बार आत्महत्या के विचार आते हैं, उसके बाद वह आत्महत्या कैसे किया जाए। कब किया जाए। आत्महत्या सफल नहीं हुई तो क्या होगा। समाज […] Read more » बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं
व्यंग्य ‘हरामखोर’ मतलब ‘बेईमान नॉटी गर्ल’ …नोट कर लीजिए जनाब September 9, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment आप भी समझ रहे होंगे, यह कैसी शब्दावली है। ‘हरामखोर’ का मतलब ‘ बेईमान नॉटी’ गर्ल कब से होने लगा है। हमें तो सदा यह गाली के प्रतीकात्मक स्वरूप में ही सुनने को मिला है। नालायक, कामचोर, आलसी, निक्कमा, नमकहराम, मुफ्तखोर,आदि आदि। मां का कहा काम नहीं करते तो मां का सीधा सम्बोधन यही होता […] Read more » फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट
लेख सरकारी नीतियों में उलझे उत्तराखंड के किसान September 8, 2020 / September 8, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment पंकज सिंह बिष्ट नैनीताल, उत्तराखंड कोरोना महामारी ने जिस तरह से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, उसकी गूंज सदियों तक इतिहास में सुनाई देती रहेगी। इस महामारी ने मानव जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। विशेषकर दुनिया भर की अर्थव्यवस्था इस महामारी की शिकार हुई है। दुनिया के सात सबसे विकसित देशों […] Read more » Uttarakhand farmers get entangled in government policies उत्तराखंड के किसान
कविता विभिन्न पत्नियों के विभिन्न वार्तालाप अपने पतियों से September 7, 2020 / September 7, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment पायलट की पत्नी बोली अपने पति से,ज्यादा हवा में मत उडो,मै तुम्हे तो ही उड़ा दूंगीज्यादा तीन दो पांच मत करोतुम्हे तो मुंह से सीटी बजाकरहवा में उड़ा दूंगी। अध्यापक की पत्नी बोलीमुझे ज्यादा मत पढ़ाओ,मै तो पढ़ी पढ़ाई आईं हूंतुम जैसे मास्टरों की तोहेड मास्टरनी बनकर आई हूं। पेंटर की बीबी बोलीज्यादा रंग मत […] Read more » poem on husband and wife talks वार्तालाप
कविता शिक्षा दिवस September 5, 2020 / September 5, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment रहे न अशिक्षित भारत में कोई,ऐसी योजनाएं हमे बनाना है।घर घर शिक्षा का दीपक भी,देश के हर कोने में जलाना है।। शिक्षा दिवस भी एक पर्व है,इसे भी और पर्वो की तरह मनाना है।रहे ने कोई देश में अशिक्षित,भारत को अब महान बनाना है।। होती जा रही महंगी शिक्षा,इसको अब सस्ती करनी है।पढ़ सके हर […] Read more » शिक्षा दिवस
कविता बच्चों का पन्ना चीटा है यह September 5, 2020 / September 5, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment प्रभुदयाल श्रीवास्तव Read more »
लेख गति के लिए चरण व प्रगति के लिए आचरण की प्रेरणा है ‘शिक्षक’ September 5, 2020 / September 5, 2020 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment – डॉ. पवन सिंह मलिक आज शिक्षक दिवस है और हममें से कोई भी ऐसा नहीं, जिसके जीवन में इस शब्द का महत्व न हो। हम आज जो कुछ भी है या हमने जो कुछ भी सिखा या जाना है उसके पीछे किसी न किसी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग व उसे सिखाने की भूमिका रही […] Read more » जीवन का दायित्वबोध है शिक्षक शिक्षक शिक्षा को मिशन का रूप शिक्षा स्व-रोज़गार के लिए
व्यंग्य हे ! कागदेव: नमस्तुभ्यम September 5, 2020 / September 5, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हे ! कलयुग के पितृदेव। हम आपकी श्रेष्ठता को नमन करते हैं। हम समदर्शी सृष्टि का भी अभिनंदन करते हैं जिसने आपको पखवारे भर के लिए श्रेष्ठ माना है। लेकिन आपका सम्मान देख इहलोकवासी पिताम्हों को ईष्र्या होती है। कागदेव आप नाराज […] Read more » Kagadeva कागदेव
कविता साहित्य सिर पर मेरे हाथ धर,यूं ही बढ़ाते रहना मान September 4, 2020 / September 4, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment चरण वंदन करता आज मैं, कर गुरु गुणगान, सिर पर मेरे हाथ धर,यूं ही बढ़ाते रहना मान। क्या वर्ण और क्या वर्णमाला, रह जाता मैं अनजान, ‘अ’ से अनार,’ए’ से एपल की न हो पाती पहचान। गिनती, पहाड़े, जोड़-घटा, न कभी हो पाती गुणा-भाग, एक-एक क्यों बनें अनेक, बोध न हो पाता कभी ये ज्ञान। […] Read more » poem on teachers day गुरु
लेख विविधा समाज शिक्षा एक गंभीर सामाजिक दायित्व-बोध है September 4, 2020 / September 4, 2020 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment भारतवर्ष की सनातन सांस्कृतिक परंपरा में ‘शिक्षा’ स्वयं में बहुअर्थगर्भित शब्द है। यहाँ शिक्षा का अभिप्राय साक्षरता अथवा शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की उपलब्धता मात्र नहीं है। शिक्षा यहां मानव-मन को शुभसंस्कारों से सज्ज करने का माध्यम है; मनुष्य को मनुष्य बनाने की कला है; उसमें सामाजिक दायित्वबोध का जागरण है और उदात्त मानव-मूल्यों की प्राप्ति का […] Read more » Education is a serious social responsibility शिक्षा शिक्षा एक गंभीर सामाजिक दायित्व-बोध है
व्यंग्य भागदौड़ में कमी नहीं,तुम मानो चाहे ना मानो September 4, 2020 / September 4, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार’ नवीन’ एक पुरानी कहानी सुनाने का मन कर रहा है। कहानी पुरानी जरूर है पर संदर्भ नया है। शेर से परेशान होकर जंगल के अन्य जीव-जंतुओं ने एक बार सभा की। सभा में सदियों से राजा के पद पर आसीन शेर की कार्यप्रणाली पर चर्चा की गई। हिरन- खरगोश बोले-ये कैसा राजा है […] Read more » man ki baat like dislike episode तुम मानो चाहे ना मानो प्रधानसेवक जी भागदौड़ में कमी नहीं लाइक-डिसलाइक प्रकरण
कविता आओ भारत को आत्मनिर्भर बनाए September 3, 2020 / September 3, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आओ भारत को आत्मनिर्भर बनाए,हर दृष्टि से इसे शक्तिशाली बनाए,जों इसके विकास में रोड़ा अटकाए,उसे हर तरीके से हम उसे समझाए। आओ भारत को ऐसा देश बनाए,सुंदर,सजग,सशक्त व सरल बनाए,जो देखे इस देश को कुदृष्टि से,उसको सब मिलकर दृष्टिहीन बनाए। आओ हिंदी को सबकी भाषा बनाए,इसे बोलचाल की हम भाषा बनाए,जिनको नहीं आती हो हिंदी […] Read more » Come make India self-reliant आत्मनिर्भर भारत