आलोचना साहित्य मैंने तुम पर भरोसा किया, तुमने किया विश्वासघात। June 8, 2020 / June 8, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment डॉo सत्यवान सौरभ, आदमी अपने जीवन काल में किसी न किसी जानवर को पानी पिलाता ही है या किसी न किसी रूप में उसे खाना देता ही है। ऐसे में मनुष्य और इन जानवरों के बीच कम से कम एक भरोसे का रिश्ता तो रहा ही है। बेशक कोई व्यक्ति हाथी को अपने घर में नहीं […] Read more » elephant death by eating eating pineapple full of explosives विश्वासघात
राजनीति लेख मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव ? भाग – 1 June 8, 2020 / June 8, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव ? भाग – 1 अक्टूबर 2017 में बीबीसी ने उपरोक्त शीर्षक से एक समीक्षा भारत के इतिहास के संबंध में प्रस्तुत की थी । जिसमें उसने यह स्थापित करने का प्रयास किया था कि भारत में मुगलों से पहले ऐसा कोई शासक नहीं हुआ जिसने देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए और लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा […] Read more » Muslim ruler a blot or pride for India मुस्लिम शासक मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव
राजनीति लेख मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव ? भाग — 2 June 8, 2020 / June 8, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव ? भाग — 2 जावेद अख्तर सुनो ! सावरकर की वाणी जिस समय बीबीसी ने अपना उपरोक्त समीक्षात्मक परन्तु भ्रमात्मक लेख प्रकाशित किया था उसी समय इन विवादों के बीच फ़िल्मकार और गीतकार जावेद अख़्तर ने कई ट्वीट किए थे । उनके ट्वीट की जानकारी देते हुए बीबीसी ने ही लिखा था कि जावेद अख़्तर ने बीजेपी पर निशाना […] Read more » Muslim ruler a blot or pride for India मुस्लिम शासक मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा
लेख जीवों पर दया नहीं तो सबकुछ है बेकार June 6, 2020 / June 6, 2020 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना केरल में अनानास (फल) के भीतर विस्फोट रखकर एक गर्भवती हथिनी को मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर से पूरा देश सन्न है। इस घटना से पशु प्रेमी ही नहीं आम आदमी भी हतप्रभ है। वैसे तो केरल में इस तरह की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, लेकिन इस बार […] Read more » death of elephant in kerela केरल में अनानास (फल) के भीतर विस्फोट रखकर एक गर्भवती हथिनी को मौत जीवों पर दया
लेख शख्सियत ज्योति के हौसलों को पंख June 6, 2020 / June 6, 2020 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment श्याम सुंदर भाटियायह एक साधारण बेटी की असाधारण कहानी है। जोश , जुनून और फौलादी मंसूबों से लबरेज है। 15 बरस की इस लड़की की बहादुरी की मिसाल बेमिसाल है। गुरुग्राम टू दरभंगा बारह सौ किलोमीटर तक के साइकिल के इस कठोर सफर में बेइंतहा दर्द है। भूख है। प्यास है। रोमांच है। चोटिल पिता […] Read more » सिरहुल्ली की ज्योति पासवान
लेख विविधा खाद्य सुरक्षा अब और भी ज्यादा जरूरी June 6, 2020 / June 6, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment प्रियंका सौरभ रोटी, कपड़ा और मकान को मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएं कहा जाता है। इन मूलभूत आवश्यकताओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इंसान बहुत मेहनत करता है। भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां आम जनता को सुरक्षित भोजन के महत्व के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र […] Read more » food security खाद्य सुरक्षा
लेख ग्रंथ और पंथ से मुक्त थे कबीर June 5, 2020 / June 6, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment संत कबीर जन्म जयन्ती- 5 जून, 2020 के उपलक्ष्य में– ललित गर्ग –भारतीय संत परम्परा और संत-साहित्य में संत कबीर एक महान् हस्ताक्षर, समाज-सुधारक हंै। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ, जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरूप रूढ़ियों एवं आडम्बरों में जकड़ा एवं अधंकारमय था। एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांधता से जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी और दूसरी […] Read more » कबीर ग्रंथ और पंथ से मुक्त कबीर संत कबीर जन्म जयन्ती
बच्चों का पन्ना लेख मासूम बच्चों की पीड़ा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस June 4, 2020 / June 4, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment डॉo सत्यवान सौरभ, अंतर्राष्ट्रीय दिवस जनता को चिंता के मुद्दों पर शिक्षित करने के लिए, वैश्विक समस्याओं को संबोधित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधन जुटाने के लिए, मानवता की उपलब्धियों को मनाने और सुदृढ़ करने के अवसर हैं। अंतर्राष्ट्रीय दिनों का अस्तित्व संयुक्त राष्ट्र की स्थापना से पहले है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें […] Read more » International Day of Pains of Innocent Children मासूम बच्चों की पीड़ा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
पुस्तक समीक्षा ए डिफ़रंट टेक : पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी June 4, 2020 / June 4, 2020 by डॉ. मधुसूदन | 3 Comments on ए डिफ़रंट टेक : पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।एक, पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी Dr. Madhusudan (१)विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।”स्वगृहे पूज्यते मूर्खः, स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः। स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान् सर्वत्र पूज्यते॥”**मूर्ख व्यक्ति का सर्वाधिक ध्यान घर परिवार में रखा जाता है, ग्राम देवता की पूजा सारे गाँव द्वारा (में) सम्पन्न होती है; राजा का सम्मान स्वदेश में किया जाता है; पर विद्वान व्यक्ति सर्वत्र (परदेश […] Read more » ’ए डिफ़रंट टेक’ (A Different Take डॉ. बलराम सिंह
जन-जागरण बच्चों का पन्ना लेख अंको के खेल मे छीन रही है भविष्य के कर्णधारों की जिंदगियां June 2, 2020 / September 2, 2020 by भगवत कौशिक | Leave a Comment भगवत कौशिक अप्रैल,मई और जून के महीने शिक्षा और शिक्षार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते है ।इन महिनो मे दसवीं, बाहरवीं व लगभग सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं का परिणाम जारी हो जाता है ।लेकिन कोरोना महामारी के चलते अबकी बार परीक्षा परिणाम जारी करने मे विलंब हुआ व विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम के लिए जुलाई तक […] Read more » कर्णधारों की जिंदगियां भविष्य के कर्णधारों की जिंदगियां
कविता परदेश और गाँव June 1, 2020 / June 1, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment अम्मा ने परदेश जाते समयसफ़र की भूख मिटाने को दिया थागुड़ की भेलियां, अचार की फारियां औरसाथ में भरपूर रोटियां ! ! घर से निकलते बोली थीं अम्माजरा , दही- गुड़ से मुँह झूठा कर लेबस ! यह कहते अम्मा की आँखेंबन गई थीं सावन- भादों की नदी ! ! किवाड़ की ओट से वह […] Read more » परदेश और गाँव
कविता ज़़िंदगी पहले इतनी सिमटी न थी May 31, 2020 / May 31, 2020 by बीनू भटनागर | Leave a Comment ज़िंदगी पहले कभी इतनीसिमटी न थी।जिंदगी पहले कभी इतनीडरी डरी न थी।जिंदगी पहले इतनीअकेेेली भी न थी।अब कोई किसी के घरआता जाता नही,अब किसी को कोईबुलाता नहीं……एक फोन में सारे रिश्तेसमाहित हो गयेे।स्पर्श के सुख सेसभी वंचित गये होबहुत दिनों बादकोई मिले तोगले लगा सकते नहींदुख में रोने कोकोई काँधानहीं मिलता है अबख़ुशी के ज़माने […] Read more »