लेख भरत से हारकर राम ने मनाई जीत की खुशी March 3, 2020 / March 3, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण, भरत ओर शत्रुघन सहित अपने बाल सखायो की टोली लिए राजमहल से बाहर आते है ओर अयोध्या की गलियों में भमरा, लट्टू डोरी का खेलते है। गोस्वामी तुलसीदास ने गीतावली में भगवान के अनेक ललित लीलाओ उनके रूपमाधुर्य ओर उच्च चरित्र का चित्रण किया है। […] Read more » Ram celebrates victory by defeating Bharat राम ने मनाई जीत की खुशी
लेख समाज पादरी और बलात्कार March 3, 2020 / March 3, 2020 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक पोप फ्रांसिस बधाई के पात्र हैं कि जिन्होंने आखिरकार केरल के पादरी राॅबिन वडक्कमचेरी को ईसाई धर्म से निकाल बाहर किया। आखिरकार शब्द मैंने क्यों लिखा ? इसलिए कि इस पादरी को केरल की एक अदालत ने बलात्कार के अपराध में 60 साल की सजा कर दी थी, इसके बावजूद पोप ने […] Read more » father and Rape father of church commiting rapes बलात्कार
मीडिया लेख बलदेव भाई शर्मा होने का मतलब March 3, 2020 / March 3, 2020 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलपति का चयन क्यों है महत्त्वपूर्ण -प्रो.संजय द्विवेदी हिंदी पत्रकारिता के विनम्र सेवकों की सूची जब भी बनेगी उसमें प्रो. बलदेव भाई शर्मा का नाम अनिवार्य रूप से शामिल होगा। ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया […] Read more » chancellor of kushabhau thackeray chancellor of kushabhau thackeray baldev bhai sharma बलदेव भाई शर्मा बलदेव भाई शर्मा होने का मतलब
कविता यही तो इश्क है। March 2, 2020 / March 2, 2020 by अजय एहसास | Leave a Comment दुनिया में उसको छोड़ ना परवाह किसी की आ जाये बिना बुलाये कभी याद किसी की तस्वीर गर जो आंखों में बस जाय किसी की कहते है दुनिया वाले कि यही तो इश्क है। दीदार उनका करने को जो दिल रहे बेताब उनके बगैर दुनिया में सब कुछ लगे खराब मिलते ही खुद बखुद अगर […] Read more » यही तो इश्क है।
दोहे तर कभी कृष्ण की कृपा जाते ! March 2, 2020 / March 2, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment तर कभी कृष्ण की कृपा जाते, वर कभी बोध व्यथा से पाते; पाण्डव धीरे धीरे जग पाते, सुषुप्ति युगों की रहे होते! स्वार्थ में सने घुने जो होते, उन्हें पहचान कहाँ वे पाते; सात्विकी सहजता समाए वे, पातकी पात्र कहाँ लख पाते ! भाव जड़ता को कहाँ तर पाते, कहाँ गाण्डीव उठा लड़ पाते; विराट […] Read more » तर कभी कृष्ण की कृपा जाते
लेख समाज राम रावण युद्ध से मनुष्यों को परस्पर व्यवहार की शिक्षा मिलती है March 2, 2020 / March 2, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म व सनातन धर्म दोनों पर्यायवाची शब्द हैं। सृष्टि का आरम्भ 1,96,08,53,120 वर्ष पूर्व हुआ था। त्रेता युग में राम चन्द्र जी आर्यावर्त में जन्म थे। वह राजपुत्र थे। उनकी राजधानी का नाम अयोध्या था। उनके पिता दशरथ चक्रवर्ती राजा थे परन्तु उनमें कुछ शिथिलतायें थी जिस कारण लंका का […] Read more » The war on the Rama Ravana gives humans education of mutual behavior. परस्पर व्यवहार की शिक्षा राम रावण युद्ध
लेख आईपीएस अफीसर एसोसिएशन में बजने लगे बर्तन! March 2, 2020 / March 2, 2020 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का संघ मध्य प्रदेश में काफी ताकतवर माना जाता है। इस संघ की एकता और संगठनात्मक क्षमता को समय समय पर सराहा भी जाता रहा है। हाल ही में आईपीएस आफीसर्स की सर्विस मीट का आयोजन किया गया। इस मीट में शामिल होने आए अधिकारियों और उनके परिवार […] Read more » आईपीएस अफीसर एसोसिएशन
दोहे प्रकोपों के हर प्रकम्पन ! March 2, 2020 / March 2, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment प्रकोपों के हर प्रकम्पन, रहा वह प्रहरी सजग; प्रहर हर प्रश्वास दुर्लभ, दिया था वो चित चमन! चुभाया जब शूल कोई, निकाला वे ही किए; जान ना पाए कभी हम, क्यों थे वे ऐसा किए ! उनके तीरों से ही उनका, बध कराए वे रहे; साधना हमको बिठा कर, ध्यान तैराया किए ! हर तलैया […] Read more » प्रकोपों के हर प्रकम्पन
दोहे चर अचर कबहु चिन्मय संग ! March 2, 2020 / March 2, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment चर अचर कबहु चिन्मय संग, रागन डोली; खेलन चहत हैं होली, हिया वरवश खोली ! खिल जात कला पात, अखिल अपने पुकारे; पुचकार भुवन देत रहत, हियहिं विचारे ! आवाज़ वे ही देत, वे ही याद करावत; सुनि जात नेह करत, वे ही भाव जगावत! भव की तमाम वादियन में, वे ही घुमावत; घूर्णन की […] Read more » चर अचर कबहु चिन्मय संग
दोहे आज कुछ आभास उनका ! March 2, 2020 / March 2, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आज कुछ आभास उनका, आत्म उर में हो गया; विश्व के इन चराचर बिच, उन्हीं का नाटक हुआ ! रूप रंग आए सजे सब, रंग मंचों पर चढ़े; अड़े ठहरे खड़े ठिठुरे, ठिठोली होली किए ! रहा दिग्दर्शन उन्हीं का, प्रणेता वे ही रहे; काल की हर एक झाँकी के, रचयिता वे रहे ! चित्र […] Read more » आज कुछ आभास उनका !
लेख अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंंप के सामने नफरत के भूकंप से दिल्ली को दहलाने के मुख्य साजिशकर्ता कौन! February 28, 2020 / February 28, 2020 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी “लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में”महान शायर बशीर बद्र साहब की ये पंक्तियां दिल्ली के हाल के घटनाक्रम पर एकदम सटीक बैठती हैं। जिस तरह 23 फरवरी 2020 रविवार के दिन भारतीय इतिहास में चंद नेताओं के द्वारा नफरत के जहरीले बयानों पर बोयी […] Read more » murders and riots in delhi दिल्ली को दहलाने के मुख्य साजिशकर्ता
लेख विज्ञान मानव जीवन में विज्ञान की महत्ता February 28, 2020 / February 28, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) पर विशेष – योगेश कुमार गोयल विज्ञान ने आज हमारे जीवन को बेहद आसान और सुविधाजनक बना दिया है। युवाओं की आज के समय में विज्ञान के प्रति कितनी रूचि है, इसी पर देश का भविष्य निर्भर करता है। युवाओं के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के दिलोदिमाग मेें […] Read more » national science day मानव जीवन में विज्ञान की महत्ता राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी