व्यंग्य नॉट आउट @हंड्रेड September 9, 2019 / September 9, 2019 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment “ख्वाबों,बागों ,और नवाबों के शहर लखनऊ में आपका स्वागत है” यही वो इश्तहार है जो उन लोगों ने देेखा था जब लखनऊ की सरजमीं पर पहुंचे थे। ये देखकर वो खासे मुतमइन हुए थे । फिर जब जगह जगह उन लोगो ने ये देखा कि “मुस्कराइए आप लखनऊ में हैं “तो उनकी दिलफ़रेब मुस्कराहटें कान […] Read more »
लेख मैगसेसे मंच से रविश कुमार ने खूब उगला जहर September 6, 2019 / September 6, 2019 by संजय सक्सेना | 2 Comments on मैगसेसे मंच से रविश कुमार ने खूब उगला जहर हिन्दी पत्रकारों,मोदी सरकार,मिशन चन्द्रयान सबकी उड़ाई खिल्ली संजय सक्सेना छक्ज्ट इंडिया और उसके मैनेजिंग एडिटर […] Read more » Magsaysay Award to Ravish Kumar Ravish Kumar रविश कुमार
लेख ज्ञान के महासागर थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन। September 6, 2019 / September 6, 2019 by आई. पी ह्यूमन | Leave a Comment प्रथम भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की आज 131वीं जयंती है।उनके जन्म दिवश को शिक्षक दिवश के रूप में हर वर्ष 5 सितम्बर को देश भर में बढ़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है।बदलते सामाजिक परिवेश और भारतीय पारम्परिकता और भारतीय संस्कृति के आधुनिकता के दौर में जहाँ गुरु और शिष्य के बीच मात्र […] Read more » डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
कविता शिक्षक कौन है ? September 6, 2019 / September 6, 2019 by राकेश कुमार पटेल | Leave a Comment शिक्षक कौन है ? राही सा मन को, राह दिखा दे जिसे चलना न आये, उसे चलना सिखा दे जिसे हँसना न आये , उसे हँसाना सिखा दे जिसे रोना न आये , उसे रोना सिखा दे जिसे खो कर पाना न आये, उसे पाना सिखा दे भूले भटके को , घर का पता बता […] Read more »
कविता शिक्षक ने शिक्षा पा ली September 3, 2019 / September 3, 2019 by डॉ कविता कपूर | Leave a Comment समाज बोला तू तो शिक्षक है,भविष्य निर्माता है, देश के कर्णधार का, तू ही तो भाग्य विधाता है। नव निर्माण का लिए संकल्प, निकल पड़ा वह निर्विकल्प, राह में टकराई संचार क्रांति, बलखाती- इठलाती बोली, “मैं हूं ज्ञान का भंडार, खोल दिए हैं मैंने सफलता के सभी द्वार, तू तो है बालक नादान, पा न […] Read more » Education शिक्षक शिक्षक ने शिक्षा पा ली शिक्षा
कविता कब छलकि जाय मन की गगरी ! September 2, 2019 / September 2, 2019 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment कब छलकि जाय मन की गगरी, कौन जानता; वो डाल डाल पात पात, हमको नचाता !सम्बंध गाढ़े और हलके, समय ढ़ालता; अनुभव कराके नये नये, चित्त रचाता ! भोजन का भेद आत्मशोध, विचारों को शुध; दो व्यक्तियों को विलग करा, वो ही मिलाता !क्या होगा वक़्त बाद, कहाँ इंसान जानता; संस्कार भोग हमरे करा, हमको […] Read more » कब छलकि जाय मन की गगरी !
कविता पाक को चेतावनी September 2, 2019 / September 2, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जितनी है पाक औकात तेरी,उतनी कर अब तू बात |तीन युद्ध हार चुका है,कितनी खायेगा अब तू मात || बना है तू सेना की कठपुतली,तेरे नहीं कोई साथ |ले देके एक चीन बचा है,जिससे मिलाया तूने हाथ || देता है न्यूकिल्यर की धमकी,तू उसको भी छुटा कर देख |बचेगा न तेरा कोई बन्दा,खुद गिरेबान में […] Read more » warning to pakistan पाक को चेतावनी
कविता साहित्य तुम जलाते रहे,मै जलती रही August 30, 2019 / August 30, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी तुम जलाते रहे,मै जलती रही | बिन आग के ही,मै जलती रही || तुम यकीन देते रहे,मै करती रही | धोखा खाया तो,हाथ मलती रही || वादा मुझसे किया,शादी और से की | ये बात जिन्दगी में,मुझे खलती रही || तुम वादा करते रहे,और मुकरते रहे | धीरे धीरे पैरो की जमीं […] Read more » fire of love suffering
गजल हिंदी ग़ज़ल August 28, 2019 / August 28, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार चाँदनी रात हमको बोना। अंधकार घिस घिस कर धोना।। पुलकित सभी दिशाएं दिखतीं, जगमग करता कोना कोना। कविता का मख्खन निकलेगा, भावों को तुम खूब बिलोना। मावस की काली रातें हैं, ठगी गई किस्मत का रोना। जीवन को संबल देता है, उनका मात्र ख्वाब में होना। अविनाश ब्यौहार जबलपुर Read more » hindi gazal
कविता एक अनुभव August 28, 2019 / August 28, 2019 by राकेश कुमार पटेल | Leave a Comment माँ तुम बिन सब अधूरी है जीना तो चाहता नहीं , मगर तेरे सपनों के लिये जीना जरुरी है माँ तुम बिन सब अधूरी है | ओ चाँद जिसे तुम ने मामा बताया उस मामा और मेरे बीच जाने कितने मीलों की दुरी है माँ तुम बिन सब अधूरी है | लौटता हूँ घर को […] Read more » Hindi Poem poem poem on experience
लेख आनन्दीबेन पटेल की अनुकरणीय पहल August 28, 2019 / August 28, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- आज जीवन में प्रेरणा के स्रोत सूख गये हंै। भगवान की साक्षी से सेवा स्वीकारने वाला डाक्टर भी रोगी से व्यापार करता है। जिस मातृभूमि के आंगन में छोटे से बड़े हुए हैं, उसका भी हित कुछ रुपयांे के लालच में बेच देते हैं। पवित्र संविधान की शपथ खाकर कुर्सी पर बैठने वाला […] Read more » Anandiben Patel exemplary initiative
कविता हिन्दी- महिमा August 28, 2019 / August 28, 2019 by शकुन्तला बहादुर | Leave a Comment भारत में जो रची बसी है , वह जनभाषा है हिन्दी। भारतमाँ के माथे की है , वह प्यारी सी बिन्दी ।। * उत्तरदिशि केदारनाथ में , गूँज रही है ये हिन्दी। दक्षिण में रामेश्वरम तक, व्याप रही अपनी हिन्दी।। * पूर्वदिशा में जगन्नाथपुरि , में भी तो छाई हिन्दी। पश्चिम में है बसी द्वारिका,वहाँ […] Read more » hindi glory Hindi Poem poem