व्यंग्य पति की अभिलाषा September 5, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुन्दर डीपी लगा रखी है मोहतरमा अब तो चाय पिला दें सुबह उठते से ही देखो की है तारीफ़ अब तो चाय पिला दें सोच रखा है छुट्टी का दिन सारा आराम करके गुजार दूँगा चाय पीके सो जाऊंगा, कहीं वो शॉपिंग की याद न दिला दें हफ़्ते भर की थकान मीठी नींद, भीने सपनो […] Read more » पति की अभिलाषा शॉपिंग सुन्दर डीपी
व्यंग्य राष्ट्रीय विद्रोही दल August 3, 2018 / August 3, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment – विजय कुमार, शर्मा जी की बेचैनी इन दिनों चरम पर है। 2019 सिर पर है और चुनाव लड़ने के लिए अब तक राष्ट्रीय तो दूर, किसी राज्य या जिले स्तर की पार्टी ने उनसे संपर्क नहीं किया। उन जैसे समाजसेवी यदि संसद में नहीं जाएंगे, तो क्या होगा देश का ?शर्मा जी ने कई […] Read more » Featured गुलदस्ते जिले स्तर की पार्टी राष्ट्रीय विद्रोही दल लिफाफे सार्वजनिक शौचालय
व्यंग्य जेब कतरा -एक व्यंग –आर के रस्तोगी August 3, 2018 / August 3, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment एक जेब कतरा जेब काटते पकड़ा गया कुछ पुलिस वालो के वह हत्थे चढ़ गया पुलिस वाले बोले,तू जेब काटता है क्यू जेब कतरा बोला,तुम रिश्वत मांगते हो क्यू पुलिस वाले बोले,हमारे थाने बिकते है सरे आम सारे देश मे नीलाम होते है हमे भी उपर वालो को देना पड़ता है बिना दिए अच्छा थाना […] Read more » असली जेब कतरे जेब कतरा -एक व्यंग --आर के रस्तोगी तू जेब काटता है क्यू पुलिस वाले बोले
व्यंग्य संयुक्त प्रधानमंत्री योजना July 27, 2018 / July 27, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment – विजय कुमार इन दिनों भारत में चातुर्मास चल रहे हैं। देवी-देवता निद्रा में हैं। चातुर्मास में साधु-संत भी अपना प्रवास स्थगित कर एक ही जगह रहते हैं। इस दौरान वे अपना अधिकांश समय अध्ययन, चिंतन, पूजा और प्रवचन में बिताते हैं। पर चातुर्मास में असुर क्या करते हैं, इस पर शास्त्र मौन हैं। शर्मा […] Read more » Featured अध्ययन कांग्रेस चिंतन पूजा और प्रवचन राहुल संयुक्त प्रधानमंत्री योजना
व्यंग्य राजनीतिक आंसुओं का रासायनिक विश्लेषण July 17, 2018 / July 17, 2018 by विजय कुमार | 1 Comment on राजनीतिक आंसुओं का रासायनिक विश्लेषण – विजय कुमार, आंसू का साहित्य में बड़ा महत्व है। भाषा कोई भी हो, पर आंसू की खुराक के बिना उसकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ती। न जाने कितनी कविता, शेर, गजल, कहानी और उपन्यासों के केन्द्र में आंसू ही हैं। सुमित्रानंदन पंत के शब्दों में – वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा […] Read more » Featured ऑक्सीजन और थोड़ा कैल्शियम; कुमारस्वामी राजनीतिक आंसुओं का रासायनिक विश्लेषण राष्ट्रगान सुमित्रानंदन पंत हाइड्रोजन
व्यंग्य दूसरों की कमाई , हमें क्यों बताते हो भाई ….!! July 7, 2018 / July 7, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा उस विवादास्पद अभिनेता पर बनी फिल्म की चर्चा चैनलों पर शुरू होते ही मुझे अंदाजा हो गया कि अगले दो एक – महीने हमें किसी न किसी बहाने से इस फिल्म और इससे जुड़े लोगों की घुट्टी लगातार पिलाई जाती रहेगी। हुआ भी काफी कुछ वैसा ही। कभी खांसी के सिरप तो […] Read more » Featured क्रिकेटर गरीबी - बेरोजगारी दूसरों की कमाई बाढ़ - सूखा बायोपिक फिल्म हमें क्यों बताते हो भाई
व्यंग्य भगवान सरकारी बंगला किसी से न खाली करवाए… .!! June 22, 2018 / June 22, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा मैं जिस शहर में रहता हूं इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि यहां बंगलों का ही अलग मोहल्ला है। शहर के लोग इसे बंगला साइड कहते हैं। इस मोहल्ला या कॉलोनी को अंग्रेजों ने बसाया था। इसमें रहते भी तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी ही थे। कहते हैं कि ब्रिटिश युग में किसी […] Read more » Featured अंग्रेज उच्चतम न्यायालय किसी से न खाली करवाए... .!! भगवान सरकारी बंगला मीडिया पोस्टमार्टम
व्यंग्य इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस June 20, 2018 / June 20, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार, कल शर्मा जी के घर गया, तो वे ‘इच्छा मृत्यु’ के बारे में एक लेख पढ़ रहे थे। पढ़ने के बाद उन्होंने वह अखबार मुझे पकड़ा दिया। उस लेख का सार इस प्रकार है।जीवन और मृत्यु के बारे में संतों, मनीषियों और विद्वानों ने बहुत कुछ कहा है। जीवन की तरह मृत्यु भी […] Read more » Featured अध्यक्ष राहुल गांधी इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस नवीन पटनायक न्यायालय ममता बनर्जी
व्यंग्य हमें भी खिलाओ नहीं तो… June 13, 2018 / June 13, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार आजकल दूरदर्शन ने क्रिकेट और फुटबॉल को हर घर में पहुंचा दिया है; पर हमारे बचपन में ऐसा नहीं था। तब गुल्ली-डंडा, पिट्ठू फोड़, कंचे और छुपम छुपाई जैसे खेल अधिक खेले जाते थे। खेल में झगड़ा भी होता ही है। भले ही वह थोड़ी देर के लिए हो। हमारे मित्र शर्मा जी […] Read more » Featured कंचे गुल्ली-डंडा पिट्ठू फोड़ भूतपूर्व मंत्रियों मुख्यमंत्री विधायक सांसद हमें भी खिलाओ नहीं तो...
व्यंग्य लूट सके तो लूट May 16, 2018 by विजय कुमार | 1 Comment on लूट सके तो लूट बचपन में हम लोग प्रायः अंत्याक्षरी खेला करते थे। इसकी शुरुआत कुछ ऐसे होती थी – समय बिताने के लिए करना है कुछ काम शुरू करो अंत्याक्षरी लेकर हरि का नाम। अंत्याक्षरी से कई लाभ थे। जहां एक ओर गर्मी में भीषण लू से बचत होती थी, वहां मनोरंजन और दिमागी कसरत […] Read more » Featured अंत्याक्षरी खाने चाराप्रेमी लालू जी तेजप्रताप रौद्र रूप लूट
व्यंग्य जूते के प्रयोग की संभावनाएं May 14, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment यों तो जूता ऐसी चीज है, जिसके बिना काम नहीं चलता। चप्पल, सैंडल, खड़ाऊं आदि इसके ही बिरादर भाई और बहिन हैं। जूते के कई उपयोग हैं। घर के अंदर एक, बाहर दूसरा तो नहाने-धोने के लिए तीसरा। आजकल तो सब गडमगड हो गया है; पर 25-30 साल पहले तक क्या मजाल कोई बिना जूते-चप्पल […] Read more » Benjamin Netanyahu Featured Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu may have insulted Japanese Prime Minister Shinzo with shoe-shaped desert dishes Shinzo जूता चाकलेट जूते के प्रयोग
व्यंग्य महाभियोग का फोग ! April 24, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment देवेंन्द्रराज सुधार लोकतंत्र में विपक्ष गलत कामों को रोकता है। वह सत्ता पक्ष की तानाशाही पर नकेल कसता है। शक्तियों के अविवेकपूर्ण उपयोग पर नजर गड़ाए रखता है। एक मजबूत विपक्ष नियमों और सिद्धांतों की बुनियाद पर सत्ता पक्ष के लोगों की नाक में दम करके रखता है। लेकिन यह घोर विडंबना है कि नाक […] Read more » Featured महाभियोग लोकतंत्र विपक्ष विपरीत बुद्धि''