व्यंग्य जब चाँद बैठ गया धरने पर October 13, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | Leave a Comment इस करवाचौथ धरती पर एक विकट स्थिति पैदा हो गई। एक तरफ जहां धरती पर करोड़ो भारतीय सुहागिन महिलाओ ने अपने पति की दीर्घाऊ के लिए व्रत रखा था वही दूसरी तरफ ‘चाँद’ था कि आसमान के आँचल मे पता नहीं कहाँ छुपा बैठा था। पत्नियाँ अधीर होती जा रही थी और पति कुछ […] Read more » ‘जब चाँद बैठ गया धरने पर’
व्यंग्य भारत और पाकिस्तान October 10, 2014 / October 10, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | 6 Comments on भारत और पाकिस्तान भारत और पाकिस्तान मे सच मायनों मे ‘खूनी‘ रिश्ता है आइये देखते है कैसे:- 1॰ हमारे पास ‘राहुल-बाबा‘ तो उनके पास बिलावल ‘भुगतो‘ 2॰ उनके पास ‘इमरान-कदरी‘ तो हमारे पास ‘अन्ना-केजरी‘ 3॰ उनके पास ‘वीणा मालिक‘ तो हमारे पास ‘सावंत-बहिन‘ 4॰ उनके पास आसिफ अली ज़रदारी तो हमारे यहाँ भी […] Read more » भारत और पाकिस्तान
व्यंग्य मेरे ऑफिस में सफाई अभियान October 10, 2014 by अशोक गौतम | Leave a Comment इधर उन्होंने मंच से कूड़े के सिर झाड़ू झाड़ देश में सफाई अभियान की घोषणा कि तो उधर हमारे साहब ने गिरते हुए ऑफिस की मंजिल में बीमा करवा कर अपनी -अपनी मैली -कुचैली कुर्सियों की गद्दियों पर पसरे जैसे- कैसे भगवान से रिटायरमेंट तक ऑफिस के जर्जर भवन को बचाए रखने की गुजारिश करते […] Read more » मेरे ऑफिस में सफाई अभियान
व्यंग्य देश ने आपको क्या नहीं दिया October 8, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | 2 Comments on देश ने आपको क्या नहीं दिया अगर देश मे कभी जनसंख्या बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। तो शायद जागरूक संदेश कुछ ऐसा होगा। देश ने आपको क्या नहीं दिया। :- जयललिता के रूप मे ‘अम्मा‘ दी। ममता के रूप मे ‘दीदी‘ दी। नेहरू के रूप मे ‘चाचा‘ दिये। गांधी के रूप मे ‘बापू‘ दिये। आसाराम के रूप […] Read more » देश ने आपको क्या नहीं दिया
व्यंग्य व्यंग्य बाण : स्वच्छता अभियान October 7, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment नरेन्द्र भाई ने पिछले दिनों अमरीका से लौटकर झाड़ू क्या उठाया, पूरा देश झाड़ूमय हो गया। वैसे तो वे अमरीका में ही नवाज शरीफ के इरादों पर झाड़ू फेर आये थे; पर असली काम तो भारत में होना था। हमारे मोहल्ले में भी लोगों ने सुबह कुछ देर सफाई की। फिर उसके फोटो फेसबुक पर […] Read more » स्वच्छता अभियान
व्यंग्य पद, पैसा और पी.आर October 5, 2014 / October 5, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on पद, पैसा और पी.आर अर्चना चतुर्वेदी हमारे देश में दो चीजों की सबसे ज्यादा पूछ है यानि इज्जत है | यदि आपके पास उन दोनों में से कोई एक भी है, तो समझ लो आप राजा हैं और आपको आपके सपने पूरे करने से कोई नहीं रोक सकता | वो दो चीजें हैं पद यानि कुर्सी और पैसा | […] Read more » पद पैसा और पी.आर
व्यंग्य थप्पड़शास्त्र October 1, 2014 / October 1, 2014 by अनुज अग्रवाल | 12 Comments on थप्पड़शास्त्र आजकल थप्पड़ वाला फैशन चल रहा है | पहले जूते फेंकने का था | पर अब वो आउटडेटेड हो गया है | जूता वाला फैशन सक्सेसफुल नहीं था | कई पेंच थे उसमे सबसे बड़ा झंझट था निशाना लगाने का | अब हर कोई अभिनव बिंद्रा तो है नहीं जो 4 करोड़ खर्च कर निशाने […] Read more » थप्पड़शास्त्र
व्यंग्य ‘केजरी-बवाल’ देश के प्रधानमंत्री होते तो ? September 27, 2014 / September 28, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | 6 Comments on ‘केजरी-बवाल’ देश के प्रधानमंत्री होते तो ? रोहित श्रीवास्तव देश के सबसे ईमानदार, कर्मठ एवं युग पुरुष धरने वाले बाबा भारत के प्रधानमंत्री होते तो शायद देश के हालात कुछ इस तरह होते। * देश मे पहली बार ‘धरने’ वाली सरकार होती। * देश के प्रधानमंत्री का स्वतन्त्रता दिवस पर लाल किले से भाषण कुछ ऐसा होता “हम अपने दुश्मनों से […] Read more » 'केजरी-बवाल' देश के प्रधानमंत्री होते तो
व्यंग्य सौफ़्टवेयर September 24, 2014 by बीनू भटनागर | 2 Comments on सौफ़्टवेयर गणित समझने मे हमे कभी भी दिक़्कत नहीं होती थी, अवधारणाये(concepts) सब समझ मे आ जाती थीं, बस गणना(calculation) ग़लत हो जाती थीं, जोड़, घटा गुणा भाग मे ग़लतियां होने से अंक कम रह जाते थे।उस ज़माने मे कम्प्यूटर क्या कैलकुलेटर भी नहीं होते थे।साँख्यकी(statistics) मे पाई डायग्राम या बार डायग्राम जैसी मामूली चीज़ों के […] Read more » सौफ़्टवेयर
व्यंग्य व्यंग्य बाण : आधार कार्ड वाले हनुमान जी September 14, 2014 by विजय कुमार | 1 Comment on व्यंग्य बाण : आधार कार्ड वाले हनुमान जी लीजिए साहब, सचमुच देश में अच्छे दिन आ गये। अच्छे दिन क्या, रामराज्य कहिए। लोग अपने अगले दिनों की चिन्ता में घुलते रहते हैं; पर हमारे महान देश के अति महान सरकारी कर्मचारियों ने पूर्वजों की देखभाल शुरू कर दी है। दुनिया भर के इतिहासकार और अभिलेखागार वाले सिर पटक लें; कम्प्यूटर से लेकर नैनो […] Read more » आधार कार्ड वाले हनुमान जी
व्यंग्य समाज जोधाएं बचेंगी तब न… September 10, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जोधाएं बचेंगी तब न… ऋतू कृष्णा चैटरजी अकबर को जोधा नही दोगे ठीक बात है किन्तु अपने लिए भी नही चुनोगे ये कहां का इंसाफ है, उलटा जहां तक संभव होगा जोधा को धरती पर आने ही नही दोगे। भईया! अकबर को जोधा देने न देने की स्थिति तो तब आएगी न जब जोधाएं बचेंगी। लड़कियां बची ही कहां […] Read more » जोधाएं बचेंगी तब न
व्यंग्य अच्छे दिन ! September 9, 2014 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल आर गांधी हाथ की दातुन से निपट कर आखिरी फोलक को थू …. कहने ही वाले थे कि चोखी लामा बीच में आ धमके … न दुआ न सलाम सरहद पार की फायरिंग की मानिंद सवाल दागा … बाबू आज का अखबार देखा … अनजान बालक सा चोखी का मुखारविंद तकता रह गया … […] Read more » अच्छे दिन