व्यंग्य एक शोक संतप्त लेखक July 7, 2014 / October 8, 2014 by अशोक गौतम | Leave a Comment -अशोक गौतम- अत्यंत दुख के साथ अपने सभी चटोरे मित्रों को रूंधे गले से सूचित किया जाता है कि मेरे प्रिय कंप्यूटर का आकस्मिक निधन हो गया है। हालांकि कि वे इस सूचना को पढ़कर बल्लियां उछलेंगे, यह सोचकर कि चलो कुछ दिन तक तो मेरा लेखन बंद रहेगा। मित्रो! सच कहूं तो कंप्यूटर मेरा […] Read more » कंप्यूटर कंप्यूटर व्यंग्य
व्यंग्य पप्पू को अब भी समझ में नहीं आ रहा है… June 14, 2014 by वीरेंदर परिहार | 2 Comments on पप्पू को अब भी समझ में नहीं आ रहा है… -वीरेन्द्र सिंह परिहार- गत 12 जून को राहुल गांधी लोक सभा में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों से यह पूछते देखे गये कि सोलहवीं लोकसभा में बीजेपी को इतनी भारी जीत क्यों मिली। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि भाजपा के उभार की वजह क्या है? साम्प्रदायिक माहौल के बावजूद उत्तर प्रदेश से एक भी […] Read more » पप्पू भारतीय राजनीति राहुल गांधी
व्यंग्य दान वही जो दाता बनाए …! June 13, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- भारतीय संस्कृति में दान का चाहे जितना ही महत्व हो, लेकिन यह विडंबना ही है कि दान समर्थ की ही शोभा पाती है। मैं जिस जिले में रहता हूं, वहां एक शिक्षक महोदय एेसे थे, जिन्होंने अपने सेवा काल में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली, औऱ रिटायर होने पर जीवनभर […] Read more » दान वही जो दाता बनाए बाबा रामदेव भारतीय संस्कृति व्यंग्य शिल्पा शेट्टी
व्यंग्य टीवी का लड्डू June 10, 2014 / June 11, 2014 by बीनू भटनागर | 4 Comments on टीवी का लड्डू -बीनू भटनागर- एक पुरानी कहावत है कि ‘शादी का लड्डू जो खाये वो भी पछताये और जो न खाये वो भी पछताये।‘ ये कहावत टी.वी. के साथ भी सही साबित होती है, ‘टी. वी. जो देखे वो भी पछताये जो न देखे वो भी पछताये।‘ बहुत से बुद्धिजीवी किस्म के लोग कहते हैं,वो टी.वी. बिलकुल […] Read more » टीवी का लड्डू टीवी व्यंग्य व्यंग्य
व्यंग्य पार्क की महफिल में June 9, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -विजय कुमार- बचपन में रामलीला देखने का चाव किसे नहीं होता ? हमारे गांव में भी जब रामलीला होती थी, तो हम शाम को ही मंच के आगे अपनी बोरी बिछा आते थे। एक बड़े से कागज पर अपने बाबाजी का नाम लिखकर उसे बोरी पर रखकर एक ईंट से दबा देते थे। फिर क्या […] Read more » पार्क की महफिल में रामलीला
व्यंग्य दुखराम बाबा June 7, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -विजय कुमार- शर्मा जी के मोहल्ले में संकटमोचन हनुमान जी का एक प्राचीन सिद्ध मंदिर है। वहां प्रायः कथा, कीर्तन और सत्संग होते रहते हैं। पिछले दिनों भी वहां अयोध्या से एक प्रख्यात संत आये हुए थे। शर्मा जी के बहुत आग्रह पर मैं भी एक-दो बार वहां गया। एक दिन संत जी ने सत्संग […] Read more » दुखराम बाबा. हिन्दी व्यंग्य
व्यंग्य तुम्हारा नाम क्या है ? June 1, 2014 by बीनू भटनागर | Leave a Comment -बीनू भटनागर- पिछले दो अंकों मे मैंने घर का नाम जिसे पैट नेम या निक नेम कहते हैं, उसकी चर्चा नहीं की थी तो आज यहीं से आरंभ करते हैं। बच्चे के पैदा होते ही अगर पहले से नाम न सोचा हो तो लोग उसे मुन्ना-मुन्नी, गुड्डु-गुड़िया या बंटी-बबली जैसे नामो से पुकारने लगते हैं, […] Read more » तुम्हारा नाम क्या है ? नाम व्यंग्य व्यंग्य हिन्दी व्यंग्य
गजल व्यंग्य अब तो आंखें खोल May 31, 2014 / May 31, 2014 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on अब तो आंखें खोल -पंडित सुरेश नीरव- अमल से सिद्ध हुए हैवान जमूरे अब तो आंखें खोल। न जाने किसकी है संतान जमूरे अब तो आंखें खोल।। मिला है ठलुओं को सम्मान जमूरे अब तो आंखें खोल। हुआ है प्रतिभा का अपमान जमूरे अब तो आंखें खोल।। पराई थाली में पकवान जमूरे अब तो आंखें खोल। हमारे हिस्से में […] Read more » अब तो आंखें खोल गजल व्यंग्य
चुनाव व्यंग्य लोक सभा चुनाव की अनूठी उपलब्धि May 23, 2014 by बी एन गोयल | 1 Comment on लोक सभा चुनाव की अनूठी उपलब्धि -बी एन गोयल- हाल ही में संपन्न लोकसभा के चुनाव के बारें में चर्चा हो रही थी। इन चुनाव ने भारत के सामाजिक और आर्थिक पटल पर कुछ नयी उपलब्धियों दर्ज की हैं। कितने प्रत्याशी जीते, कितने हारे- इस पर चर्चा हर नुक्कड़ पर हो रही है लेकिन यह कोई विशेष बात नहीं है। कौन-कौन […] Read more » अमृता राय एनडी तिवारी चुनाव उपलब्धि दिग्विजय सिंह नारायण दत्त तिवारी लोकसभा चुनाव
व्यंग्य वासना, संयम और गांधीजी May 19, 2014 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment -एलआर गांधी- बापू की अस्मत फिरंगियों के बाजार में नीलाम होने जा रही है। बापू यूं तो कई बार नीलाम हुए मगर इस बार की बात कुछ ‘निजी’ सी है… राज परिवार के गान्धियों की निज़ता का विशेष ख्याल रखने वाली गांधीवादी सरकार उदासीन सी है। नीलामी में बापू के तीन खत बिकेंगे… एक खत […] Read more » गांधीजी बापू बापू के आरोप महात्मा गांधी महात्मा गांधी के आरोप हरी लाल पर आरोप
चुनाव व्यंग्य नमोनियां May 9, 2014 by बीनू भटनागर | 11 Comments on नमोनियां -बीनू भटनागर- बाज़ार में एक नई दवा आई है ‘Modicin’, यह B.J Pharma का उत्पाद है। कंपनी के CEO का दावा है कि इसे खाने से कोई भी रोग ठीक हो जाता है। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यह एक प्रकार का Steroid है, इससे तुरन्त कुछ लाभ दिख सकता है, पर नुकसान […] Read more » अरविंद केजरीवाल कांग्रेस नरेंद्र मोदी राजनीतिक व्यंग्य
चुनाव राजनीति व्यंग्य जो पहनाना शौक से पहनाओ, बस वोट दिलाओ! April 21, 2014 / April 21, 2014 by अशोक गौतम | Leave a Comment -अशोक गौतम- देखिए साहब! आपको तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करनी है तो मत कीजिए! कौन कहता है कि जो करने को आपका मन नहीं करता वह कर ही लो! अरे, यहां सब सब करने को स्वतंत्र हैं। यहां सब कुछ भी कहने को स्वतंत्र हैं। फांसी लगाने , लगवाने की भी कोई जरूरत नहीं! फांसी […] Read more » politics on cap जो पहनाना शौक से पहनाओ बस वोट दिलाओ!