व्यंग्य खीर-पूड़ी नहीं वे हरी नोट खाते हैं August 2, 2023 / August 2, 2023 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हम खाने के शौकीन हैं। एक से बढ़कर एक लजीज व्यंजन खाते हैं। हमारे खाने के तरीके के सामने जंगल का अजगर भी शर्मा जाता है। हमारे आसपास कुछ लोग ऐसे भी रहते हैं जो सिर्फ खाने के लिए जीते हैं। खाते-खाते जब […] Read more » They eat green notes
व्यंग्य छोड़ न जाओ दिल अभी भरा नहीं July 13, 2023 / July 13, 2023 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल रसोई से मुझे कुछ गुनगुनाने की आवाज आ रही थी। मैं सुनने की कोशिश कर रहा था। अंदर श्रीमती जी साठ के दशक का गीत…मुझे न जाओ छोड़ कर दिल अभी भरा नहीं गुनगुना रहीं थीं। गीत को सुनकर माथा ठनक गया। […] Read more »
यात्रा वृत्तांत व्यंग्य “पंजाब से आये हैं..” June 30, 2023 / June 30, 2023 by मयंक सक्सैना | Leave a Comment एक रिश्तेदार की शादी में अलग अलग राज्यों से अतिथि सम्मिलित हुए। कोई महाराष्ट्र से आये, कोई उत्तर प्रदेश से आये, कोई गुजरात से आये तो कोई मध्य प्रदेश से आये किन्तु विषय है “पंजाब से आये हैं।” भारत देश का संविधान सबको एक नज़रिये से देखने का दावा करता है वो बात अलग है […] Read more »
व्यंग्य कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच June 28, 2023 / June 28, 2023 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बाप के कपड़े उतर गए,बेटी को कपड़े पहनाने में।बेटी के कपड़े उतर गए,फॉलोअर्स को बढ़ाने में।। बाप बेचारा थक गया,रोटी दाल कमाने में।बेटा अभी थका नही,मस्ती मौज मनाने में।। बाप गर्मी में जलता है,मां चूल्हे में जलती है।तब कही मुश्किल सेघर की रोटी चलती है।। बाप तन ना ढक पाया,बेचारा मर गया सर्दी में।बच्चे ए […] Read more »
व्यंग्य नारी है नर की खान ? June 7, 2023 / June 7, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीवदुनियाभर के नरों को हाजिर-नाजिर मानकर मैं अपने दिमाग के कबूतरखाने में नारी ओर नर के पुरूषार्थ और प्रतिभा का लोहा मानते हुये प्रचलित कहावत ‘‘नारी निंदा न करों, नारी नर की खान‘‘, ‘‘नारी के बिना नर अधूरा है‘‘ आदि मान्यताओं के पीछे छिपे भावों का सच प्रगट करने जा रहा […] Read more » Is woman the mine of man?
व्यंग्य बरसात, नाले-नालियों और मेढ़कों की रिपोर्टिंग May 30, 2023 / May 30, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment व्यंग्य आत्माराम यादव पीवआकाश में चारों ओर से घने काले मेघ मॅडराते हुये रह-रहकर घमण्डी रिपोर्टरों की तरह गर्जाना कर कौंध रहे है और साॅय-साॅय करती हवा अपने थपेड़ों से बड़े पेड़ों को धराशायी करते हुये,गरीब कमजोर के घरों की छतों के साथ फुटवाल खेलती नजर आ रही है। एक खोजी-सनसनीखेज रिपोर्टर के नाते मुझे […] Read more » drains and frogs Reporting of rain
व्यंग्य कुत्ते हैं हम, इंसान नहीं ! May 21, 2023 / May 21, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment व्यंग्य आत्माराम यादव पीव बात पुरानी है, मैंने सुना एक विदेशी कुत्ता हवाईजहाज से भारत आया तो भारत के कुत्तों ने उसके सम्मान में अपनी-अपनी पूंछ हिलाकर स्वागत किया। भारत के कुत्ते हवाईजहाज से आये अपनी विरादरी के कुत्ते के ठाठ-बाठ देखकर अन्दर ही अन्दर ईष्र्या से भरे थे, पर भारतीय संस्कृति को खूब समझते […] Read more » not humans! We are dogs
व्यंग्य वे शहर के कन्धों पर खडे है March 20, 2023 / March 20, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment सदियों पहले मैं एक कस्वानुमा गॉव था, अब विकसित शहर में अग्रणी हॅू। एक बौना सा गॉव जिसके उत्तर में कल-कल बहती नर्मदा बहती है, आज भी बहती है। फर्क इतना है कि अब मैं तहसील से जिला, जिला से संभाग हो गया हॅू। तब से अब तक सुबह और सॉझ, अजान, गुरूवाणी, शंख ध्वनियॉ-घन्टियों का […] Read more » they stand on the shoulders of the city
व्यंग्य 13 महिने का एक साल हिप हिप हुर्रे March 16, 2023 / March 16, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव भारत सरकार को चाहिये कि वह देशवासियों की खुशी, मौज और फायदे के लिये अंग्रेजी केलेन्डर के 30 व 31 दिन में पूरा होने वाला एक महिना 28 दिन का ओर 12 महिने की जगह 13 महिने का एक साल घोषित करें। सनातन काल से हिन्दू धर्म में […] Read more » 13 months one year
व्यंग्य यमलोक में यमराज का चुनाव March 6, 2023 / March 6, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदातट की अपनी महिमा है, भगवान क़ष्ण शिशुपाल के 100 अपराध तक माफ करने की सहनशक्ति रखते थे, तभी हज जाने के लिये बिल्ली जैसे मॉसाहारी जीव को भी सौ-सौ चूहे खाने अर्थात दो सौ अपराध करने की छूट मिल चुकी थी, यह अलग बात है कि वह पूरी जिंदगी में […] Read more » यमलोक में यमराज का चुनाव
व्यंग्य विधान सभा का होली सत्र March 2, 2023 / March 2, 2023 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष विधानसभा का होली सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शुरू हो चुका था। सदनके अंदर माननीय सदस्य हंगामा कर रहे थे कि राज्यपाल के अभिभाषण में राज्यके विकास की बातें तो हैं लेकिन हम सदस्यों को होली का कुछ भी उपहार नहींमिला है। सरकार की ओर से जवाब आया कि माननीय सदस्य शांत […] Read more » Holi session of the Legislative Assembly
व्यंग्य लाज़िम है हम भी देखेंगे…! January 2, 2023 / January 2, 2023 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल सभागृह में उपस्थित सम्मानीय श्रोतागणों आप सभी को ‘चक्षु’ का नमस्कार । बस, कुछ ही पलों में ही हमारे सामने अपने आप में विद्वता के मानक प्रो. विद्वेष कुमार स्वयं प्रकट हो रहे हैं। उनके विषय में हमें ज्यादा बतलाने की आवश्यकता नहीं है- वे अपने आप में स्वयं एक […] Read more »