राजनीति विधि-कानून दागियों के अरमानों पर कुठाराघात October 10, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव राहुल गांघी की बुलंदी ने आखिरकार दागियों के अरमानों पर पानी फेर दिया। लालू प्रसाद यादव ऐसे पहले कद्रदावर नेता होंगे,जिनके राजनीतिक जीवन पर भ्रष्टाचार के कारण लगाम लग रही है। बिहार के पूर्व मूख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और कांग्रेस नेता रशोद मसूद सजा की जद में आ जाने के कारण भविष्य में […] Read more » दागियों के अरमानों पर कुठाराघात
विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के पेंच October 7, 2013 by हिमांशु शेखर | Leave a Comment हिमांशु शेखर न्याय व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने के मकसद से न्यायिक सुधार की बात चल रही है. न्यायधीशों की जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जवाबदेही विधेयक लाने की बात भी हो रही है. लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत की स्थितियों को देखते हुए यह लगता है कि सुधार की जरूरत सिर्फ जजों के […] Read more » सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के पेंच
राजनीति विधि-कानून न्याय की धीमी गति पर सवालिया निशान October 4, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment सिद्धार्थ मिश्र ”स्वतंत्र” बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में लालू समेत ३७ दोषियों को सजा मिलने के साथ लोकतंत्र का एक बहुचर्चित काला अध्याय आज अपने पटाक्षेप के नजदीक पहुंच गया है । हांलाकि ये मामला अभी भी न्या्यिक तंत्र के गलियारों में घूमेगा क्योंकि इस मामले पर उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय आने […] Read more » न्याय की धीमी गति पर सवालिया निशान
राजनीति विधि-कानून खारिज का हक October 3, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सर्वोच्च न्यायालय के ताजा आदेश के अनुसार फिलहाल तो मतदाता को नकारात्मक मतदान का अधिकार मिल गया है। न्यायाधीश पी सतशिवम की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने उम्मीदवारो को खारिज करने का अधिकार दे दिया है। अदालत ने चुनाव निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए है कि वह र्इबीएम मशीनों में विकल्प के रुप में […] Read more » right to reject खारिज का हक
राजनीति विधि-कानून सांसदों का वेतन छ: लाख रुपये प्रतिमाह करने की साजिश October 2, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on सांसदों का वेतन छ: लाख रुपये प्रतिमाह करने की साजिश देश के सांसदों का प्रतिमाह वेतन, वर्ष जो 2005 तक 4000 रूपये था, को दिनांक 12.09.2006 से 16000 और शीघ्र ही दिनांक 18.05.09 से बढाकर 50000 रूपये कर दिया गया है! दूसरी ओर न्यूनतम मजदूरी की ओर देखें तो यह वर्ष 2005 में रुपये 2500 रूपये थी जो 2009 में बढ़कर मात्र 4000 रूपये ही […] Read more » सांसदों का वेतन छ: लाख रुपये प्रतिमाह करने की साजिश
विधि-कानून सुस्त सरकार पर कोर्ट का चाबूक September 28, 2013 by पंकज कुमार नैथानी | 1 Comment on सुस्त सरकार पर कोर्ट का चाबूक पंकज कुमार नैथानी सफल गणतंत्र वही है जहां “तंत्र’’ पर ‘’गण’’ का पूरा भरोसा हो… इसी भरोसे को कायम रखने और लोकतंत्र की मजबूती के लिए तीन आधारभूत स्तंभ बनाए गए…कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका…इन तीनों मे श्रेष्ठ कौन यह तय करना मुश्किल है…लेकिन इतना जरूर है तीनों में से कोई भी कड़ी कमजोर हुई […] Read more » सुस्त सरकार पर कोर्ट का चाबूक
विधि-कानून राईट टू रिजेक्ट व जनजबाबदेही से बनेगा लोकतंत्र मजबूत September 27, 2013 / September 27, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment अभिषेक रंजन सुप्रीम कोर्ट ने आज नकारात्मक मतदान अर्थात “राईट टू रिजेक्ट” की बहुत पुरानी मांग आज मान ली. कोर्ट ने अपने एक फैसले में चुनाव आयोग को ईवीएम मशीनों में “कोई नही” बटन लगाने के निर्देश दिए है. वोटर को अपने निर्वाचन क्षेत्र में खड़े उम्मीदवारों में से सभी को अस्वीकार करने का हक़ […] Read more » राईट टू रिजेक्ट
जन-जागरण विधि-कानून न्यायपालिका के पंख कुतरने की कोशिश September 25, 2013 by श्यामल सुमन | 1 Comment on न्यायपालिका के पंख कुतरने की कोशिश “यह आरोप मेरी बढ़ती लोकप्रियता के कारण विरोधियों ने साजिश के तहत लगाया है” – “मुझे भारत की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है” – आदि आदि —पिछले २-३ दशकों से आरोपी रहनुमाओं के ऐसे खोखले बयान सुन सुनकर हम सभी आजिज हो गए हैं। जब जब न्यायालय द्वारा देशहित में कोई महत्वपूर्ण फैसला दिया है जो तथाकथित “रहनुमाओं” के […] Read more » न्यायपालिका के पंख कुतरने की कोशिश
राजनीति विधि-कानून जम्मू कश्मीर में सेना शिविर हटाने की नई रणनीति September 25, 2013 / September 25, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अपनी ढलान पर है । श्रीनगर के लाल चौक में किसी कश्मीरी से बात करें तो वह यही कहता है कि अब यहाँ से गन कल्चर जा रहा है और उसके कारण पर्यटक आने शुरु हो गये हैं । मोटे तौर पर राज्य के आतंकवादियों […] Read more » जम्मू कश्मीर में सेना शिविर
विधि-कानून समाज मुजफ़्फ़रनगर, लव ज़िहाद, और लचर संवैधानिक तंत्र September 25, 2013 by विनोद बंसल | Leave a Comment – विनोद बंसल मुजफ्फरनगर दंगे के बाद अब उच्चतम न्यायालय न सिर्फ़ दंगों की जांच करेगा बल्कि राहत एवं पुनर्वास कार्यो की निगरानी भी करेगा। मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक तनाव की हिंसक झड़पों के बाद उसके भीषण दंगे में तब्दील हो जाने के पीछे शासन और प्रशासन की सुस्ती या षडयत्रों के संकेत साफ दिख रहे […] Read more » लचर संवैधानिक तंत्र
राजनीति विधि-कानून चुनाव सुधार की बढ़ती जरूरत September 23, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव राजनीति का बहुआयामी अपराधीकरण शायद हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी बिडंबना है। हर चुनाव के बाद संसद और विधानसाभाओं में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी हुर्इ दिखार्इ देती है। राजनीतिक दलों के पदों और समितीयों में भी इनकी शकित बढ़ी है और प्रभाव का विस्तार हुआ है। तय है,यह स्थिति लोकतंत्रिक व्यवस्था पर […] Read more » चुनाव सुधार की बढ़ती जरूरत
विधि-कानून भारत में भ्रष्टाचार क्या शिष्टाचार हो चुका है August 13, 2013 / August 14, 2013 by डा.राज सक्सेना | 1 Comment on भारत में भ्रष्टाचार क्या शिष्टाचार हो चुका है डा.राज सक्सेना देश में आए दिन सत्तारूढ़ दल के खुलने वाले आर्थिक घोटालों के प्रति सत्तारूढ़ दल का बेशर्मी से उसे नकार कर अपनी ही किसी एजेंसी को जाँच सौंप कर जाँच रिपोर्ट आने तक खुद को स्वयं ईमानदार घोषित कर दूसरों को बेईमान कह कर गरियाना अब जनता को कुछ अजीब […] Read more » भारत में भ्रष्टाचार क्या शिष्टाचार हो चुका है