विधि-कानून अनिवार्य मतदान की जरूरत September 14, 2011 / December 6, 2011 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भारत में चुनाव सुधारों को लेकर बहुत ज्यादा संजीदगीं नहीं है। ऐसे में गांधीवादी अन्ना हजारे का यह सुजाव कि मतदाताओं को प्रत्याशी को खारिज करने का हक और उम्मीद पर खरा नहीं उतरने पर बीच मे वापस बुलाने का अधिकार मिलना चाहिए, तमाम राजनीतिकों को ये मांगें रास नहीं आ रही हैं। […] Read more » Compulsory Voting Indian Voters Right to Vote अनिवार्य मतदान
विधि-कानून सरकारी दबाव से हलकान हैं सरकारी बैंक September 14, 2011 / September 14, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment अभी चालीस हजार करोड़ रुपयों के कर्ज माफी के दुष्परिणामों से सरकारी बैंक निकल भी नहीं पाए थे कि अब फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन मजदूरों को 10,000 रुपयों तक के ऋण देने की योजना सरकार ने बनाई है। इसके लिए उनकी संपत्ति को बंधक नहीं बनाया जाएगा। पर गारंटी जरुर लगेगी। […] Read more » Gramin Banks State Banks सरकारी दबाव सरकारी बैंक
विधि-कानून क्या उम्र कैद फांसी का विकल्प है ? September 4, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मनीराम शर्मा फांसी की सजा के विषय में हमेशा से ही विवाद बना रहा है| कुछ उदारवादी लोगों का कहना है कि जब जीवन देना मनुष्य के वश में नहीं है तो जीवन लेने का अधिकार भी नहीं है | ऐसी परिस्थितियों में फांसी की सजा या मृत्यु दण्ड का औचित्य नहीं रह जाता है| […] Read more » fansi फांसी
विधि-कानून नीम-हकीमी न्याय व्यवस्था September 1, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment भ्रष्टाचार, अत्याचार, भेदभाव, मनमानी और गैर-बराबरी की जननी नीम-हकीमी न्याय व्यवस्था विधायिका और कार्यपालिका को तो नहीं दिखती, लेकिन न्यायपालिका क्यों चुप है? जबकि अपने ऊपर सवाल उठाने मात्र से तत्काल सबकुछ नजर आने लगता है! डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ सच बात तो ये है कि जमीन जायदाद आदि से सम्बन्धित सभी प्रकार के आपसी या […] Read more » Law Management
विधि-कानून जनलोकपाल का क्या हुआ? August 28, 2011 / December 6, 2011 by राकेश उपाध्याय | 3 Comments on जनलोकपाल का क्या हुआ? अन्ना का अनशन तो खत्म हो गया लेकिन उस जनलोकपाल बिल का क्या हुआ जिसे लेकर देश को टीम अन्ना ने अनशन की आग में झोंक दिया। क्या टीम अन्ना ने अपने रुख से समझौता नहीं किया। क्या जनलोकपाल के सवाल पर टीम अन्ना को मुंह की नहीं खानी पड़ी, इन तमाम सवालों की पड़ताल […] Read more » Janlokpal जनलोकपाल
विधि-कानून भोपाल में आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या August 26, 2011 / December 7, 2011 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव जान जोखिम में डालती जानकारी भ्रष्टाचार की भंडाफोड़ कोशिशें जानलेवा साबित हो रही हैं। भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या से पूरे देश में सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां लेने की जोखिम उठा रहे कार्यकर्ता हैरान हैं। इस कानून के लागू होने से लेकर अब तक 17 आरटीआई कार्यकर्ताओं की […] Read more » RTI आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या
विधि-कानून कूटनीति के गलियारे में जन लोकपाल August 25, 2011 / December 7, 2011 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on कूटनीति के गलियारे में जन लोकपाल प्रमोद भार्गव अण्णा आंदोलन जन लोकपाल की बड़ी तस्वीर बन जाने के बावजूद उनका जन लोकपाल राजनीतिक कूटनीति का शिकार एक सोची-समझी चाल के जरिए फिलहाल बना दिया गया है। प्रधानमंत्री ने अण्णा को राजनीतिक चतुराई से भरी जो चिट्ठी लिखी थी, उसी से साफ हो गया था कि सरकार इस मसले को राजनीति के […] Read more » Janlokpal जन लोकपाल
विधि-कानून सूचना अधिकार : सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्याख्या August 23, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ आजादी के बाद से आज तक के इतिहास में सूचना का अधिकार कानून इस देश के लोगों के लिये किसी भी सरकार की ओर से दिया गया सबसे बड़ा और ताकतवर तथा सटीक हथियार है| इस सूचना के अधिकार को येन-केन प्रकारेण कुन्द करने के लिये देश की भ्रष्ट अफसरशाही ने […] Read more » write to information सूचना अधिकार
विधि-कानून जनलोकपाल बनाम भ्रष्टाचार August 22, 2011 / December 7, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह भ्रष्टाचार की परिभाषाः आमतौर पर सरकारी विभागों में महज घूसखोरी को भ्रष्टाचार माना जाता है। जबकि भ्रष्टाचार का दायरा काफी व्यापक है। रिश्वतखोरी के अलावा यदि हम अपना काम समय से या ईमानदारी पूर्वक नहीं करते हैं तो वह भी भ्रष्टाचार है। आज भ्रष्टाचार हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और […] Read more » Corruption जनलोकपाल भ्रष्टाचार
विधि-कानून अन्ना, अनशन और सरकार August 21, 2011 / December 7, 2011 by राजकुमार साहू | Leave a Comment राजकुमार साहू भ्रष्टाचार के भस्मासुर को भस्म करने के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद ऐसा लगता है, जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में भूचाल आ गया है और करोड़ों लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अन्ना के आंदोलन के बाद केन्द्र की यूपीए सरकार भी बैकफुट पर है। इसके लिए […] Read more » Anna Hazare अनशन अन्ना सरकार
विधि-कानून इस जनसमर्थन का ज़िद नहीं, सकारात्मक सदुपयोग करो अन्ना! August 21, 2011 / December 7, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on इस जनसमर्थन का ज़िद नहीं, सकारात्मक सदुपयोग करो अन्ना! इक़बाल हिंदुस्तानी अन्ना हज़ारे ने अपनी लड़ाई का पहला दौर तो जीत लिया है लेकिन अगला और असली दौर अब शुरू हुआ है। अन्ना को यह नहीं भूलना चाहिये कि जिस तरह से सरकार ने उनको अनशन शुरू करने से पहले ही पकड़कर जेल भेजा था, उससे जनता में ही नहीं गैर कांग्रेसी दलों में […] Read more » Anna Hazare अन्ना हजारे लोकपाल
विधि-कानून ‘लोकपाल विधेयक 2011′ का पूरा पाठ August 20, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कई टिप्पणीकारों के आग्रह पर हम प्रवक्ता पर ‘लोकपाल विधेयक 2011′ का पूरा पाठ प्रकाशित कर रहे हैं। कृपया ‘लोकपाल विधेयक 2011′ का पूरा पाठ पढ़ने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें। यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तुत ‘लोकपाल विधेयक 2011’ जन लोकपाल विधेयक 2011 Read more » Lokpal Bill लोकपाल विधेयक 2011