चुनाव जरूर पढ़ें राजनीति बदहाली को मारो गोली …! April 16, 2014 / April 16, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सैकड़ों सवाल-जवाब परिदृश्य पर मंडराते रहे। लेकिन हिंदी पट्टी की बदहाली का सवाल अनुत्तरित ही रहा। बुंदेलखंड में किसानों की बदहाली व आत्महत्या तथा पूर्वांचल से रोजगार की तलाश में लोगों के अनवरत पलायन से यह उम्मीद बंधी थी कि कम से कम संबंधित राज्यों में इस […] Read more » Politics on caste system बदहाली को मारो गोली ...!
जरूर पढ़ें परिचर्चा मीडिया परिचर्चा : कांग्रेस का ‘प्रवक्ता’ और ‘लेखक’ पर हमला April 14, 2014 / April 16, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 11 Comments on परिचर्चा : कांग्रेस का ‘प्रवक्ता’ और ‘लेखक’ पर हमला आप जानते होंगे कि मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रा. संजय द्विवेदी का प्रधानमंत्री की साख को ठेस पहुंचाने वाला आलेख भाजपा से जुड़े व्यक्ति की वेबसाइट प्रवक्ता डॉट कॉम पर प्रकाशित हो रहा है और पूरे देश में एक योजना के तहत भाजपा मुख्यालय से […] Read more »
जरूर पढ़ें किसानों की आर्थिक बदहाली और फलस्वरूप ‘आत्महत्या’ April 14, 2014 by सारदा बनर्जी | Leave a Comment -सारदा बैनर्जी- देश में किसानोंकी आर्थिक बदहाली और उसके परिणामस्वरूप उनकी आत्महत्या की घटनाएं पिछले दो दशकों से एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में सामने आईं हैं। यह बेहद परेशान करने वाली घटना है कि देश का प्रमुख उत्पादक वर्ग एवं देश की अन्नदाता शक्ति गरीबी और आर्थिक तनाव का बुरी तरह से शिकार […] Read more » farmers' problems and suicide किसानों की आर्थिक बदहाली और फलस्वरूप ‘आत्महत्या’
जरूर पढ़ें परिचर्चा मीडिया मात्र शब्दों का ढेर बनता जा रहा प्रवक्ता April 11, 2014 / April 14, 2014 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 8 Comments on मात्र शब्दों का ढेर बनता जा रहा प्रवक्ता पीयूष द्विवेदी आज मैं लगभग सभी छोटे-बड़े अख़बारों में छपता हूँ, लेकिन प्रवक्ता ने मुझे तब छापा था जब मेरा लिखा मेरे ब्लॉग के अलावा कहीं जगह नहीं पाता था। इस कारण प्रवक्ता के प्रति मेरा लगाव अत्यंत प्रबल था, है और रहेगा भी। अब जब लगाव है, तो गुणों की प्रशंसा के साथ-साथ कमियों […] Read more »
जरूर पढ़ें पशुपति से तिरुपति तक बहती लाल धारा March 19, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- विषमता और शोषण से जुड़ी भूमण्डलीय आर्थिक उदारवादी नीतियों को जबरन अमल में लाने की प्रक्रिया ने देश में एक बड़े लाल गलियारे का निर्माण कर दिया है, जो पशुपति (नेपाल) से तिरुपति (आंध्र प्रदेश) तक जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का मानान है कि न केवल झारखंड से छत्तीसगढ़ बल्कि पश्चिम बंगाल […] Read more » Expanding naxals पशुपति से तिरुपति तक बहती लाल धारा
जरूर पढ़ें नक्सल हिंसा पर चैनलों की चुप्पी क्यों? March 13, 2014 by गिरीश पंकज | Leave a Comment शर्म इनको मगर नहीं आती -गिरीश पंकज- बस्तर की धरती 11 मार्च को एक बार फिर लाल आतंक के कारण लाल हो गयी. 25 मई 2013 को नक्सलियों ने 32 लोगों का कत्लेआम किया था. दस महीने बाद उन्होंने फिर 16 लोगों की बर्बर हत्या कर दी. विभिन्न चैनलों पर प्रसारित नहीं किया और न […] Read more » media silent on naxals violence नक्सल हिंसा पर चैनलों की चुप्पी क्यों?
जरूर पढ़ें प्रसिद्धि के लिए कीर्तिमान बनाने की होड़ February 23, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भर्गव- अकसर युवा, किशोर और बच्चे गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए खतरों से खेलने का जोखिम उठाते रहते हैं। हाल ही में भिण्ड के मोहित दुबे ने लगातार 168 घंटे छात्रों को पढ़ाकर नया कीर्तिमान रचा है। इस रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने का […] Read more » people dangerous stunts for name प्रसिद्धि के लिए कीर्तिमान बनाने की होड़
जरूर पढ़ें सचिन के साथ ध्यानचंद क्यों नहीं ? February 4, 2014 / February 4, 2014 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on सचिन के साथ ध्यानचंद क्यों नहीं ? -प्रवीण दुबे- क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से अलंकृत करके सरकार ने सराहनीय कार्य किया है, इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन जिस प्रकार से इस देश में क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है और उसकी चकाचौंध में अन्य खेलों की अनदेखी सी हो रही […] Read more » Bharat Ratna Dhyanchand sachin tendulkar सचिन के साथ ध्यानचंद क्यों नहीं ?
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख विविधा तराइन का दूसरा युद्घ और चौहान, जयचंद व गौरी का अंत February 3, 2014 / February 4, 2014 by राकेश कुमार आर्य | 7 Comments on तराइन का दूसरा युद्घ और चौहान, जयचंद व गौरी का अंत -राकेश कुमार आर्य- तराइन का युद्धक्षेत्र पुन: दो सेनाओं की भयंकर भिड़ंत का साक्षी बन रहा था। भारत के भविष्य और भाग्य के लिए यह युद्ध बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा था। भारत अपने महान पराक्रमी सम्राट के नेतृत्व में धर्मयुद्ध कर रहा था, जबकि विदेशी आततायी सेना अपने सुल्तान के नेतृत्व में भारत की अस्मिता को […] Read more » Jaychand and Gori Tarain second world war जयचंद व गौरी का अंत तराइन का दूसरा युद्घ और चौहान
जरूर पढ़ें क्या 84 दंगों पर कांग्रेस इन सवालों का जवाब देगी ? January 30, 2014 / January 30, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment इंदिरा जी की हत्या के पश्चात दिल्ली में हुए दंगों के सन्दर्भ में कांग्रेस और उसकी सरकार से चंद प्रश्न है; इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए देशव्यापी दंगों के सन्दर्भ में अगर केवल दिल्ली की ही बात की जाए तो क्या कांग्रेसियों के पास इन सवालों का कोई जवाब है ?: “राजधानी दिल्ली […] Read more » 1984 riots some questions to congress on 1984 riots क्या 84 दंगों पर कांग्रेस इन सवालों का जवाब देगी ?
जरूर पढ़ें ये प्रणब दा नहीं, राष्ट्रपति हैं January 29, 2014 / January 29, 2014 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment -वीपी वैदिक- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बार गणतंत्र-दिवस पर राष्ट्र के नाम जो संदेश दिया है, वह अपने आप में असाधारण है। प्रायः राष्ट्रपति अपने मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित और अफसरों द्वारा लिखा हुआ भाषण पढ़ देते हैं। न तो उसे कोई रस लेकर पढ़ता है, न सुनता है और न ही छापता है लेकिन इस […] Read more » Pranab Mukharjee Pranab Mukharjee message President message ये प्रणब दा नहीं राष्ट्रपति हैं
जरूर पढ़ें तंत्र के शोर में गण मौन January 25, 2014 / January 25, 2014 by एम. अफसर खां सागर | 4 Comments on तंत्र के शोर में गण मौन -एम. अफसर खां सागर- हर साल 26 जनवरी को मुल्क गणतंत्र दिवस पूरी अकीदत और शान से मनाता है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को मंजूरी मिलने के बाद मुल्क के आम नागरिकों को खुली हवा में जीने का हक हासिल हुआ। आजाद भारत में लोकतंत्र की स्थापना ने गणतंत्र की भावना को […] Read more » republic day तंत्र के शोर में गण मौन