टॉप स्टोरी राजनीति राजनीति का केंद्रबिंदु बनती हमारी गाय October 17, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित दादरी कांड के बाद गाय देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु उभर कर सामने आ रही है। गाय को अब हर कोई वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहा है। यह तब से राजनीति के केंद्रबिंदु में आ गयी हैं जब से महाराष्ट्र में गोवध पर पुर्ण प्रतिबंध लगाने का […] Read more » Featured गाय राजनीति का केंद्रबिंदु हमारी गाय
राजनीति पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति October 17, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री नयनतारा सहगल नेहरु परिवार से ताल्लुक़ रखतीं हैं । अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ती लिखती रही हैं । उनके लिखे पर कभी साहित्य अकादमी ने उन्हें पुरस्कार दिया था । पिछले दिनों उन्होंने वह पुरस्कार साहित्य अकादमी को वापिस कर दिया । वैसे तो उम्र के जिस पड़ाव पर नयनतारा सहगल हैं […] Read more » Featured पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति
राजनीति कभी बाबरी तो कभी दादरी…..! October 17, 2015 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय गोहत्या को रोकने के लिए मानव हत्या करना अनुचित ही नहीं अपराध भी है. इसकी निंदा होनी ही चाहिए. सभी पक्षों ने निंदा की भी है. लेकिन इसके बाद भी जो कुछ वादविवाद के रूप में देखने को मिल रहा है उससे सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के महत्व को और भी उजागर […] Read more » Featured कभी दादरी.....! कभी बाबरी
राजनीति आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता ! October 17, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment सपा में अमर के आने की आहट आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता ! संजय सक्सेना समाजवादी पार्टी में आजम खान की हैसियत क्या है,यह बताने की जरूरत नहीं है। आजम को सपा में फ्री हैंड मिला हुआ है। वह बिना किसी बंदिश और भय के कुछ भी बोलने की ताकत रखते हैं।उन्हें किसी […] Read more » Featured आजम तलाश रहे बाहर जाने का रास्ता !
राजनीति अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति। October 17, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति। डॉ. मधुसूदन (१) भारत की उन्नति शीघ्र कैसे होगी? जनभाषा और हिन्दी ही शीघ्र उन्नति करवा सकते है। अंग्रेज़ी तो बैसाखी है। उसपर दौड कर विश्व का ऑलिम्पिक जीता नहीं जा सकता। (२) अंग्रेज़ी से क्या हानि? अंग्रेजो ने हमारी टांगे काट कर अंग्रेज़ी की बैसाखी हमें थमा दी है। और उससे कुछ ही लोग […] Read more » Featured अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति।
राजनीति बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत October 16, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए प्रथम और द्वित्तीय चरण का मतदान पूरा हो गया। मतदाताओं में जिस प्रकार के उत्साह की जा रही थी, वह इन चरणों के चुनाव में दिखाई नहीं दिया, लेकिन इस मतदान में जो खास बात देखने को मिली वह यही है कि बिहार में इस बार परिवर्तन […] Read more » Featured बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत
राजनीति विधि-कानून सबके कल्याण की संहिता October 15, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि वह देश के सभी नागरिकों के लिए समान आचार संहिता कब बनाएगी। बनाएगी या नहीं? उसने यह इसलिए पूछा है कि संविधान के नीति−निर्देशक तत्वों में ऐसा कहा गया है। समान आचार संहिता की मांग सिर्फ भाजपा करती है। अन्य कोई राजनीतिक दल नहीं […] Read more » Featured uniform civil code सबके कल्याण की संहिता
टॉप स्टोरी राजनीति गोमांस को लेकर उठ रहा विवाद October 15, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री दादरी में अख़लाक़ की हत्या की निन्दनीय घटना के पीछे का सच क्या है , यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा लेकिन यदि यह मान भी लिया जाये कि वह अपने घर में सचमुच ही गोमांस पका रहा था , तब भी किसी को उसे मारने का हक़ […] Read more » Featured गोमांस को लेकर उठ रहा विवाद-- गोमांस
राजनीति समाज समाज से सबक लें साहित्यकार October 14, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- दादरी-बिसहड़ा-कांड के बाद सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल प्रमोद भार्गव दादरी के बिसहाड़-कांड के घटनाक्रम में सामने आई असहिष्णुता को जिस दायित्व बोध और शालीन व्यवहार से गांव के ग्रामीणों ने पाटने का काम किया है,उसने सिद्ध कर दिया है कि भारत का मूल स्वरूप बहुलतावादी है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है तो इसलिए,क्योंकि बहुसंख्यक […] Read more » Featured समाज से सबक लें साहित्यकार
राजनीति बिहार में कौन जीतेगा – जाति या पार्टी October 14, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment बिहार में चुनाव की घोषणा हो चुकी है। सभी दल पहले से ही एक दूसरे के प्रति शोर मचा रहे हैं, अब ये शोर और भी तेज़ हो जायेगी। राजनीतिक दलों की हमेशा फितरत रही है की दूसरे को लेकर इतना शोर पैदा करो की अपना न दिखे। अपना छिपाओ और दूसरे का दिखायो। देखने […] Read more » Featured जाति या पार्टी बिहार में कौन जीतेगा
राजनीति महात्मा गांधी, महामना मालवीय और डा. हेडगेवार October 13, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment गांधीजी न तो दयानन्द और अरविन्द के समान मेधावी पंडित एवं बहुपठित विद्वान् थे, न उनमें विवेकानन्द की तेजस्विता थी। सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय और अपरिग्रह – ये, जो हिन्दू संस्कृति के सदियों से आधार-स्तंभ थे, उन्होंने अपने जीवन में साकार किया। वे जो कहते थे, वही करते थे। साधनापूर्वक उन्होंने सभी प्राचीन सत्यों को […] Read more » Featured डा. हेडगेवार महात्मा गांधी महामना मालवीय
राजनीति संयुक्त राष्ट्र में आजम का पत्र बनाम संयुक्त राष्ट्र का गौ समर्थन !! October 13, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment गत सप्ताह संयुक्त राष्ट्र संघ के उल्लेख वाली दो घटनाएं देश भर के ध्यान में रही. इन दोनों घटनाओं का दीर्घकालीन प्रभाव भारत में और विश्व में देखनें को मिलता रहेगा. वैसे आजम खान जिस प्रकार की राजनैतिक प्रवृत्तियों के लती और नशेड़ी रहें हैं उस अनुसार उनके लिए राष्ट्र विरोध, संविधान उल्लंघन, देश विद्रोह […] Read more » Featured संयुक्त राष्ट्र का गौ समर्थन संयुक्त राष्ट्र में आजम का पत्र