राजनीति संघ से डरने और डराने वाले March 19, 2010 / December 24, 2011 by अनिल सौमित्र | 5 Comments on संघ से डरने और डराने वाले संघ प्रमुख ने निकट से संघ को जानने-समझने का आह्वान किया 28 फरवरी को भोपाल में ‘हिन्दू समागम’ का आयोजन हुआ। चूंकि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आयोजन था इसलिए कार्यक्रम के पहले और बाद में काफी चचाएं हुई। चर्चा होना लाजमी भी है, आखिर दुनिया के सबसे बड़े गैर-सरकारी संगठन का कार्यक्रम था। हिन्दू […] Read more » RSS मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
राजनीति बंगाल में सियासी सूनामी से आशंकित वामपंथी March 19, 2010 / December 24, 2011 by प्रकाश चण्डालिया | Leave a Comment परिवर्तन की सुनामी से ग्रसित पश्चिम बंगाल में वामपंथियों को कुछ ही दिनों में एक और बड़े तूफ़ान से मुखातिब होना है. यह तूफ़ान सुनामी से भी बड़ा हो सकता है और वामपंथियों के गढ़ को उखाड़ कर फेंक सकता है. इसी खौफ से घबराये सत्तारूढ़ मोर्चे के आला नेताओं की नींद हराम है. बंगाल […] Read more » Political सियासी
राजनीति पहला ही दांव फुस्स निकला गडकरी का March 18, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment महाराष्ट्र सूबे के एक साधारण कार्यकर्ता से उठकर भारतीय जनता पार्टी के सिंहासन पर आरूढ होने वाले नितिन गडकरी का नाम जैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चला, सभी चौंक गए थे। संघ के वरदहस्त के चलते उनकी ताजपोशी भी हो गई। जब लोगों ने गडकरी की उमर और पहनावा देखा तो लोगों को लगा […] Read more » Nitin Gadkari नितिन गडकरी भाजपा
राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान/कांग्रेस के चाणक्य का राजनैतिक सूर्य अस्ताचल की ओर! March 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बीसवीं सदी में देश प्रदेश की राजनीति में धूमकेतु की तरह उभरे कांग्रेस के चाणक्य कुंवर अर्जुन सिंह की स्थिति उनके ही चेलों ने बहुत जर्जर करके रख दी है। कल तक जिस राजनैतिक बियावन में अर्जुन सिंह ने गुरू द्रोणाचार्य की भूमिका में आकर अपने अर्जुन रूपी शिष्यों को तलवार चलाना सिखाया उन्ही अर्जुनों […] Read more » Chanakya चाणक्य
मीडिया राजनीति मीडिया और राजनीति- अंतर्सम्बन्ध March 15, 2010 / December 24, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment मीडिया में प्रिंट हो या इलेक्टनॅनिक दोनों के विषय में जन मानस के बीच अनेक प्रकार के विचार सुनने को मिलते हैं, कोई इसे वर्तमान और भविष्य की दिशा तय करने वाला सशक्त माध्यम मानता है तो कुछ इसके बारे में ऐसी भी धारणा रखते हैं कि आजादी के बाद इसने अपना नैतिक स्तर खो […] Read more » media मीडिया राजनीति
राजनीति क्यों पाला जा रहा है कसाब को!! March 13, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | 6 Comments on क्यों पाला जा रहा है कसाब को!! देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर अब तक के सबसे बडे आतंकी हमले के इकलौते जिन्दा आतंकी अजमल कसाब को भारत सरकार सर माथे पर क्यों बिठाए हुए है, यह बात आज तक समझ में नहीं आई है। लगभग पांच सौ दिन बीतने के बाद भी उससे भारत सरकार कुछ भी नहीं उगला पाई है, […] Read more » Kasab कसाब
राजनीति माओवादी नेताओं के साथ आम अपराधियों जैसा व्यवहार हो March 13, 2010 / December 24, 2011 by गौतम चौधरी | Leave a Comment बिहार के गया जिले में टिकारी प्रखंड कार्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बारा नाम का एक गांव है। उसी गांव में 12 फरवरी सन् 1992 की रात को माओवादी काम्यूनिस्ट सेंटर ने 35 किसानों की गला रेत हत्या कर खूनी जलसे का आयोजन किया था। विगत दिनों उस नरसंहार से संबंधित मामले […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति बिहार का बदलता परिवेश – संतोष सारंग March 13, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बिहार का बदलता परिवेश – संतोष सारंग बिहार के बंटवारे के बाद प्रचुर प्राकृतिक संसाधन झारखंड के हिस्से में चला गया। यहां के लोगों को बाढ़ व सुखाड़ की त्रासदी मिली। ऊपर से राजनीतिक पार्टियों का जाति व धर्म के नाम पर झूठी दिलासा। ऐसे में, यहां के गरीब-गुरबों के सामने पलायन के सिवा कोई चारा नहीं था। गांधीजी श्रम करनेवालों को […] Read more » bihar बिहार
राजनीति विधि-कानून न्यायपालिका और लोकतंत्र – राजीव तिवारी March 13, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका का समन्वित स्वरूप ही लोकतंत्र होता है। लोकतंत्र में न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका एक दूसरे के पूरक भी होते हैं तथा नियंत्रक भी। इसका अर्थ यह हुआ कि इन तीनों में से कोई अंग कमजोर पड़ रहा हो तो शेष दो उसे शक्ति दें और यदि कोई अंग अधिक मजबूत हो […] Read more » Democracy न्यायपालिका लोकतंत्र
राजनीति मोदी के लिए नासूर बनता जा रहा है महुआ का किसान आन्दोलन March 12, 2010 / December 24, 2011 by गौतम चौधरी | 1 Comment on मोदी के लिए नासूर बनता जा रहा है महुआ का किसान आन्दोलन भावनगर जिले के महुआ प्रखंड में निरमा डिटरजेंट प्राईवेट लि0 को गुजरात सरकार ने सीमेंट उद्योग लगाने के लिए 4500 हेक्टर जमीन आवंटित की है। निरमा ने 4500 हेक्टर भूमि के अलावा जिलाधिकारी से 10 हेक्टर जमीन की अलग से मांग की। सरकार ने निरमा कंपनी को 200 एकड ऐसी जमीन भी आवंटित कर दी […] Read more » Farmers Movement महुआ का किसान आन्दोलन
राजनीति जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक March 12, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक आजाद भारत में जनता को दो महत्वपूर्ण अधिकार दिया गया है, एक है वोट देने का, और दूसरा है कर देने का। वोट देकर वह अपना जनसेवक चुनता है और कर देकर उस जनसेवक के भोग विलास के मार्ग प्रशस्त करती है। आज आम आदमी को एक समय खाना खाने के पूरे पैसे न हों […] Read more » Misuse of money जनसेवक पैसों का दुरूपयोग
राजनीति छोटे प्रांत समस्या ही समस्या – मृत्युंजय दीक्षित March 11, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रोसैया के बीच दो दौर की वार्ता और कांग्रेसाध्यक्षा सोनिया गांधी व कैबिनेट के वरिष्ट सहयोगियों के साथ बैठक करने के बाद 9 दिसंबर, 2009 को तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग मान ली गई। उक्त मांग के […] Read more » Small province छोटे प्रांत