राजनीति दीनदयाल जयंती पर विशेष- संस्कृतिनिष्ठा September 25, 2009 / December 26, 2011 by वी. के. सिंह | Leave a Comment प. दीनदयाल उपाध्याय जी जनसंघ के विचारदाता थे। देश में समतामूलक समाज बनाने में प्रयासरत् पंड़ित जी ने भारतवर्ष में, धर्मराज्य जो एक असाम्प्रदायिक राज्य, उच्च विचार में एक विधान का राज्य की स्थापना की कामना की थी। उनके अनुसार धर्मराज्य अधिकार की अपेक्षा कर्तव्य पर बल देने वाला राज्य है। पंडितजी के अनुसार मनुष्य […] Read more » Deendayal jayanti दीनदयाल जयंती
राजनीति पं. दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर विशेष- एक कर्मयोगी की जीवन यात्रा September 25, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on पं. दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर विशेष- एक कर्मयोगी की जीवन यात्रा बाल्यकाल दीनदयाल उपाध्याय का बचपन एक सामान्य उत्तर भारतीय निम्न मध्यमवर्गीय सनातनी हिंदू परिवार के वातावरण में बीता। ब्रजभूमि के मथुरा जिले के नंगला चन्द्रभान ग्राम में दीनदयाल उपाध्याय के प्रपितामह विख्यात ज्योतिषी पं. हरिराम उपाध्याय रहा करते थे। श्री झण्डूराम इनके सहोदर लघु भ्राता थे। पं. हरिराम उपाध्याय के तीन पुत्र थे-भूदेव, रामप्रसाद तथा […] Read more » Deendayal jayanti दीनदयाल उपाध्याय जयंती
राजनीति सहयोगियों ने ही नाक में दम कर रखा है मनमोहन की September 24, 2009 / December 26, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment कहा जाता है कि इर्द-गिर्द के लोग (सराउंडिंग) अगर अच्छी और समझदार हो तो वह आदमी को महान बनाती है, और अगर यह बड़बोली और उच्चछृंखल हो जाए तो इसका गहरा प्रभाव उस व्यक्ति के व्यक्त्वि पर अवश्य ही पड़ता है। देश के वजीरे आला के साथ कमोबेश यही स्थिति है, कि उनके सहयोगी ही […] Read more » Manmohan Singh मनमोहन
राजनीति मीडिया और पॉलिटिक्स में कार्पोरेट कल्चर हावी September 23, 2009 / December 26, 2011 by लिमटी खरे | 3 Comments on मीडिया और पॉलिटिक्स में कार्पोरेट कल्चर हावी विचारक और राजनेता के.एन.गोविंदाचार्य की यह बात कि आज के समय में लोकतंत्र सबसे चिंताजनक दौर में है, हर दृष्टिकोण से खरी उतर रही है। यह बात मीडिया पर ही उतनी ही लागू होती है। मीडिया और राजनीति में आज कार्पोरेट कल्चर पूरी तरह हावी हो चुका है। सच ही है आज नेतागण और संपादक […] Read more » media मीडिया
राजनीति इशरत जहां की मौत को लेकर उठे सवाल September 21, 2009 / December 26, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on इशरत जहां की मौत को लेकर उठे सवाल आज से पांच साल पहले अहमदाबाद में एक मुठभेड में चार आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें इशरत जहां नाम की एक लडकी भी थी। उसका दूसरा साथी जावेद शेख था। दो अन्य उग्रवादी भी उसके साथ थे जिनके बारे में कहा जाता है कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे। इनके मरने के बाद कु छ लोगों […] Read more » Murder इशरत जहां
राजनीति आर्थिक अनुशासन या मूल मूद्दों से भटकाने की राजनीति September 21, 2009 / December 26, 2011 by गौतम चौधरी | 1 Comment on आर्थिक अनुशासन या मूल मूद्दों से भटकाने की राजनीति कांग्रेस पार्टी और केन्द्र सरकार आजकल एक नए अभियान में लगी है। गांधी के शिष्यों को लगभग 50 साल बाद एकाएक गांधी की याद आ रही है। विगत दिनों सरकार के सबसे प्रबुद्ध माने जाने वाले मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि देश में आर्थिक अनुशासन की जरूरत है और इस अनुशासन के लिए मंत्री […] Read more » discipline अनुशासन
राजनीति लोकतंत्र का मतलब महज चुनाव ही तो नहीं! September 19, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | Leave a Comment 15 वीं लोकसभा के भी सौ से ज्यादे दिन पूरे हो चुके हैं। निर्वाचित सांसदो के शपथ ग्रहण के साथ ही देश को चलाने के काम की शुरूआत हो चुकी है। अब जब चुनावों का कोलाहल शांत है तो आइये थोड़ा चुनाव सुधार पर चर्चा करें। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली,राजस्थान जैसे राज्यों में जहां कुछ […] Read more » Democracy लोकतंत्र
राजनीति संघ और भाजपाः ये रिश्ता क्या कहलाता है? September 19, 2009 / December 26, 2011 by रवि शंकर | 5 Comments on संघ और भाजपाः ये रिश्ता क्या कहलाता है? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी। एक परिवार के दो सदस्य। एक विचारधारा के दो पहलू। एक संगठन में व्यस्त है तो एक राजनीति में। इस नाते दोनों में एक गंभीर रिश्ता है। परंतु यह रिश्ता क्या है, इस पर काफी विवाद और संभ्रम है। मातृ संगठन संघ को कहें और भाजपा को उसकी […] Read more » bjp RSS भाजपा संघ
राजनीति नक्सलवाद मतलब आतंकवाद September 18, 2009 / December 26, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on नक्सलवाद मतलब आतंकवाद देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब 15 सितंबर, 2009 को दिल्ली में पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में नक्सलवाद को देश का सबसे बड़ा खतरा बताया तो वे कुछ नयी बात नहीं कह रहे थे। इसके पहले भी देश के गृहमंत्री और कई नक्सल प्रभवित राज्यों के मुख्यमंत्री यह बात कहते आए हैं। बावजूद इसके […] Read more » Naxalism आतंकवाद नक्सलवाद
राजनीति भाजपा का अंतर्द्वंदः जनसंघ बने या कांग्रेस September 17, 2009 / December 26, 2011 by संजय द्विवेदी | 11 Comments on भाजपा का अंतर्द्वंदः जनसंघ बने या कांग्रेस क्या आरएसएस ढूंढ पाएगा बीजेपी के वर्तमान संकट का समाधान. अरूण शौरी ने फिर एक लेख लिखकर भाजपा के संकट को हवा दे दी है, निशाना आडवानी व पार्टी के कई वरिष्ठ नेता हैं। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि शौरी के लेखन में विद्वता की झलक होती है और इसे […] Read more » bjp भाजपा
राजनीति मीडिया और भाजपा : तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला September 17, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on मीडिया और भाजपा : तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला यदि समग्र रूप से आजादी के बाद के राष्ट्रवादी आंदोलनों पर दृष्टिपात करें तो मोटे तौर पर यह पाते है कि दक्षिणपंथी कहे जाने वाले संगठनों को सदैव ही मीडिया की उपेक्षा का शिकार रहना पडा है। ना केवल उपेक्षा अपितु बहुधा इन विचारधाराओं को असहयोग और दुष्प्रचार का भी सामना करना पड़ा है। बात […] Read more » bjp media भाजपा मीडिया
राजनीति गैर जरूरी अभिव्यक्ति के खतरे September 16, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | 2 Comments on गैर जरूरी अभिव्यक्ति के खतरे गत 10 एवं 11 जुलाई, 2009 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा दो दिवसीय आलोचना संगोष्ठी आयोजित की गई. छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक इस संस्थान के प्रमुख हैं.इस कार्यक्रम की रपट परसों ‘प्रवक्ता’ पर प्रकाशित हुई थी. छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध पत्रकार-लेखक श्री जयराम दास ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भेजी है. श्री […] Read more » Non-essential expression गैर जरूरी अभिव्यक्ति