राजनीति समाज ये बेचारे जाति के मारे September 26, 2015 by वीरेंदर परिहार | 3 Comments on ये बेचारे जाति के मारे बीरेन्द्र सिंह परिहार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघंचालक ने आरक्षण के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह तय करे कि किन लोगों को और कितनों दिनों तक आरक्षण की आवश्यकता है । उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी समिति में राजनीतिज्ञों […] Read more » Featured
विविधा समाज शिक्षित बेरोजगारी की भयावह तस्वीर September 25, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बना देने वालों की नींद अब टूटनी चाहिए। जिस युवा जनसंख्या के बूते इक्कीसवीं शताब्दी को भारतीय युवाओं की शताब्दी होने का दंभ भरा जा रहा है,उसे उत्तर-प्रदेश में खड़ी शिक्षित बेरोजगारों की फौज ने आइना दिखा दिया है। जहां विधानसभा सचिवालय में भृत्य के महज 368 पदों […] Read more » Featured बेरोजगारी शिक्षित बेरोजगारी शिक्षित बेरोजगारी की भयावह तस्वीर
राजनीति शख्सियत समाज बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार September 22, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार सरसंघचालक जी अर्थात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, प्रमुख मोहन रावजी भागवत के आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता व्यक्त करनें से वैचारिक तूफ़ान खड़ा हो गया है. संघप्रमुख ने आरक्षण के औचित्य पर प्रश्न कतई नहीं किया है, यह स्पष्ट है. मीडिया ने जानबूझकर उनसे बीते वर्षों में समय समय पर सार्वजनिक तौर पर उलझानें […] Read more » Featured बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार
समाज कम हो पाएगा स्कूली बस्तों का बोझ? September 20, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरते हुए ढेर सारे वायदे करते हैं। लेकिन अगर वे चुनाव जीतकर सरकार बना लेते हैं, तो तमाम वायदे भूलने लगते हैं। स्कूली बस्ते से बोझ हटाने का वायदा भी ऐसा ही है। करीब 27 साल से लटकी इस योजना को अब तक किसी सरकार ने गंभीरता से लागू करने […] Read more » Featured
समाज उनकी दुआओं से बरसती हैं रहमतें September 18, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment पितृपक्ष पर विशेषः संजय द्विवेदी बुर्जुगों की दुआएं और पुरखों की आत्माएं जब आशीष देती हैं तो हमारी जिंदगी में रहमतें बरसने लगती हैं। धरती पर हमारे बुर्जुग और आकाश से हमारे पुरखे हमारी जिंदगी को रौशन करने के लिए दुआ करते हैं। उनकी दुआओं-आशीषों से ही पूरा घर चहकता है। किलकारियों से गूंजता है […] Read more » उनकी दुआओं से बरसती हैं रहमतें
समाज देश की आधी आबादी को कब मिलेगी पूरी आजादी September 18, 2015 / September 18, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ऋतुपर्ण दवे देश की आधी आबादी का सच बहुत ही दर्दनाक और खौफनाक होता जा रहा है। बात सिर्फ महिला उत्पीड़न ही नहीं उससे भी आगे की है। यौन हिंसा, धमकाना और जान ले लेना बहुत ही आसान सा हो गया है। ऐसा लगता है कि समाज में रहकर भी सुरक्षित नहीं है महिलाएं। रसूख […] Read more » Featured
खेत-खलिहान समाज कृषकों की आत्महत्त्याएं कैसे रुकेगी? September 11, 2015 / September 11, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 18 Comments on कृषकों की आत्महत्त्याएं कैसे रुकेगी? डॉ. मधुसूदन (एक) कृषकों की आत्महत्त्याओं को घटाने के लिए। प्रायः ६० करोड की कृषक जनसंख्या, सकल घरेलु उत्पाद का केवल १५ % का योगदान करती है। और उसीपर जीविका चलाती है।विचारक विचार करें।अर्थात, भारत की प्रायः आधी जनसंख्या और, केवल १५% सकल घरेलु उत्पाद? बस? जब वर्षा अनियमित होती है, तब इन का उत्पाद […] Read more » Featured how to stop farmers suicide कृषकों की आत्महत्त्याएं
समाज आधुनिकता की चमक और रिश्तों की मर्यादा September 10, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी भारतीय संस्कृति के संवाहकों में जिस प्रकार से पाश्चात्य जीवन शैली की झलक की घुसपैठ हुई है, उससे यह तो सवाल पैदा हुआ है कि हम भारतीय आखिर कौन से मार्ग पर जा रहे हैं ? क्या यह मार्ग भारत की जीवंतता को प्रदर्शित करता है, अगर नहीं तो हम सब जाने अनजाने […] Read more » Featured आधुनिकता की चमक रिश्तों की मर्यादा
जन-जागरण विविधा समाज अगर अल्लाह पैदा करना चाहेगा….. September 9, 2015 by आशीष कुमार ‘अंशु’ | 3 Comments on अगर अल्लाह पैदा करना चाहेगा….. आशीष कुमार ‘अंशु’ वर्ष 2005 में 21 देशों से इस्लामिक विषयों के 40 विद्वान इस्लामाबाद में इकट्ठे हुए. वहां बात होनी थी, मुसलमानों के बीच गर्भ निरोध के सवाल को लेकर. विद्वानों के बीच लंबी चर्चा चलती रही और तीन दिनों के बाद भी सभी 40 विद्वान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक राय बनाने के […] Read more » Featured
विविधा शख्सियत समाज हिंदी दिवस आधुनिक हिंदी के जनक थे भारतेन्दु September 9, 2015 by हिमकर श्याम | Leave a Comment (जन्म दिवस पर विशेष) हिमकर श्याम हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ ‘भारतेन्दु काल’ से माना जाता है. भारतेन्दु हरिश्चंद्र आधुनिक हिंदी के जन्मदाता और भारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे. वह बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न साहित्यकार थे. उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी की वह एक साथ कवि, नाटककार, पत्रकार एवं निबंधकार थे. उन्होंने […] Read more » Featured आधुनिक हिंदी के जनक भारतेन्दु
लेख विविधा समाज साहित्य बंद समाज की जटिलता September 9, 2015 / September 9, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पिछले सप्ताह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व था। कई लोग इस दिन निर्जल उपवास रखते हैं और रात को बारह बजे श्रीकृष्ण जन्म के बाद ही प्रसाद ग्रहण करते हैं। विद्यालयों में छुट्टी रहती है। छोटे बच्चों को इस दिन बालकृष्ण और राधा के रूप में सजाया जाता है। कई जगह बच्चे झांकी भी बनाते […] Read more » Featured
समाज मुस्लिम आबादी की तेज़ बढ़त का कारण मज़हब है? September 7, 2015 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on मुस्लिम आबादी की तेज़ बढ़त का कारण मज़हब है? इक़बाल हिंदुस्तानी शिक्षित और सम्पन्न सभी वर्ग परिवार नियोजन अपनाते रहे हैं! विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने मांग की है कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले मुस्लिमों को कानून बनाकर सज़ा देनी चाहिये। हालांकि संविधान ऐसा करने की इजाज़त नहीं देता और अगर ऐसा कोई पक्षपात पूर्ण कानून बनाया भी गया तो […] Read more » Featured मुस्लिम आबादी मुस्लिम आबादी की तेज़ बढ़त का कारण