विविधा अब ऐसे परिवर्तन का हो शंखनाद / नरेश भारतीय April 10, 2013 by नरेश भारतीय | Leave a Comment राजनीति को विष बताने के बावजूद राहुल गांधी ने देश के पूंजीपति और उद्योगपति समुदाय के समक्ष बोलते हुए आगामी लोकसभा चुनाव दंगल में अपने प्रवेश का शंखनाद करने का उपक्रम किया है. भले ही वे बार बार यह जतलाने का प्रयास करते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने से कोई सरोकार नहीं है इस पर […] Read more » परिवर्तन
विविधा जम्मू कश्मीर की चर्चा में ज़रुरी है उसका भूगोल जानना April 10, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जम्मू कश्मीर आजकल फिर चर्चा में है । जिस प्रकार बिहार लालू प्रसाद यादव के कारण चर्चा में रहता है , उसी प्रकार जम्मू कश्मीर आम तौर पर अब्दुल्ला परिवार के कारण चर्चा में रहता है । अब्दुल्ला परिवार का वंश वृक्ष तो पुराना ही होगा , लेकिन इस परिवार के […] Read more »
विविधा तो चपरासी बन जाते.. April 10, 2013 by अरुण कान्त शुक्ला | 2 Comments on तो चपरासी बन जाते.. जिस व्यवस्था में लोग पार्षद बनने के लिए चुनाव लाखों रूपये खर्च करते हों और पार्षद बनते ही उनके चेहरे और घर दोनों की रंगत में चमक आ जाती हो, उस व्यवस्था में यदि विधानसभा में बैठने वाले मंत्री और विधायक अपने वेतन-भत्ते बढाने के लिए अपने गरीब होने का रोना रोयें तो इसे […] Read more »
विविधा भाषा पौरूषेय नही अपौरूषेय है April 8, 2013 / May 14, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 5 Comments on भाषा पौरूषेय नही अपौरूषेय है संस्कृत के विषय में ये सर्वमान्य और सर्वग्राह्य तथ्य है कि संस्कृत विश्व की सर्वाधिक प्राचीन भाषा है। इसीलिए हमारे भारतीय मत के अनुसार संस्कृत मनुष्य की ईश्वर प्रदत्त भाषा है। यही कारण है कि संस्कृत को देव भाषा भी कहा जाता है। पश्चिमी जगत के कई विद्वान भी भारत की इस देवभाषा के विषय […] Read more »
विविधा दास्ता –ए – ज़ुल्म April 8, 2013 / April 8, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर 13 अप्रैल स्पैशल वो कत्लेआम….वो चीत्कार…दे गया जो दुख…उसे न भूला है कोई…न भूल पाएगा…वो ज़ख्म… आज भी हैं हरे…हो जैसे कल की बात…भर रहा है गवाही ये बाग भी…न भूला है कोई…न भूल पाएगा…वो कत्लेआम दोस्तों वो दर्दनाक वाक्या…दे गया न भुलाने वाला गम…आज भी जो करता है उस […] Read more »
विविधा अन्ना, केजरीवाल के एक पृष्ठ बाद! April 4, 2013 by विकास कुमार गुप्ता | 2 Comments on अन्ना, केजरीवाल के एक पृष्ठ बाद! भारत में बहुत से आन्दोलन हुये है। हाल के वर्षों में हुये आन्दोलनों में अन्ना-केजरीवाल आन्दोलन सबसे प्रबल और सशक्त रहा। इनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार मिटाने को लेकर था। लेकिन आन्दोलन बिना किसी प्रतिफल के धाराशायी हो गया। भ्रष्टाचार को लेकर हमारे देश में पहले से ही इतने अधिक कानून है कि यदि उन्हीं कानूनों […] Read more » अन्ना केजरीवाल के एक पृष्ठ बाद!
विविधा हिन्दी क्षेत्र की चुनोतियाँ ओर उसके अददतन विमर्श April 2, 2013 by श्रीराम तिवारी | 7 Comments on हिन्दी क्षेत्र की चुनोतियाँ ओर उसके अददतन विमर्श श्रीराम तिवारी डिजिटल नेटवर्क ,इलेक्ट्रोनिक मीडिया, इन्टरनेट,ब्राड-बेंड ,सोशल-मीडिया,प्रिंट-श्रव्य-दृश्य तमाम तरह के परम्परागत और अधुनातन संप्रेष्य माध्यमों के पुरजोर दोहन के वावजूद वैश्विक क्षितिज पर भारतीय जनता का बहुत बड़ा हिस्सा-जिसे जन-साधारण या आम आदमी भी कहते हैं ,अपने हिस्से के -जंगल-जमीन-और आसमान से इस 2 1 वीं शताब्दी में भी महरूम है. साहित्यिक परिद्रश्य में […] Read more » हिन्दी क्षेत्र की चुनोतियाँ ओर उसके अददतन विमर्श
विविधा आतंकवाद से मुकाबला और राज्यों के अहंकार / मा. गो. वैद्य March 21, 2013 by मा. गो. वैद्य | 1 Comment on आतंकवाद से मुकाबला और राज्यों के अहंकार / मा. गो. वैद्य हमारे देश में आतंकवाद की भीषण समस्या है, आतंकवाद हमारे देश पर का एक महान संकट है, इस बारे में हमारे देश में दो मत होगे ऐसा नहीं लगता. अपवाद करना ही होगा, तो वह, आतंकवादी कारवाईंयॉं करने वाले दो प्रकार के समूहों का करना होगा. एक समूह जिहादी आतंकवादियों को है, तो दूसरा माओवादी […] Read more »
विविधा कौन पढ़े, कौन पढ़ाए? March 21, 2013 / March 21, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on कौन पढ़े, कौन पढ़ाए? मध्याह्न्न भोजन में फंसे शिक्षक ! उधार के भवन में चलते स्कूल! कहीं-कहीं बिना किसी शिक्षक के लगती कक्षाएं। नई-नई सरकारी योजनाओं को ढोते फाइल! और दीवारों पर सब पढ़े -सब बढ़ें जैसे नारे! झारखंड पढ़ रहा है। आगे बढ़ रहा है। सरकारी रिपोर्ट कहती है, पिछले 12 सालों में प्राथमिक विद्यालयों और उच्च विद्यालयों […] Read more » शिक्षा
विविधा मानवाधिकारवादी सुनें:पंछी की तड़प March 16, 2013 / March 16, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment महाभारत के युद्घ में सर्वाधिक शालीन और मर्यादा की प्रतिमूर्ति, असाधारण व्यक्तित्व और प्रतिभा के धनी महात्मा विदुर का चिंतन इस राष्ट्र की गौरवपूर्ण थाती है। उनका चिंतन हजारों वर्षों से हमारा मार्गदर्शन करता आया है और अनंतकाल तक करता रहेगा। इस महात्मा ने लोकहितकारी शासक और शासन की आवश्यकता पर बल देते हुए मानवाधिकारों […] Read more » पंछी की तड़प मानवाधिकारवादी सुनें मानवाधिकारवादी सुनें:पंछी की तड़प
विविधा पुलिस के तौर तरीके़ सुधारने को सरकार क्यों नहीं होती तैयार? March 15, 2013 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment सुप्रीम कोर्ट के बार बार फटकारने पर भी सभी दल चुप्पी साधे हैं! इक़बाल हिंदुस्तानी दिल्ली गैंगरेप के विरोध में जंतर मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कांस्टेबिल सुभाष तोमर की मौत हार्ट अटैक से होने के बावजूद दिल्ली पुलिस के डीजीपी ने दावा किया था कि तोमर की आंदोलनकारियों ने हत्या की है। […] Read more »
विविधा शिक्षा और दीक्षा March 12, 2013 / March 12, 2013 by विजय कुमार | 2 Comments on शिक्षा और दीक्षा विजय कुमार शिक्षा का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है; पर इसका अर्थ केवल पुस्तकीय ज्ञान तथा उससे मिलने वाली भारी-भरकम डिग्रियां ही नहीं है। यद्यपि इनसे ही आजकल व्यक्ति की योग्यता को नापा जाता है। इनसे ही उसे नौकरी मिलती है। इसलिए इनका महत्व भी है; पर शिक्षा का अर्थ केवल डिग्री […] Read more »