विविधा आजीविका बनी जीविका का साधन October 20, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment दिनेश पंत देश में गरीबी उन्मूलन व आजीविका संवर्धन के लिए आजादी के बाद से ही प्रयास शुरू हो गए थे। तब से अब तक केंद्र और राज्य स्तर पर कई योजनाएं व परियोजनाएं सामने आयीं लेकिन उनमें से कितने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो पाईं यह बहस का विषय है। हालांकि […] Read more »
विविधा जागरूकता से विकास संभव है October 20, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment अभिषेक ज्ञानवानी हमारे देश में भ्रष्टाचार के फलने-फूलने के पीछे सबसे बड़ा कारण आम आदमी का अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होना है। एक आम भारतीय को यह मालूम ही नहीं है कि उसके मौलिक अधिकार क्या हैं? उसे संविधान ने क्या और कितनी शक्ति प्रदान कर रखी है। उसे इस बात का अहसास […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख विविधा प्रवक्ता डॉट कॉम के चार साल पूरे October 16, 2012 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 20 Comments on प्रवक्ता डॉट कॉम के चार साल पूरे आज प्रवक्ता डॉट कॉम के चार साल पूरे हो गए। 16 अक्टूबर 2008 को इसकी शुरूआत हुई थी। उद्देश्य था- इंटरनेट पर राष्ट्रभाषा समृद्ध हो, हिंदी में विचार-विमर्श हो। लगभग पांच सौ लेखक इस मंच से जुड़ चुके हैं, अब तक 6000 से अधिक लेख हम प्रकाशित कर चुके हैं। hypestat.com के अनुसार- Daily Visits:4,877 Daily Pageviews:44,382 Alexa […] Read more » प्रवक्ता डॉट कॉम
विविधा टीचिंग या चीटिंग? October 15, 2012 by वंदना शर्मा (हिस) | Leave a Comment वन्दना शर्मा पिछले दिनों अपनी परीक्षाओं के चलते मैं परीक्षा हॉल में बैठी थी। अपने लिखते से जा रहे हाथों को कुछ समय के लिए थोड़ा आराम दिया। खाली बैठे मैंने यूं ही इधर-उधर बैठे लोगों को देखा। परीक्षा में बैठने वालों का स्वभाव अक्सर ऐसा बन जाता है कि वह खुद से ज्यादा औरों […] Read more » परीक्षा
विविधा क्या कारगर होगा जमीन के हक में समझौता? October 15, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ:- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का सत्याग्रह के साथ करार। प्रमोद भार्गव महात्मा गांधी ने कहा था कि जब राज्य की शक्तियां देश के गरीब व वंचितों के हित साघने का काम न करें तो उसे नियंत्रित करने की क्षमता पैदा कर अहिंसक विरोघ किया जाना चाहिए। इसी विरोध का पर्याय था समग्र […] Read more » एकता परिषद् पीवी राजगोपालन सत्याग्रह
विविधा भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंह बंद रखें! October 13, 2012 / October 30, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 10 Comments on भ्रष्टाचार के खिलाफ मुंह बंद रखें! देशभक्त, जागरूक और सतर्क लोगों को इस बात पर गम्भीरतापूर्वक विचार करना होगा कि भ्रष्ट जन राजनेताओं से कहीं अधिक भ्रष्ट, देश की अफसरशाही है और पूर्व अफसर से राजनेता बने जन प्रतिनिधि उनसे भी अधिक भ्रष्ट और खतरनाक होते हैं। इन्हें किस प्रकार से रोका जावे, इस बारे में गहन चिंतन करने की सख्त […] Read more » भ्रष्टाचार
विविधा कभी कोशिश न करें नासमझों को समझने की October 13, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य दुनिया में कई प्राणी ऐसे होते हैं जिन्हें समझ पाना आम आदमी के बूते में नहीं होता। इनके बारे में यह भी पता नहीं चल पाता कि वे किस तरफ मुड़ने वाले हैं, किस करवट बैठने और सोने वाले हैं तथा क्या करने वाले हैं। इनमें से कई प्राणियों का स्वभाव ही […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख विविधा तमिल की संस्कृत कड़ी – डॉ. मधुसूदन October 11, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 14 Comments on तमिल की संस्कृत कड़ी – डॉ. मधुसूदन ॐ तमिल भाषा में ४०% से ५० % तक शब्द तत्सम और तद्भव रूप में पाए जाते हैं। (१) संस्कृत के शब्द भारतीय भाषाओं में दो रूप में, फैले हैं; कुछ तत्सम रूप में और कुछ तद्भव रूप में। सही आकलन के लिए, पहले तत्सम और तद्भव संज्ञाएं समझ लेनी होंगी। वे शब्द ’तत्सम’ (तत्+ […] Read more » तमिल संस्कृत हिंदी
विविधा असुरक्षा के साए में देश की जीवन रेखा ‘भारतीय रेल’ October 11, 2012 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी हमारे देश के व्यापार, आवागमन, डाक व माल-भाड़े की ढुलाई तथा इनके निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने से लेकर तमाम औद्योगिक विकास में भारतीय रेल की बहुत बड़ी भूमिका है। यदि यह कहा जाए कि भारतीय रेल के बिना देश का विकास ही संभव नहीं है तो यह कहना भी गलत नहीं होगा। शायद […] Read more » भारतीय रेल
विविधा शख्सियत अस्मिता, आत्मकथा, हिन्दी जाति और रामविलास शर्मा (1) October 10, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on अस्मिता, आत्मकथा, हिन्दी जाति और रामविलास शर्मा (1) रामविलास शर्मा के जन्मदिन (10 अक्टूबर) पर विशेष हिन्दी साहित्य में रामविलास शर्मा अस्मिता विमर्श के सबसे बड़े आलोचक हैं। हिन्दी में अस्मिता विमर्श स्त्रीसाहित्य और दलित साहित्य से आरंभ नहीं होता बल्कि रामविलास शर्मा के हिन्दी जाति विमर्श से आरंभ होता है। हिन्दी जाति की अवधारणा अस्मिता विमर्श का हिस्सा है और इस पर […] Read more » रामविलास शर्मा
विविधा भारतीय समाज, विविधता, अनेकता एवं एकात्मता October 8, 2012 / October 8, 2012 by डॉ. सौरभ मालवीय | 5 Comments on भारतीय समाज, विविधता, अनेकता एवं एकात्मता डॉ. सौरभ मालवीय भारत का समाज अत्यंत प्रारम्भिक काल से ही अपने अपने स्थान भेद, वातावरण भेद, आशा भेद वस्त्र भेद, भोजन भेद आदि विभिन्न कारणों से बहुलवादी रहा है। यह तो लगभग वैदिक काल में भी ऐसा ही रहा है अथर्ववेद के 12वें मण्डल के प्रथम अध्याय में इस पर बड़ी विस्तृत चर्चा हुई […] Read more »
विविधा फेसबुक और नवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अनुत्तरित सवाल October 8, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on फेसबुक और नवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अनुत्तरित सवाल जगदीश्वर चतुर्वेदी नौवां विश्व हिन्दी सम्मेलन को समग्रता में देखें तो यह हिन्दी का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला है। इससे हिन्दीसेवा कम हुई। नौकरशाही,कांग्रेस और संघ परिवार के कारिंदालेखकों -हिन्दीसैनिकों एवं सांसदों की मौजमस्ती ज्यादा हुई। कायदे से राजभाषा संसदीय समिति को इस सम्मेलन की गहराई में जाकर जांच करनी चाहिए और खोजी पत्रकारों को इस […] Read more » विश्व हिन्दी सम्मेलन