विविधा सपनों को सच करने की जिम्मेदारी -संजय द्विवेदी November 2, 2009 / December 26, 2011 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment मध्य प्रदेश यानि वह राज्य जो भारत का ह्रदय प्रदेश तो है ही परंपरा, संस्कृति और संस्कारों से रसपगा एक क्षेत्र है जहां सौहार्द और सौजन्यता स्वभाव में ही धुलमिल गयी है। अभाव, उपेक्षा और राजनीति ने भी इस स्वभाव पर कोई प्रभाव नहीं डाला है और मप्र आज भी देश के सामने एक ऐसे […] Read more » Sanjay Dwivedi संजय द्विवेदी
विविधा कंधमाल काण्ड की खुलने लगी परतें – कुलदीप चंद अग्निहोत्री October 27, 2009 / December 26, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on कंधमाल काण्ड की खुलने लगी परतें – कुलदीप चंद अग्निहोत्री स्वामी लक्ष्माणानंद सरस्वती की हत्या की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायमूर्ती महापात्र को अधिकृ त किया था। यह अलग बात है कि जब महापात्र ने स्वामी जी की हत्या और उसके उपरांत हुई हिंसा की गहराई से जांच करनी प्रारम्भ की तो सरकार को असुविधा होने लगी। इसलिए सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से […] Read more » Kandhmal Case कंधमाल काण्ड
विविधा भारतीय जनता पार्टी के शलाखा पुरूष थे प्यारेलाल खण्डेलवाल : मयंक चतुर्वेदी October 24, 2009 / December 26, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment रोज इस दुनिया में अनेक लोग जन्म लेते हैं लेकिन उनमें से कुछ बिरले ही होते हैं जो अपने आस-पास के वातावरण समाज और राष्ट्र के लिए स्वयं का समर्पण कर उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इतिहास में अमर हो जाते हैं। चैत्र कृष्ण द्वादशी संवत् 1985, 6अप्रैल1929 को मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के एक छोटे […] Read more » Bharatiya Janta Party bjp Pyarelal Khandewal प्यारेलाल खण्डेलवाल भारतीय जनता पार्टी मयंक चतुर्वेदी श्रद्धांजलि
विविधा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम खुला पत्र October 22, 2009 / December 26, 2011 by आशुतोष वर्मा | Leave a Comment प्रिय श्री शिवराज सिंह जी, “अत्याचार ना भ्रष्टाचार, हम देंगें अच्छी सरकार”, “राज आप बदलें, व्यवस्था हम बदलेंगें” और बिजली पानी सड़क के मुद्दों पर प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी थी। आज प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी पारी शुरू हुये एक साल का समय बीत गया है। महिला अत्याचार में प्रदेश […] Read more » Chief Minister Madhya Pradesh Open Letter Shivraj Singh Chauhan खुला पत्र मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
विविधा दीवाली पर एक काम करना- गरीबों का भी ध्यान रखना…. October 15, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment सामने दीवाली है. एकदम सामने…हर कोई उसके स्वागत को तैयार है. धनपति की अपनी तैयारी है. निर्धन की अपनी आधी-अधूरी तैयारी है . दरअसल दीवाली का सम्बन्ध दिल से है. कहा भी तो गया है, न , कि मन चंगा तो कठौती में गंगा. मन में उदासी है, जेब खाली तो कैसी दीवाली? महंगाई के […] Read more » Diwali दीवाली
विविधा 2 अक्टूबर को हम भी गांधी से मिले October 15, 2009 / December 26, 2011 by आरती शर्मा | 8 Comments on 2 अक्टूबर को हम भी गांधी से मिले गांधी को गुजरे दशकों बीत गए लेकिन वे आज भी करोड़ों दिलों में जिंदा हैं। कम से कम उनके जन्मदिन पर राजघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर दो फूल चढाने वालों का तो यही मानना है। क्या पूरब, क्या पश्चिम, क्या उत्तर और क्या दक्षिण, देश के सुदूरवर्ती इलाकों से आए हजारों लोगों ने राजघाट […] Read more » Mahatma Gandhi गांधी
विविधा क्या आप भावनाओं से संचालित होते हैं? September 27, 2009 / December 26, 2011 by अमित भटनागर | 2 Comments on क्या आप भावनाओं से संचालित होते हैं? नरेश एक अच्छी कम्पनी में नौकरी करता था, उसका बॉस और वह पिछले पांच सालों से साथ काम कर रहे थे और उसका बॉस उसके काम से संतुष्ट था। अचानक नरेश के बॉस को कंपनी ने प्रमोशन दे कर, दूसरी बड़ी ब्रांच में भेज दिया और नरेश की ब्रांच में उसका दूसरा बॉस आ गया। […] Read more » Imotions भावनाओं
टॉप स्टोरी धर्म-अध्यात्म मनोरंजन विविधा साहित्य कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? September 22, 2009 / December 26, 2011 by कनिष्क कश्यप | 4 Comments on कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? यहीं गांठ हैं, यहीं उलझन हैं जो आपको सुलझानी हैं। देखो उस सवाल को……जिसने अपना होना कैसे बनाये रखा। एक ऐसा सवाल जो बार बार आपको एक अद्रिश्य सता को मानने को विवश करता है। एक ऐसा सवाल जो बड़े बड़े विद्वानों ने, मनुस्य की सोच और बुद्धि को सीमित करने का रूपक बनाया और आज भी बनाया जाता है। पहले अंडा आया या पहले मुर्गी? पहले पेड़ या पहले बीज़? जैसे हज़ारों सवाल आप बना सकतें हैं! Read more » Kanishka Kashyap शिक्षा
विविधा जसवंत सिंह की पुस्तक इतिहास लेखन पर कलंक – राकेश उपाध्याय August 23, 2009 / December 27, 2011 by राकेश उपाध्याय | 13 Comments on जसवंत सिंह की पुस्तक इतिहास लेखन पर कलंक – राकेश उपाध्याय जसवंत सिंह अब भारतीय जनता पार्टी में नहीं हैं। उनके जिन्ना प्रेम ने अंतत: उन्हें अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे दौर में लाकर खड़ा कर दिया। जिन्ना के प्रति उनकी भक्ति कैसे जगी इसे वो खुद ही कई मर्तबा बयान कर चुके थे। 2005 में ‘लालजी’ के साथ जिन्ना प्रकरण को लेकर जो हुआ […] Read more » Jaswant Singh जसवंत सिंह
विविधा जसवंत सिंह! इतिहास से मत खेलो August 19, 2009 / December 27, 2011 by राकेश उपाध्याय | 17 Comments on जसवंत सिंह! इतिहास से मत खेलो गजब बानगी देखने को मिल रही है। सन 2005 में जो कवायद श्री लालकृष्ण आडवाणी ने शुरू की उसे अब जसवंत सिंह ने किताबी शक्ल के बौद्धिक ढांचे में लाकर यूं प्रस्तुत कर दिया है कि मानो जिन्ना जैसा अवतारी पुरूष बीती सदी में भारत में दूसरा नहीं जन्मा। क्या आज देश में कोई और […] Read more » Jaswant Singh जसवंत सिंह
विविधा Das ka Bharam : दश का भरम August 3, 2009 / December 27, 2011 by इसरार अहमद | Leave a Comment प्रिय पाठको, यह लेख लिखने का विचार मेरे मन मे टीवी पर आने वाले एक रियलिटी शो देखकर आया जिसको पेश कर रहे है हर जवा दिलो के प्यारे या यू कह सकते है हर जवा लड़की और लड़को के दिलो की धड़कन – सलमान खान . आखिर यह DAS KA BHARAM या दस की […] Read more » Das ka Bharam
विविधा फरेब का सामना- अनिका अरोड़ा July 29, 2009 / December 27, 2011 by अनिका अरोड़ा | 1 Comment on फरेब का सामना- अनिका अरोड़ा कुछ सवाल जिसके सही-गलत जवाब पर कोई नारको, या मोमेंट्स ऑफ ट्रुथ जांचने वाली मशीन अपना फैसला नहीं सुना पाएगा। हमें किसी प्रोग्राम के ब्रॉडकास्ट होने या न होने पर सवाल करने का हक नहीं है। लेकिन हमें देखना होगा कि हमारी किसी भी सार्वजनिक गतिविधि से समाज का भला हो रहा है या नहीं। […] Read more » Anika Arora अनिका अरोड़ा