राजनीति कैसे वाजिब है 70-90 घंटे काम करना?

कैसे वाजिब है 70-90 घंटे काम करना?

लंबे कार्य घंटों का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए; इसके बजाय, टिकाऊ और कुशल कार्य अनुसूचियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो उत्पादकता और…

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राजनीति युद्धमुक्त विश्व के ट्रंप के संकल्पों की रोशनी

युद्धमुक्त विश्व के ट्रंप के संकल्पों की रोशनी

– ललित गर्ग- राष्ट्रपति के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल पर लौटने से पहले ट्रंप ने ‘तीसरा विश्व युद्ध’ रोकने की कसम खाकर दुनिया में…

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राजनीति कौशल विकास की ओर अग्रसर इंडिया

कौशल विकास की ओर अग्रसर इंडिया

भारत पचपन करोड़ से भी अधिक युवा आबादी के साथ आज दुनिया का सबसे युवा देश है। कहते हैं कि युवा ही किसी देश का…

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लेख ज्वलंत प्रश्न: युवा जोड़ों की निजता की समस्या

ज्वलंत प्रश्न: युवा जोड़ों की निजता की समस्या

डॉ. सत्यवान सौरभ हाल ही में ओयो रूम्स ने घोषणा की कि अविवाहित जोड़ों को उसके साझेदार होटलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।…

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लेख डिजिटल अरेस्ट के अलावा भी ठगी के हो सकते हैं शिकार

डिजिटल अरेस्ट के अलावा भी ठगी के हो सकते हैं शिकार

विनय कुमार मिश्र           आज हर कोई समझदार होशियार और जागरूक भी है लेकिन ठगा जा रहा है।जब हम ठग लिए जाते हैं तो हम भी लोग अंगुली उठाते हैं और सवाल करते हैं कि कैसे आप ठगा गए । साइबर अपराधी और ठगी करने वाले इतने होशियार चालाक होते हैं कि कोई भी उनके झांसे में आ सकता है.  इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। साइबर क्राइम , ठगी  धीरे-धीरे बढ़कर आज लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। प्रत्येक जगह हर रोज सुनने, पढ़ने, देखने को मिल रहा है कि कोई डिजिटल अरेस्ट होकर इतनी हजार , लाख , करोड़ गंवा दिया तो किसी ने ऐप डाउनलोड करके इतने गवा दिया तो किसी ने लिंक खोलकर और किसी ने  फाइल डाउनलोड कर इतने गंवा दिया । आजकल कई माध्यमों से लोगों को बहला , फुसलाकर, लालच, प्रलोभन देकर उनके साथ ठगी की जा रही है। लोग अभी एक मामले प्रकार की ठगी के विषय में जान समझ पाते हैं, तब तक एक नई प्रकार की ठगी के शिकार हो जाते हैं । सबसे आश्चर्य की बात यह है कि डिजिटल अरेस्ट के अलावा अन्य माध्यमों से ठगी का शिकार ज्यादा पढ़े लिखे लोगों के अलावा हाई प्रोफाइल लोग जैसे डॉक्टर , इंजीनियर , प्रोफेसर आदि जैसे लोग हो रहे हैं। अब तो लोगों को इससे जागरूक करने और होने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. फिर भी लोग हर दिन ठगी का शिकार हो रहे हैं । ठगी का शिकार होकर लोग  जीवन भर की कमाई एक क्लिक और पल भर में गंवा दे रहे हैं । यह सब ऐसे सुनियोजित तरीके और माध्यम से किया जा रहा है जिसमें आप अपनी गवा चुकी रकम पुनः नहीं पा सकते हैं, एक दो मामले को छोड़कर। साइबर पुलिस आपके आवेदन पर मुकदमा दर्ज कर लेगी लेकिन रकम वापस नहीं हो पाएगी क्योंकि उस रकम का पता ही नहीं चलता है कि वह रकम कहां गई है । ऐसे मामले सभी के लिए सरदर्द बनते जा रहे हैं । इसलिए साइबर पुलिस लोगों को साइबर क्राइम , साइबर ठगी के विषय पर जागरूक कर रही है लेकिन फिर भी लोग अपनी नादानी की वजह से हर रोज ठगे जा रहे हैं । इसकी रोकथाम के लिए जरूरी है कि सावधानी बरतें , जागरूक रहें और जागरूकता फैलाएं भी । विभिन्न लोगों से जो इस मामले के जानकार हैं उनसे बातचीत करें, उनके विचार जाने , अखबार तथा जागरूकता के अन्य विभिन्न साधनों, बैठकों पर लोगों के विचार पड़े सुने देखें , किसी अनजान लिंक ऐप को ना खोले , ना किसी फाइल को डाउनलोड करें , सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय भी सावधानी रखें , सस्ते खरीदारी के चक्कर में जाकर कहीं पर अपनी गोपनीय जानकारी साझा ना करें , साइबर ठग विभिन्न माध्यमों से जैसे एप , फर्जी कॉल , फर्जी मेल , फर्जी लिंक आदि के साथ विभिन्न तरीके के लालच प्रलोभन आदि देते हैं कि आप उनके जाल में फंसे। हमारे यहां एक कहावत है कि लालच के बाप का नाम है चौपट। तो किसी भी प्रकार के लालच आदि में न पड़ें। कोई डराता धमकाता है तो उसकी काल पर मैसेज पर ध्यान न दें . उसे ब्लाक कर दें। अगर कोई बैंक का प्रतिनिधि होकर बात कर रहा है तो उससे कहें कि मैं बैंक आकर आपसे बात करुंगा , फोन पर मैं कोई भी जानकारी साझा नहीं करुंगा । याद रखें हमारी जागरूकता और होशियारी ही हमें बचाने के साथ साथ औरों को बचा पाएंगी तो होशियार जागरूक बनिए और जिम्मेदारी निभाईए।  विनय कुमार मिश्र

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राजनीति कश्मीर से पंडित पलायन के चार दशक

कश्मीर से पंडित पलायन के चार दशक

कश्मीर के सर्वाधिक नए जन सांख्यिकीय आंकड़ों पर नजर डाले तो स्वतंत्रता के समय वहां घाटी में 15% कश्मीरी पंडितों की आबादी थी जो आज…

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पर्यावरण ट्रंप का दूसरा कार्यकाल और जलवायु परिवर्तन: क्या अब भी उम्मीद है?

ट्रंप का दूसरा कार्यकाल और जलवायु परिवर्तन: क्या अब भी उम्मीद है?

20 जनवरी, 2025 को ट्रंप फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में जलवायु नीति पर जो रुख था,…

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राजनीति न सुशासन, न रोजगार, सिर्फ फ्रीबीज की बौछार

न सुशासन, न रोजगार, सिर्फ फ्रीबीज की बौछार

कमलेश पांडेय राजनीतिक दलों के द्वारा चुनावों के समय मतदाताओं के लिए एक से बढ़कर एक ‘फ्रीबीज’ की जो बौछारें हो रही हैं, वह वोटर्स…

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राजनीति स्वतंत्र भारत के गणतंत्र के 75 वर्ष

स्वतंत्र भारत के गणतंत्र के 75 वर्ष

डा. विनोद बब्बर  26 जनवरी गणतंत्र की एक और वर्षगांठ। एक बार फिर विवेचना। ‘गण’ और ‘तंत्र’ के सबंधों की पड़ताल करने का अवसर। इस बात…

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पर्यावरण उफ्फ  ये स्मॉग !

उफ्फ  ये स्मॉग !

                        डॉ० घनश्याम बादल महानगरों में इन दिनों भारी स्मॉग और कहर बरप रहे हैं. केवल दिल्ली ही नहीं अपितु देश के लगभग हर बड़े नगर…

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चिंतन अब संभव नहीं खिलाफत, इस्लाम की छवि को नष्ट कर रही है पवित्र ग्रंथों की गलत व्याख्या

अब संभव नहीं खिलाफत, इस्लाम की छवि को नष्ट कर रही है पवित्र ग्रंथों की गलत व्याख्या

गौतम चौधरी  यह घटना इसी साल की है। नए साल के अवसर पर कुछ लोग जश्न मना रहे थे कि अचानक एक ट्रक ने उस…

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लेख डॉक्टर और कंपनियों का कपट जाल : दवाओं की कीमत में उछाल

डॉक्टर और कंपनियों का कपट जाल : दवाओं की कीमत में उछाल

डॉक्टर बनवाते ब्रांड, 38 रुपए की दवा की एमआरपी 1200 रुपए। नियमों में कहा गया है कि केवल प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा और ओवर-द-काउंटर दवा के…

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