महिला-जगत गैर कश्‍मीरी दुल्‍हनों का दर्द

गैर कश्‍मीरी दुल्‍हनों का दर्द

बशीर अहमद पीर मेरा नाम मंसूरा बानो है। मैं पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली हूं। हमारा परिवार बहुत गरीब था। हमारे घर की…

Read more
महिला-जगत कोसी क्षेत्र में हावी है दहेज की कुप्रथा

कोसी क्षेत्र में हावी है दहेज की कुप्रथा

मोहम्मद शफीउल्लाह विज्ञान और तकनीक में आश्‍चर्यजनक प्रगति से मनुष्‍य भौतिक सुख सुविधाओं को जुटाने में अधिक सफल हुआ है, लेकिन अपने जीवन को सुदृढ़…

Read more
लेख अफ़सरों से अधिक राजनेताओं को इलाज की ज़रूरत?

अफ़सरों से अधिक राजनेताओं को इलाज की ज़रूरत?

इक़बाल हिंदुस्तानी यूपी में डीआईजी फायर सर्विसेज़ डी डी मिश्रा को व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा दर्ज करने पर बदले की भावना से मानसिक रोगी बताकर…

Read more
विधि-कानून उभरते भारत में बढ़ती बाल मजदूरी

उभरते भारत में बढ़ती बाल मजदूरी

संजय कुमार भारत को आर्थिक महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है। वहीं भारत आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए आर्थिक विकास दर को बढ़ाने…

Read more
साहित्‍य Default Post Thumbnail

कहो कौन्तेय-५७

विपिन किशोर सिन्हा (श्रीकृष्ण का आखिरी शान्ति-प्रस्ताव) श्रीकृष्ण ने मुस्कुराकर दुर्योधन को देखा। मधुर वाणी में दुर्योधन से कहने लगे – “कुरुनन्दन! मेरी बात ध्यान…

Read more
लेख राष्ट्रीय सौहार्द का उदाहरण थे मौलाना आजाद

राष्ट्रीय सौहार्द का उदाहरण थे मौलाना आजाद

शादाब जफर शादाब  जन्मदिन :- 11 नवम्बर पर विशॆष  हिन्दुस्तान के ज़र्र ज़र्र से मौहब्बत की इन्तेहा रखने वाले देश भक्त मौलाना अबुल कलाम आजाद…

Read more
राजनीति उत्तर प्रदेश की बदहाली और समाजवादियो-सामाजिक कार्यकर्ताओ का दायित्व

उत्तर प्रदेश की बदहाली और समाजवादियो-सामाजिक कार्यकर्ताओ का दायित्व

अरविन्द विद्रोही उत्तर प्रदेश के हालात दिन प्रतिदिन बाद से बदतर होते जा रहे है | सियासत की चक्की में आम जन की बात दीगर…

Read more
लेख कब तक छले जाएंगें हम भारत के लोग

कब तक छले जाएंगें हम भारत के लोग

प्रो. बृजकिशोर कुठियाला क्या इस रात की कोई सुबह नहीं होगी भारत की आम जनता आज सकते में है, वैचारिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तरों…

Read more
साहित्‍य कहो कौन्तेय-५६ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)

कहो कौन्तेय-५६ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)

विपिन किशोर सिन्हा (हस्तिनापुर की राजसभा में श्रीकृष्ण का पदार्पण) यह कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन था। रेवती नक्षत्र और मैत्री मुहूर्त्त में श्रीकृष्ण…

Read more
लेख मीडिया पर जस्टिस मार्कण्डेय के विचार और घालमेल का संकट

मीडिया पर जस्टिस मार्कण्डेय के विचार और घालमेल का संकट

वीरेन्द्र जैन एक बार फिर से आम पढा लिखा व्यक्ति दुविधा में है। वह जब जिस कोण से बात सुनता है उसे उसी की बात…

Read more
लेख Default Post Thumbnail

पेट्रोल की बेलगाम कीमत और सरकार की संवेदनहीनता

विपिन किशोरे सिन्हा वाकई अब हद हो गई। क्या अंग्रेजों की सरकार भी इतनी संवेदनहीन थी? शायद नहीं। आखिर यह सरकार किसकी है – पूंजीपतियों…

Read more
लेख खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को!

खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को!

जगमोहन फुटेला मैंने कभी किसी सरकार से कोई लोन, वेतन या इनाम नहीं लिया हैं. जस्टिस काटजू से मैं कभी मिला, न बात की. फिर…

Read more