
गैर कश्मीरी दुल्हनों का दर्द
Updated: December 3, 2011
बशीर अहमद पीर मेरा नाम मंसूरा बानो है। मैं पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली हूं। हमारा परिवार बहुत गरीब था। हमारे घर की…
Read more
कोसी क्षेत्र में हावी है दहेज की कुप्रथा
Updated: December 4, 2011
मोहम्मद शफीउल्लाह विज्ञान और तकनीक में आश्चर्यजनक प्रगति से मनुष्य भौतिक सुख सुविधाओं को जुटाने में अधिक सफल हुआ है, लेकिन अपने जीवन को सुदृढ़…
Read more
अफ़सरों से अधिक राजनेताओं को इलाज की ज़रूरत?
Updated: December 4, 2011
इक़बाल हिंदुस्तानी यूपी में डीआईजी फायर सर्विसेज़ डी डी मिश्रा को व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा दर्ज करने पर बदले की भावना से मानसिक रोगी बताकर…
Read more
उभरते भारत में बढ़ती बाल मजदूरी
Updated: December 4, 2011
संजय कुमार भारत को आर्थिक महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है। वहीं भारत आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए आर्थिक विकास दर को बढ़ाने…
Read moreकहो कौन्तेय-५७
Updated: December 4, 2011
विपिन किशोर सिन्हा (श्रीकृष्ण का आखिरी शान्ति-प्रस्ताव) श्रीकृष्ण ने मुस्कुराकर दुर्योधन को देखा। मधुर वाणी में दुर्योधन से कहने लगे – “कुरुनन्दन! मेरी बात ध्यान…
Read more
राष्ट्रीय सौहार्द का उदाहरण थे मौलाना आजाद
Updated: December 4, 2011
शादाब जफर शादाब जन्मदिन :- 11 नवम्बर पर विशॆष हिन्दुस्तान के ज़र्र ज़र्र से मौहब्बत की इन्तेहा रखने वाले देश भक्त मौलाना अबुल कलाम आजाद…
Read more
उत्तर प्रदेश की बदहाली और समाजवादियो-सामाजिक कार्यकर्ताओ का दायित्व
Updated: December 4, 2011
अरविन्द विद्रोही उत्तर प्रदेश के हालात दिन प्रतिदिन बाद से बदतर होते जा रहे है | सियासत की चक्की में आम जन की बात दीगर…
Read more
कब तक छले जाएंगें हम भारत के लोग
Updated: December 4, 2011
प्रो. बृजकिशोर कुठियाला क्या इस रात की कोई सुबह नहीं होगी भारत की आम जनता आज सकते में है, वैचारिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तरों…
Read more
कहो कौन्तेय-५६ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)
Updated: December 4, 2011
विपिन किशोर सिन्हा (हस्तिनापुर की राजसभा में श्रीकृष्ण का पदार्पण) यह कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन था। रेवती नक्षत्र और मैत्री मुहूर्त्त में श्रीकृष्ण…
Read more
मीडिया पर जस्टिस मार्कण्डेय के विचार और घालमेल का संकट
Updated: December 4, 2011
वीरेन्द्र जैन एक बार फिर से आम पढा लिखा व्यक्ति दुविधा में है। वह जब जिस कोण से बात सुनता है उसे उसी की बात…
Read moreपेट्रोल की बेलगाम कीमत और सरकार की संवेदनहीनता
Updated: December 4, 2011
विपिन किशोरे सिन्हा वाकई अब हद हो गई। क्या अंग्रेजों की सरकार भी इतनी संवेदनहीन थी? शायद नहीं। आखिर यह सरकार किसकी है – पूंजीपतियों…
Read more
खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को!
Updated: December 4, 2011
जगमोहन फुटेला मैंने कभी किसी सरकार से कोई लोन, वेतन या इनाम नहीं लिया हैं. जस्टिस काटजू से मैं कभी मिला, न बात की. फिर…
Read more