
शक्ति-पूजा का विस्मरण – शंकर शरण
Updated: December 5, 2011
कश्मीर के विस्थापित डॉक्टर कवि कुन्दनलाल चौधरी ने अपने कविता संग्रह ‘ऑफ गॉड, मेन एंड मिलिटेंट्स’ की भूमिका में प्रश्न रखा थाः “क्या हमारे देवताओं…
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कहो कौन्तेय-४४ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश)
Updated: December 5, 2011
(जयद्रथ द्वारा द्रौपदी का अपहरण) विपिन किशोर सिन्हा काम्यकवन की छटा इन्द्र के नन्दनकानन से कम नहीं थी। हमने वनवास का अन्तिम चरण इस रमणीय…
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वो मेरे साथी नहीं, गुरु थे
Updated: December 5, 2011
जगमोहन फुटेला सरताज सन 69 के आसपास तब नैनीताल जिले के किच्छा कसबे के एक हाई स्कूल में पढ़ता था मैं. और नौंवीं दसवीं में…
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व्यंग्य/ मेरो मंत्र भरत ने भी माना!
Updated: December 5, 2011
अशोक गौतम पत्नी के हजार बार घर से बाजार को यह कह कर कि दीवाली सिर पर आ गई है, अपने लिए नहीं तो न…
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सौरभ मालवीय को मिली पीएचडी की उपाधि
Updated: December 5, 2011
भोपाल, 20 अक्टूबर। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल ने श्री सौरभ मालवीय को उनके शोधकार्य ‘हिंदी समाचार-पत्रों में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्रस्तुति का…
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शिक्षा क्रांति से दूर लद्दाखी छात्र
Updated: December 5, 2011
स्टांजिंग आंग्मो हाल ही में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क लांच किया। इसका मकसद स्कूल और कॉलेज स्तर…
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इस बिहार का विकास क्यूं नहीं
Updated: December 5, 2011
सरिता कुमारी पिछले कुछ दशकों में देश के जिन राज्यों ने विकास की नई परिभाषा गढ़ी है उनमें बिहार का नाम सबसे उपर लिखा जा…
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बढ़ती जनसंख्या अभिशाप नहीं!
Updated: December 5, 2011
डॉ गज़ाला ऊर्फी आम तौर पर यह धारणा बनी हुई है कि जनसंख्या वृद्धि हानिकारक है। इससे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है।…
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दुनिया का सबसे सस्ता लैपटॉप और हमारी शिक्षा व्यवस्था
Updated: December 5, 2011
अनीसुर्रहमान खान आजकल हमारा देश पूरी दुनिया में सस्ता लैपटॉप लांच करने की वजह से सुर्खिंयां बटोर रहा है। 5 अक्टूबर को मानव संसाधन विकास…
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जनसांख्यिकी युद्ध का दबाव
Updated: December 5, 2011
शंकर शरण केरल का कैथोलिक चर्च आगामी चौदह नवंबर ऐसे 5,000 दंपतियों को सम्मानित करेगा, जिनके 5 से अधिक बच्चे हैं। ‘परिवार बढ़ाओ’ के नारे…
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सरकार का बौखलाना तो लाजमी है
Updated: December 5, 2011
राजीव गुप्ता जनाब आजकल की फिजां ही ऐसी है ! वर्तमान सरकार की जगह अगर कोई भी होता तो शायद अपना आत्म – संतुलन खो…
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नये राजनैतिक ध्रुवीकरण की संभावनाएँ पुनर्जीवित
Updated: December 5, 2011
श्रीराम तिवारी अति-उन्नत वैज्ञानिक-सूचना एवं संचार क्रांति की बदौलत धरती पर यह बहुत तीव्रगामी परिवर्तनों की लालसा का दौर है. अपने बाह्यरूप -आकार में चीजें…
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