ये पबिलक है–सब जानती है …..
Updated: December 6, 2011
जग मोहन ठाकन हमारे समय में जब छात्र पढ़ार्इ शुरु करते थे ,तो पहला पाठ अ-अनार और म-मछली का होता था। बाद में जब हम…
Read moreगरीबी के झटके
Updated: December 6, 2011
राजकुमार साहू देखिए, गरीबों को गरीबी के झटके सहने की आदत होती है या कहें कि वे गरीबी को अपने जीवन में अपना लेते हैं।…
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श्रीलाल शुक्ल और रागदरबारी
Updated: December 6, 2011
वीरेन्द्र जैन इसमें कोई सन्देह नहीं कि हिन्दी व्यंग्य के भीष्मपितामह हरिशंकर परसाई ही माने जाते हैं किंतु गत शताब्दी के सातवें दशक में अपने…
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पत्रकारों की बदलती दिशा और दशा
Updated: December 6, 2011
डॉ. शशि तिवारी शब्दों में वो ताकत होती है जो बन्दूक की गोली, तोप के गोले एवं तलवार में नहीं होती है। अस्त्र-शस्त्र से घायल…
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आधुनिकता बनाम परिवार
Updated: December 6, 2011
परिवार की हमारी पारम्परिक अवधारणा और संरचना को आधुनिकता के ज्वार के कारण काफी तनाव का सामना करना पड रहा है । मनुष्य एक ही…
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नरेंद्र भाई अभी दिल्ली दूर है…
Updated: December 6, 2011
श्रीराम तिवारी भारत में राजनीति को कुआँर की कुतिया समझ कर सरे राह लतियाने वालों में दिग्भ्रमित विपक्ष और टी आर पी रोग से पीड़ित…
Read more”पिट कर नहीं, पीट कर आओ, लोगों को घेर कर मारो”
Updated: December 6, 2011
गिरीश पंकज ”पिट कर नहीं, पीट कर आओ, लोगों को घेर कर मारो” . यह ”महान” प्रेरक वाक्य किसी तानाशाह का नहीं, लोकशाही के एक…
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बाबा रामदेव की हुंकार में समझदारी
Updated: December 6, 2011
प्रमोद भार्गव महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली रही झांसी से बाबा रामदेव ने कालाधन वापिस लाने की जो हुंकार भरी है, वह अब समझदारी का पर्याय…
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वक्तव्य की तैयारी
Updated: December 6, 2011
विजय कुमार भारत सरकार चाहती है कि देश में शांति रहे। देश में भले ही न रहे; पर दिल्ली में अवश्य रहे, चूंकि राजधानी होने…
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महंगाई ‘डायन’ है कि सरकार
Updated: December 6, 2011
राजकुमार साहू महंगाई पर हम बेकार की तोहमत लगाते रहते हैं। अभी जब बाजार में सामग्रियां सातवें आसमान में महंगाई की मार के कारण उछलने…
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भारत माता के देश में लाचार है जननी
Updated: December 6, 2011
लिमटी खरे दुनिया के चौधरी अमेरिका की मशहूर पत्रिका न्यूजवीक ने एक सर्वे कराया है जिसमें भारत गणराज्य में महिलाओं की दयनीय स्थिति का वर्णन…
Read moreगजलें
Updated: December 6, 2011
आदमी के खून का ही आदमी प्यासा मिला गॉव से पहुंचा बाहर तो हर तरफ धोखा मिला सेठ के बच्चे खिला कर घर जो…
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