व्यंग्य ये पबिलक है–सब जानती है …..

ये पबिलक है–सब जानती है …..

जग मोहन ठाकन हमारे समय में जब छात्र पढ़ार्इ शुरु करते थे ,तो पहला पाठ अ-अनार और म-मछली का होता था। बाद में जब हम…

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गरीबी के झटके

राजकुमार साहू देखिए, गरीबों को गरीबी के झटके सहने की आदत होती है या कहें कि वे गरीबी को अपने जीवन में अपना लेते हैं।…

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लेख श्रीलाल शुक्ल और रागदरबारी

श्रीलाल शुक्ल और रागदरबारी

वीरेन्द्र जैन इसमें कोई सन्देह नहीं कि हिन्दी व्यंग्य के भीष्मपितामह हरिशंकर परसाई ही माने जाते हैं किंतु गत शताब्दी के सातवें दशक में अपने…

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लेख पत्रकारों की बदलती दिशा और दशा

पत्रकारों की बदलती दिशा और दशा

डॉ. शशि तिवारी शब्दों में वो ताकत होती है जो बन्दूक की गोली, तोप के गोले एवं तलवार में नहीं होती है। अस्त्र-शस्त्र से घायल…

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समाज आधुनिकता बनाम परिवार

आधुनिकता बनाम परिवार

परिवार की हमारी पारम्परिक अवधारणा और संरचना को आधुनिकता के ज्वार के कारण काफी तनाव का सामना करना पड रहा है । मनुष्य एक ही…

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लेख नरेंद्र भाई अभी दिल्ली दूर है…

नरेंद्र भाई अभी दिल्ली दूर है…

श्रीराम तिवारी भारत में राजनीति को कुआँर की कुतिया समझ कर सरे राह लतियाने वालों में दिग्भ्रमित विपक्ष और टी आर पी रोग से पीड़ित…

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”पिट कर नहीं, पीट कर आओ, लोगों को घेर कर मारो”

गिरीश पंकज ”पिट कर नहीं, पीट कर आओ, लोगों को घेर कर मारो” . यह ”महान” प्रेरक वाक्य किसी तानाशाह का नहीं, लोकशाही के एक…

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लेख बाबा रामदेव की हुंकार में समझदारी

बाबा रामदेव की हुंकार में समझदारी

प्रमोद भार्गव महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली रही झांसी से बाबा रामदेव ने कालाधन वापिस लाने की जो हुंकार भरी है, वह अब समझदारी का पर्याय…

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व्यंग्य वक्तव्य की तैयारी

वक्तव्य की तैयारी

विजय कुमार भारत सरकार चाहती है कि देश में शांति रहे। देश में भले ही न रहे; पर दिल्ली में अवश्य रहे, चूंकि राजधानी होने…

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व्यंग्य महंगाई ‘डायन’ है कि सरकार

महंगाई ‘डायन’ है कि सरकार

राजकुमार साहू महंगाई पर हम बेकार की तोहमत लगाते रहते हैं। अभी जब बाजार में सामग्रियां सातवें आसमान में महंगाई की मार के कारण उछलने…

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लेख भारत माता के देश में लाचार है जननी

भारत माता के देश में लाचार है जननी

 लिमटी खरे दुनिया के चौधरी अमेरिका की मशहूर पत्रिका न्यूजवीक ने एक सर्वे कराया है जिसमें भारत गणराज्य में महिलाओं की दयनीय स्थिति का वर्णन…

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गजलें

आदमी के खून का ही आदमी प्यासा मिला गॉव से पहुंचा बाहर तो हर तरफ धोखा मिला   सेठ के बच्चे खिला कर घर जो…

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