विविधा आरक्षण की स्थिति और सामाजिक समीक्षा

आरक्षण की स्थिति और सामाजिक समीक्षा

क्षेत्रपाल शर्मा आज समाज का हर वर्ग नौकरियों में आरक्षण की मांग करता है.इसे एक आसान रास्ते के रूप में वे चाहते हैं. आज आज़ादी मिले…

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विविधा सबसे बड़े जातिवादी हैं दिलीप मंडल

सबसे बड़े जातिवादी हैं दिलीप मंडल

 शिवा नन्द द्विवेदी “सहर”  “ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद (दिलीप मंडल परिभाषित) ही समाज का सबसे बड़ा शत्रु है ” ये मानना है मेरे फेसबुकिया मित्र दिलीप…

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विविधा आह आरक्षण! वाह मेरिट!

आह आरक्षण! वाह मेरिट!

संजय ग्रोवर क्या हम 20-30 मिनट के लिए उनका गला छोड़ सकते हैं जिन्हें नौकरियों और कुछ दूसरी जगहों पर आरक्षण मिलता है ? मेरा…

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राजनीति मैं संघ में जा चुका हूँ और सचाई जानता हूँ : डॉ. मीणा

मैं संघ में जा चुका हूँ और सचाई जानता हूँ : डॉ. मीणा

लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’  श्री संजीव सिन्हा जी, सम्पादक जी-प्रवक्ता  आज 10.08.2011 को एक सज्जन ने प्रवक्ता पर मेरे किसी आलेख/आलेखों को पढकर…

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राजनीति माओवाद-ममता-महाश्वेता की दोगली राजनीति

माओवाद-ममता-महाश्वेता की दोगली राजनीति

जगदीश्वर चतुर्वेदी   माओवाद और कारपोरेट मीडिया का रोमैंटिक संबंध है। भारतीय बुर्जुआजी और माओवाद में सतह पर वर्गयुद्ध दिखाई देता है लेकिन व्यवहार में माओवादी…

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कहानी कहानी/ चकाचौंध से परे

कहानी/ चकाचौंध से परे

आर. सिंह  “चा ऽ चा ऽ”.यह आवाज कानों में पडते हीं मैं थोडा ठीठका.फिर सोचा यह आवाज यहाँ कहाँ से आ सकती है?यह तो मेरे…

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कविता कविता/ हर कोई अन्ना बने तो भ्रष्ट हर चेहरा मिटेगा..

कविता/ हर कोई अन्ना बने तो भ्रष्ट हर चेहरा मिटेगा..

गिरीश पंकज   चल पडी है एक आंधी, अब नया भारत उठेगा सुप्त-सा यह मुल्क सारा, चेतना ले कर बढ़ेगा.. —  हमने जो सपने संजोये,…

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देशवासियों के नाम पैगाम!

हे मेरे देश के बेगाने देशवासियो! लो आज फिर कम्बख्त स्वतंत्रता दिवस आ गया। सभी किसी न किसी ऐब के गुलाम और वाह रे स्वतंत्रता…

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साहित्‍य श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-६

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-६

विपिन किशोर सिन्हा छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों का श्रीमद्भगवद्गीता पर एक आरोप यह भी है कि गीता जाति-व्यवस्था को न सिर्फ स्वीकृति देती है, वरन् इसे ईश्वरीय…

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सिनेमा हिन्दुस्तान में हिन्दी के प्रचार प्रसार का प्रभावी एवं सशक्त माध्यम – बॉलीवुड एवं दूरदर्शन

हिन्दुस्तान में हिन्दी के प्रचार प्रसार का प्रभावी एवं सशक्त माध्यम – बॉलीवुड एवं दूरदर्शन

उमेश कुमार यादव आज के तारीख में हिन्दी फिल्म इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि चाहे जो भी भाषा-भाषी हो, हिन्दी फिल्म अवश्य देखते हैं…

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जन-जागरण ये कैसा लोकतंत्र है ?

ये कैसा लोकतंत्र है ?

वीरेन्द्र सिंह राठौर कैबिनेट से सरकारी ड्राफ्ट को मंजूरी मिलते ही अन्ना हजारे ने इसे देश के साथ धोखा बताते हुए….. 16 अगस्त से फिर…

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आरक्षण समानता या विषमता

आरक्षण का जिन्न आजकल फिर चर्चा  में है इसको बाहर लाने का दोषी फिल्म निर्माता प्रकाश  झा जी को ठहराया  जा रहा है पर इसमें…

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