
वस्तानवी की विदाई
Updated: December 8, 2011
मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी साहब को जॉच में क्लीन चिट देने के बावजूद आखिरकार दारूल उलूम के मोहतमिम की कुर्सी के नाकाबिल समझते हुए शुरा…
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कहो कौन्तेय (महाभारत पर आधारित उपन्यास)
Updated: December 8, 2011
विपिन किशोर सिन्हा मूलत: बिहार के रहनेवाले व पेशे से उ.प्र.पावर कारपोरेशन लि., वाराणसी में अधिशासी अभियंता विपिन किशोर सिन्हा जी ने पौराणिक आख्यानों पर…
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ये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 8, 2011
लिमटी खरे युवराज के लिए अब इटैलियन बहू! कांग्रेस की नजर में भविष्य के प्रधानमंत्री और युवराज राहुल गांधी की उम्र ढलती जा रही है।…
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ममता बनर्जी में माकपा की आवाजें
Updated: December 8, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनने के बाद आमलोगों को लग रहा था कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव…
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भूमि अधिग्रहण की चुनौती
Updated: December 8, 2011
डा.ए.डी.खत्री सरकार और न्यायालय और दोनों के समक्ष चुनौती भारत में अंग्रेज जो क़ानून बना गए, हमारी सरकारें उन्हीं से अपनी रोजी- रोटी चला रही…
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खेतीकिसानी को लीलते भूमण्डलीय आदर्श
Updated: December 8, 2011
प्रमोद भार्गव यह साफ हो गया है कि भूमण्डलीय आदर्श भारतीय खेतीकिसानी को लील रहे हैं। औद्योगिक विकास और शहरीकरण ने हजारों गांव और हजारों…
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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सुशासन बाबू हुए चारों खाने चित
Updated: December 8, 2011
सतीश सिंह कर्नाटक, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के बाद अब बिहार भी घोटालों के घेरे में आ गया है। सुशासन बाबू के सुशासन की हवा निकल…
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बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने
Updated: December 8, 2011
रामदास सोनी ( स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने बरसों पूर्व भारतीयों को उनके गौरवशाली इतिहास और परम्परा से परिचित करवाने के लिए भारतीय इतिहास के छः…
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बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग -2)
Updated: December 8, 2011
रामदास सोनी अब प्रश्न खड़ा होता है कि उस दिन कांग्रेस की सभा में सुभाषचन्द्र बोस ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो 15 अगस्त 1947…
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बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग 3)
Updated: December 8, 2011
रामदास सोनी दूसरे काले पन्ने को भारत का काला पन्ना कहा जाये या विश्व का ही एक काला पन्ना माना जायेए इसे भविष्य तय करेगा।…
Read more![“हेलो बस्तर” [राहुल पंडिता की पुस्तक पर एक विमर्श] – राजीव रंजन प्रसाद](https://i0.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2011/07/hello-bastar.jpg?fit=242%2C372&ssl=1)
“हेलो बस्तर” [राहुल पंडिता की पुस्तक पर एक विमर्श] – राजीव रंजन प्रसाद
Updated: December 8, 2011
माओवादियों ने बस्तर को आग के हवाले कर दिया है, जिसकी तपिश में भोले-भाले आदिवासी झुलस रहे हैं। माओवादी भले ही इन क्षेत्रों के विकास…
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राजनीति का नया दौर
Updated: December 8, 2011
राकेश श्रीवास्तव यह हमारे लोकतांत्रिक विकास की असफलता ही है कि जनता दिल की सच्चाई (जाति और निजी स्वार्थों के बादलों को छांटकर) और गहराई…
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