विधि-कानून लोकपाल विधेयक : उतार-चढ़ाव भरा इतिहास

लोकपाल विधेयक : उतार-चढ़ाव भरा इतिहास

लालकृष्ण आडवाणी भारतीय संसद के इतिहास में, किसी अन्य विधेयक का इतिहास इतना उतार-चढ़ाव वाला नहीं रहा जितना कि लोकपाल विधेयक का है। लोकपाल शब्द,…

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प्रवक्ता न्यूज़ मुंबई में फिर सीरियल ब्‍लास्‍ट / आतंकी हमला

मुंबई में फिर सीरियल ब्‍लास्‍ट / आतंकी हमला

१३ जुलाई, आज मुंबई फिर से बम धमाकों से दहल उठी, मुंबई में आज शाम सात बजे फिर से सीरियल ब्लास्ट हुए हैं। यह ब्लास्ट…

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खेत-खलिहान महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सामूहिक खेती योजना

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सामूहिक खेती योजना

डाँ रमेश प्रसाद द्विवेदी पहले हमने सुना था कि महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं पारिवारिक स्थिति को सुधारने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन…

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साहित्‍य वासा : लड़ाकू जहाज़ जो अपने पहले सफर में ही डूब गया

वासा : लड़ाकू जहाज़ जो अपने पहले सफर में ही डूब गया

महेश दत्त शर्मा 10 अगस्त, 1628। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम का एक बंदरगाह लोगों से खचाखच भरा था। ये लोग “वासा” नामक एक नए लड़ाकू…

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राजनीति साहित्य में राजनीति एजेंडा

साहित्य में राजनीति एजेंडा

सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता झांसी की रानी में बदलाव प्रमोद भार्गव राजनीति के स्तर पर अब तक पाठ्य पुस्तकों में इतिहास के पन्नों को…

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धर्म-अध्यात्म एकलव्य- ऋण

एकलव्य- ऋण

गंगानन्‍द झा एकलव्य का सपना था कृति धनुर्धर होने का। यह भील बालक के लिए असामान्य सपना था; तत्कालीन व्यवस्था के लिए एक चुनौती; एकलव्य…

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धर्म-अध्यात्म गुरुपूर्णिमा (15 जुलाई) पर विशेष

गुरुपूर्णिमा (15 जुलाई) पर विशेष

तस्मै श्री गुरवे नमः भारतीय जीवन परम्परावादी है। हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच विचार कर, ज्ञान, विज्ञान और समय की कसौटी पर सौ प्रतिशत कस…

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लेख चौथा विश्वयुद्ध डंडों और पत्थरों से लड़ा जाएगा

चौथा विश्वयुद्ध डंडों और पत्थरों से लड़ा जाएगा

महेश दत्त शर्मा प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1919) तथा द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-1945) ने दुनिया को ऐसी अपूरणीय क्षति दी, जिसकी भरपाई वह आज भी कर रही है।…

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विविधा सामुदायिक सदभाव का सही आधार

सामुदायिक सदभाव का सही आधार

शंकर शरण दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना वस्तानवी के गुजरात सम्बन्धी बयान को दूसरी तरह भी देखा जा सकता है। अब दो राय नहीं…

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सिनेमा धरती की पुकार पर प्यार का बीज बिछाने वाले अनोखे फ़िल्मकार:-बिमल कुमार रॉय

धरती की पुकार पर प्यार का बीज बिछाने वाले अनोखे फ़िल्मकार:-बिमल कुमार रॉय

बिमलदा ने तब तक स्वतंत्ररूप से अपनी कोई निर्माण संस्था नहीं स्थापित की थी और बम्बई टॉकीज़ के लिये मां का निर्देशन करने में व्यस्त…

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जन-जागरण जर्जर व्यवस्था और बूढ़े गार्ड बाघों की कैसे रक्षा करे

जर्जर व्यवस्था और बूढ़े गार्ड बाघों की कैसे रक्षा करे

जिस तरह से इन्सान बदल गया है ठीक उसी प्रकार से प्राकृति ने भी खुद को बदल लिया है। अब न तो वो गर्मी पडती…

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व्यंग्य हादसों के उत्सव

हादसों के उत्सव

पंडित सुरेश नीरव  कौन चाहता है कि वो कभी-कभी हादसे की चपेट में आए। मगर हादसे भी आदमी के मन की परवाह कब करते हैं।…

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