राजनीति भ्रष्टों के सरदार मनमोहन

भ्रष्टों के सरदार मनमोहन

लिमटी खरे आज की युवा होती पीढ़ी को शायद इस बात का भान नहीं है कि गोरी चमड़ी वालों के अत्याचारों को किस कदर सहकर…

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खेल जगत और भी ग़म है जमाने में क्रिकेट के सिवा

और भी ग़म है जमाने में क्रिकेट के सिवा

ए एन शिबली वैसे तो क्रिकेट के दसवें विश्व कप का आग़ाज़ 19 फरवरी को भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए मैच से 19…

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प्रवक्ता न्यूज़ पत्रकारिता की वास्तविकता

पत्रकारिता की वास्तविकता

-राजेश कुमार हम अक्सर उस दिशा की तरफ जाने के लिए लालायित रहते है, जहां हम खुद को एक हीरो की भांति पेश कर सकें।…

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विविधा कालेधन की कालिख और कांग्रेस की कसक

कालेधन की कालिख और कांग्रेस की कसक

डॉ.मनोज जैन   स्वामी रामदेव के कालाधन और भ्रष्टाचार बिरोधी अभियान से घबरा कर भ्रष्टाचार के दलदल में गहरे तक धंसी हुयी कांग्रेस पार्टी का…

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कहानी कहानी/बाबूजी

कहानी/बाबूजी

एस. के. रैना   हमारे पड़ोस में रहने वाले बाबूजी की उम्र यही कोई अस्सी के लगभग होनी चाहिए। इस उम्र में भी स्वास्थ्य उनका…

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प्रवक्ता न्यूज़ सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृष्टिकोण

सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृष्टिकोण

श्‍याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’   वर्तमान में भारत का जो राजनैतिक दृश्‍य है उसे देखकर यह लगता है कि हमारे देश में एक केन्द्रीय नेतृत्व…

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सिनेमा ‘7 खून माफ’ और 6 पति साफ

‘7 खून माफ’ और 6 पति साफ

फिल्‍म समीक्षक : डॉ. मनोज चतुर्वेदी   ‘मकबुल’, ‘मकड़ी’, ‘ओमकारा’, ‘कमीने’, ‘इश्कियां’, ‘द ब्लू अंब्रेला’, के बाद ‘7 खून माफ’ में विशाल भारद्वाज ने निर्देशन…

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पुस्तक समीक्षा पत्रकारिता और दीनदयाल उपाध्याय

पत्रकारिता और दीनदयाल उपाध्याय

पुस्‍तक समीक्षक – डॉ. मनोज चतुर्वेदी दीनदयाल उपाध्याय एक विचारक, प्रचारक, विस्तारक, राष्ट्रषि, संपादक, पत्रकार अर्थशास्त्री, समाजसेवी, एक प्रखर वक्ता, शिक्षाविद तथा अपूर्व संगठनकर्ता थे।…

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पुस्तक समीक्षा ‘संगठन सर्वोपरि’ और नितिन गडकरी

‘संगठन सर्वोपरि’ और नितिन गडकरी

पुस्‍तक समीक्षक : डॉ. मनोज चतुर्वेदी भाजपा के कई राष्ट्रीय अध्यक्ष हुए जैसे श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे, डॉ. मुरलीमनोहर…

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विविधा स्वातंत्र्यवीर सावरकर को शत-शत नमन्

स्वातंत्र्यवीर सावरकर को शत-शत नमन्

सूर्यप्रकाश यह धरा मेरी यह गगन मेरा, इसके वास्ते शरीर का कण-कण मेरा.   इन पंक्तियों को चरितार्थ करने वाले क्रांतिकारियों के आराध्य देव स्वातंत्र्य…

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विविधा भ्रष्टाचार का मुद्दा परिवर्तन का उत्प्रेरक बन सकता है

भ्रष्टाचार का मुद्दा परिवर्तन का उत्प्रेरक बन सकता है

लालकृष्ण आडवाणी भारत को स्वतंत्र हुए अब छ: दशक से ज्यादा हो गए। पहले तीन दशकों में कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व राजनीतिक परिदृश्य पर विशालकाय…

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राजनीति कुटिल कणिक की राह पर चल रहे दिग्विजय सिंह

कुटिल कणिक की राह पर चल रहे दिग्विजय सिंह

पवन कुमार अरविंद   महाभारत कालीन हस्तिनापुर में महाराज धृतराष्ट्र का एक सचिव था, जिसका नाम था कणिक। उसकी विशेषता यह थी कि वह कुटिल…

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