राजनीति राजनीति किस लिए?

राजनीति किस लिए?

-चैतन्य प्रकाश बहुत सारे व्यवसायियों, उद्यमियों के दफ्तरों में या निजी बैठकखानों में एक पोस्टर लगा दिख जाता है, जिसमें शेर के चित्र के नीचे…

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विश्ववार्ता क्या ओबामा अमेरीकी राजनीति को रसातल में पहूँचाकर ही दम लेंगे?

क्या ओबामा अमेरीकी राजनीति को रसातल में पहूँचाकर ही दम लेंगे?

-रवि शंकर बराक ओबामा के पिछले कुछ निर्णयों और बयानों को देखने के बाद एक आम राजनीतिक विश्लेषक के मन में एक ही सवाल उभर…

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विविधा प्राथमिकशाला में भाषा, शिक्षा और गिजुभाई

प्राथमिकशाला में भाषा, शिक्षा और गिजुभाई

-राखी रघुवंशी हमारे देश में प्राथमिक शाला वह जगह है जिसकी कोई प्राथमिकता आज तक ठीक से तय नहीं हुई। सब तरह के अभावों में…

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प्रवक्ता न्यूज़ कला आलोचना में व्यापक संभावनाएं : मनीष

कला आलोचना में व्यापक संभावनाएं : मनीष

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में चित्रकार मनीष पुष्कले का व्याख्यान भोपाल 13 अक्टूबर। रजा फेलोशिप से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार मनीष पुष्कले का कहना है कि भारत…

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राजनीति वामपंथी व्याधि और उपचार

वामपंथी व्याधि और उपचार

-शंकर शरण जैसे पूरी पृथ्वी पर कोरियोलिस इफेक्ट एक समान है, और नदियों का बहाव इस तरह होता है कि सदैव दाहिना किनारा कटता और…

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राजनीति भारत में कम्युनिस्टों को जनता क्यों प्यार करती है ?

भारत में कम्युनिस्टों को जनता क्यों प्यार करती है ?

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी इधर एक पाठक ने पूछा है कि पश्चिम बंगाल-केरल में कम्युनिस्ट सत्ता में कैसे आते हैं ? मैं खासकर पश्चिम बंगाल के संदर्भ…

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वर्त-त्यौहार दुर्गापूजा के बहाने स्त्री संस्कृति की खोज- हम व्रत क्यों करते हैं?

दुर्गापूजा के बहाने स्त्री संस्कृति की खोज- हम व्रत क्यों करते हैं?

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी इन दिनों पश्चिम बंगाल देवी-पूजा में डूबा हुआ है। चारों कोलकाता शहर में देवीमंडप सजे हैं। जिनमें नवीनतम कला रूपों का कलाकारों-मूर्तिकारों ने…

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विविधा फिर भी क्यों भूखा है भारत ?

फिर भी क्यों भूखा है भारत ?

अन्न प्रबंधन और कुपोषण की चुनौतियों से जूझने कारगर कदम उठाएं – संजय द्विवेदी अनाज गोदामों में भरा हो और भुखमरी देश के गांव, जंगलों…

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राजनीति कम्युनिस्टों को ताकत कहां से मिलती है ?

कम्युनिस्टों को ताकत कहां से मिलती है ?

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी हमारे भारत में अनेक लोग हैं जो कम्युनिस्टों की बुराईयों को जानते हैं लेकिन अच्छाईयों को नहीं जानते। वे यह भी नहीं जानते…

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विविधा बिहार हाशिए पर क्‍यों?

बिहार हाशिए पर क्‍यों?

-अनिल दत्त मिश्र बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है। मौर्य साम्राज्य, कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’, नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, जैन-बौध्द धर्म का उदय, स्वतंत्रता संग्राम में…

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राजनीति सलवा-जुडूम की खामोश बिदाई

सलवा-जुडूम की खामोश बिदाई

-पंकज चतुर्वेदी नक्सल समस्या से जूझने के लिए तैयार की गयी सलवा–जुडूम नाम की सामाजिक दीवार का इस तरह धीरे धीरे धसक जाना बहुत ही…

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विविधा दिल्ली के तिलस्म को ललकारता भयावह सच

दिल्ली के तिलस्म को ललकारता भयावह सच

-बंशीधर मिश्र एक तरफ वैभव का विराट सम्मेलन हो, उसमें गोते लगाते तमाम देशी-विदेशी मेहमान हों और दूसरी तरफ, भूख से बिलबिलाते बच्चे हों, बाढ़…

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