सैलीबरेटी नामवर सिंह
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह लंबे समय से ‘गायब’ हैं। कोई नहीं बता रहा वे कहां चले गए। वैसे व्यक्ति नामवर सिंह…
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कबीर के बहाने नामवरसिंह का पुंसवादी खेल
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी अभी एक पुराने सहपाठी ने सवाल किया था कि आखिरकार तुम नामवरजी के बारे में इतना तीखा क्यों लिख रहे हो ? मैंने…
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श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य राम मन्दिर
Updated: September 20, 2010
समय की मांग है कि संसद कानून बनाए – हृदयनारायण दीक्षित श्रीराम जन्मभूमि के विषय में उच्च न्यायालय के आदेश का देश को बेसब्री से…
Read moreअमेरिकी संरक्षणवाद बनाम भारत में रोजगार
Updated: September 19, 2010
-सतीश सिंह वैश्विक मंदी ने अमेरिका की कमर तोड़ दी है। आर्थिक संकट के परिणामों के कारण आज वहां बेरोजगारी दर का आंकड़ा 10 फीसदी…
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कंगाल पड़े बंगाल में रा-हुल-रा-हुल
Updated: September 19, 2010
-प्रकाश चंडालिया कांग्रेस के चिकने चुपड़े युवराज राहुल गाँधी को तीन दिन के बंगाल दौरे से वहां की उबड़-खाबड़ सियासी जमीन का अंदाज जरुर लग…
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या रब हमारे मुल्क में ऐसी फिजा बने…
Updated: December 22, 2011
-तनवीर जाफ़री इसमें कोई शक नहीं कि हमारा देश भारतवर्ष अनेकता में एकता, सर्वधर्म समभाव तथा सांप्रदायिक एकता व सद्भाव के लिए अपनी पहचान रखने…
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हरमदवाहिनी का मिथ और यथार्थ
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी पश्चिम बंगाल में तमाम समाचार पत्रों में ‘हरमदवाहिनी’ के पदबंध का कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के खिलाफ दुष्प्रचार आम बात है। इस नाम से…
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बाबरी मस्जिद विवाद- स्व.राजीव गांधी और लालकृष्ण आडवाणी का असली खेल
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी यहां उल्लेखनीय है कि आडवाणीजी ने बेल्जियम के विद्वान की पुस्तक के अलावा एक और पुस्तक जारी की थी ‘‘हिंदू मंदिर: उनका क्या…
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स्वाभिमानी राष्ट्र गुलामी के कलंकों को बर्दाश्त नहीं करते : आर्नोल्ड टॉयन्बी
Updated: December 22, 2011
आर्नोल्ड टॉयन्बी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ इतिहासज्ञ माने गये। वर्ष 1960 में वे भारत आये तथा उन्होंने तीन भाषण दिये। इन भाषणों में उन्होंने आश्चर्य…
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आकाश प्रथम तत्व है !
Updated: December 22, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित भारतीय दर्शन के पांच तत्व गांव-गांव तक चर्चित है। रामचरित मानस की क्षिति जल पावक गगन समीरा वाली चौपाई हिन्दी भाषी क्षेत्रों…
Read moreमन ही बंधन, मन ही मुक्ति
Updated: December 22, 2011
-हृदयनारायण दीक्षित आनंद सबकी इच्छा है। सुख, स्वस्ति और आनंद का प्रत्यक्ष क्षेत्र यही प्रकृति है। यहां शब्द हैं, रूप, रस, गंध और स्पर्श आनंद…
Read moreगंवई गंवार की प्रतीति आत्मगंध की अनुभूति
Updated: December 22, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित गांव की अपनी सुरभि है, अपनी गंध है। गंवई-गंवार की अपनी प्रतीति है और आत्मगंध की अपनी अनुभूति है। गांवों से बाहर…
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