पर्यावरण शासन व प्रशासन को चुनौती देती प्रलयकारी बारिश व बाढ़

शासन व प्रशासन को चुनौती देती प्रलयकारी बारिश व बाढ़

-निर्मल रानी ग्रीष्म ऋतु में जब सूर्यदेवता अपने प्रचंड तेवर दिखाते हैं उस समय जनता उनके इस प्रकोप से त्राहि- त्राहि करने लग जाती है।…

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समाज जातिमुक्त समाज की जरुरत

जातिमुक्त समाज की जरुरत

-आर. एल. फ्रांसिस जनगणना में जाति को शामिल किया जाए या नहीं, इस बात का निर्णय करने के लिए संप्रग सरकार ने मंत्रियों के एक…

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विश्ववार्ता पानी पर पाकिस्‍तान का झूठा प्रलाप

पानी पर पाकिस्‍तान का झूठा प्रलाप

– पंकज चतुर्वेदी दुनियाभर में पानी का उपयोग जितना बढ़ रहा है उससे ज्यादा गति से दुनिया में जनसंख्या बढ़ रही है, और धीरे-धीरे दुनियाभर…

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राजनीति Default Post Thumbnail

इट्ज ओनली हैप्पन इन इंडिया

-नवीन देवांगन लो एक और इंसान का जीते जी एक और मंदिर बन कर तैयार है। हमारी भावी पीढ़ी नारियल फूल माला ले कर इस…

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राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान/हीरामन को हरा बाजी मार ही ले गया पाल

ये है दिल्ली मेरी जान/हीरामन को हरा बाजी मार ही ले गया पाल

-लिमटी खरे पुरानी कहावतें और मुहावरे यूं ही नहीं बने थे, उनके पीछे निहितार्थ को समझना होगा। न जाने कब से किस काल से लोग…

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पर्यावरण भयावह लगने लगी है आने वाले कल की तस्वीर

भयावह लगने लगी है आने वाले कल की तस्वीर

-लिमटी खरे दुनिया की आबदी जिस द्रुत गति से बढ रही है, उसे देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आने वाले समय की कल्पना…

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खेत-खलिहान दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण

दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण

-रमेश कुमार दुबे दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्‍यादा कीमत…

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राजनीति माओवादी आतंकवाद सबसे बड़ा संकट : संजय द्विवेदी

माओवादी आतंकवाद सबसे बड़ा संकट : संजय द्विवेदी

भारतीय लोकतंत्र में नक्सली हिंसा पर व्याख्यान पटना। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी का कहना है कि माओवादी…

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विविधा सेना के अधिकार छीनकर देश को कमजोर करने के प्रयास

सेना के अधिकार छीनकर देश को कमजोर करने के प्रयास

– डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत की आजादी के बाद से लेकर आज तक ऐसा कोई दिन नहीं गया जिसे जम्मू-कश्मीर के सन्दर्भ में शाँति का…

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साहित्‍य मार्कण्डेय : जीवन के बदलते यथार्थ के संवेगों का साधक

मार्कण्डेय : जीवन के बदलते यथार्थ के संवेगों का साधक

-अरुण माहेश्वरी ‘निर्मल वर्मा की कहानियों में लेखकीय कथनों की एक कतार लगी हुई है। जहां जरा-सा गर्मी-सर्दी लगी कि कमजोर बच्चों को छींक आने…

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समाज मानव अधिकार की तलाश में ग्रामीण समाज

मानव अधिकार की तलाश में ग्रामीण समाज

-आलोक कुमार यादव ”विविधताओं में एकता ” को सदियों से अक्षुण्य बनायें रखनें वाला विश्व में एकमात्र ”भारतीय समाज” है। भारतीय समाज विश्व के अन्य…

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विविधा यौनाचार का प्रायोजित व्यापार

यौनाचार का प्रायोजित व्यापार

– डॉ. राजेश कपूर, पारम्परिक चिकित्सक हथियार बेचकर अरबपति बने विदेशी व्यापारी वासना का व्यापार करने से कब बाज आने वाले थे। लगे हाथ भारत…

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