राजनीति आरएसएस से कौन डरता है?

आरएसएस से कौन डरता है?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ऐसा क्या है कि वह देश के तमाम बुद्धिजीवियों की आलोचना के केंद्र में रहता है। ऐसा क्या कारण है कि…

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राजनीति स्क्रीन जंग का महानायक नरेन्द्र मोदी

स्क्रीन जंग का महानायक नरेन्द्र मोदी

गुजरात विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कवरेज जब स्क्रीन पर देखा जा रहा था तो सतह पर उसे विकासपुरूष के रूप में…

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राजनीति राजनीति में स्वयंसेवक व्रत निभाएं: मोहन राव भागवत

राजनीति में स्वयंसेवक व्रत निभाएं: मोहन राव भागवत

19 मार्च, 2008 को सीरी फार्ट आडिटोरियम, नई दिल्ली में भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा ‘माई कंट्री-माई लाइफ’ के लोकार्पण समारोह…

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विविधा चूल्हे बुझ रहे हैं इंडिया ग्रेट बन रहा है

चूल्हे बुझ रहे हैं इंडिया ग्रेट बन रहा है

भारत की खुशकिस्मती है कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलुवालिया जैसे नामी अर्थशास्त्री देश में मौजूद हैं। उन्हें…

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कम्पनियाँ अपने खराब उत्पाद बदलें

अब समय आ गया है, जबकि अदालतों के पूर्ववर्ती निर्णयों की जानबूझकर अनदेखी करने वाली कम्पनियों तथा सेवा प्रदाताओं पर बडे जुर्माने लगाये जावें और…

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धर्म-अध्यात्म रामचरितमानस में लोक मंगल की कामना – राजीव मिश्र

रामचरितमानस में लोक मंगल की कामना – राजीव मिश्र

राम की कथा गोस्वामी तुलसीदास से पहले देववाणी संस्कृत में ही लिखीर् गई थी और जन साधारण के लिए यह केवल ‘श्रवणीय’ थी क्योंकि वह…

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विविधा सरकारी यात्रा पर पत्नी का क्या काम?

सरकारी यात्रा पर पत्नी का क्या काम?

हमारे देश में सुख-सुविधाओं के नाम पर सरकारी धन को लूटने की होड सी चल निकली है। किसी न किसी बहाने से लोग सरकारी धन…

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विश्ववार्ता साम्राज्यवाद और भूमंडलीकरण

साम्राज्यवाद और भूमंडलीकरण

भूमंडलीकरण एक विश्वव्यापी संवृत्ति है। इसका साम्राज्यवाद से गहरा सम्बन्ध है। यह नव- औपनिवेशिक शोषण और प्रभुत्व का प्रभावी अस्त्र है। इसके प्रचारक-प्रसारक हैं भूमंडलीय…

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विविधा भारतीय शिक्षा का स्वर्णिम अतीत- हृदयनारायण दीक्षित

भारतीय शिक्षा का स्वर्णिम अतीत- हृदयनारायण दीक्षित

प्राचीन भारत की शिक्षा मुक्ति का मार्ग थी। गांधी जी भारतीय शिक्षा के सत्य-आग्रही थे। प्राचीन भारत के विद्यालय आचार्य परिवार थे, सो गुरूकुल कहलाते…

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भारत के लिये जिये जयानन्द भारती- शाक्त ध्यानी

सन् 1857 के संग्राम में सदियों से सोया भारत जैसे जाग उठा था। इस संग्राम की भूमिका बांधने वाले अनेक विचारक, संत, कवि जिस तरह…

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विविधा भ्रष्टाचार की जड़ हैं 500 और 1000 के नोट

भ्रष्टाचार की जड़ हैं 500 और 1000 के नोट

आज देश भर में अफसरों, नेताओं और उद्योगपतियों के घर पड़ रहे छापों से एक बात साफ उभर कर सामने आ रही है, भ्रष्टाचार की…

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विविधा ये मेरे हिस्से की शायद धूप भी खा जायेंगे

ये मेरे हिस्से की शायद धूप भी खा जायेंगे

महात्मा गाँधी ने कभी कहा था कि यह धरती हर व्यक्ति की ज़रूरत पूरा कर सकता है लेकिन किसी एक के भी लोभ को नहीं.…

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