कविता दाता खुद बना भिखारी है

दाता खुद बना भिखारी है

दाता खुद बना भिखारी है हाथ पसारे आने वाले हाथ पसारे जाते है इस दुनिया में आते ही , सभी भिखारी बन जाते है।गली गली में झोला टांगे , कुछ तो आटा मांग रहे कुछ सम्राटों के घर पैदा हो, खाने को मोहताज रहे ।।आगे बढ़ो माफ़ करो बाबा,  कहा जाता है भिखारी को जिनके घर अम्बार लगा हो, उनको पल में  मिल जाता है ।  भिक्षुक बनकर जो हाथ पसारे, वह उतना ही पा जाता है रुखा सुखा भाग्य है जिनका, वह चाह छोटी ही रख पाता है ।। जो आदत छोड़े मांगने की  और प्रेम को हृदय मैं उमगायेजरूरत नही फिर उस प्रेमी की,  वह सारा साम्राज्य पा जाए ।जीवन से चूके कई मांगने वाले, जो भिखारियों के आगे हाथ पसारे छीने उनसे जिनकी झोली खाली। भरी तिजोरी वालो की करता न्यारे–ब्यारे आनन्द बरसे करुणा उपजे, जहा अस्तित्व सदा से नाच रहा ‘पीव ‘ उस वीतरागी की मुठ्ठी में आने को।। आनन्द स्नेह से है भरा  पसारने के इस आनंद को पाने,…

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राजनीति ‘स्व’ आधारित राष्ट्रबोध और शत्रुबोध के साथ समाज जीवन में आगे बढ़ें 

‘स्व’ आधारित राष्ट्रबोध और शत्रुबोध के साथ समाज जीवन में आगे बढ़ें 

~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल  कैलेण्डर वर्ष 2023 लगभग अपनी पूर्णता की बेला में आ पहुंचा है । वर्ष भर हम सबने व्यक्तिगत जीवन से लेकर…

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पर्यावरण जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते तापमान से जुड़े जीवन खतरे

जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते तापमान से जुड़े जीवन खतरे

– ललित गर्ग- जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते तापमान के दुष्प्रभाव से यों तो सभी पीड़ित, परेशान और आशंकित हैं, पर इसके प्रभाव से दुनियाभर में…

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राजनीति दूध बेचा और किराये के घर में रहे, अब भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री

दूध बेचा और किराये के घर में रहे, अब भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री

-राकेश दुबे राजस्थान में भजनलाल शर्मा बीजेपी के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनको पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल…

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लेख राष्ट्र को संगठित करने वाले महायोद्धा थे सरदार पटेल

राष्ट्र को संगठित करने वाले महायोद्धा थे सरदार पटेल

सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति दिवस 15 दिसम्बर 2023 को विशेष – ललित गर्ग- कर्मवीर व्यक्तियों का जीवन विलक्षण होता है, वे अपने जीवन काल में…

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आर्थिकी अयोध्या में प्रभु श्रीराममंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

अयोध्या में प्रभु श्रीराममंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

अंततः वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग 500 वर्षों से कर रहे हैं। 5 अगस्त 2020 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने पूजनीय संत मंडल एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब दिनांक 22 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही पूज्य संत मंडल एवं परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मित प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या बल्कि पूरे विश्व में ही हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं एवं पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।  अयोध्या में निर्माणरत श्रीराम मंदिर पूरे विश्व में निवासरत हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए न केवल विशाल आस्था के एक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है बल्कि यह देश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त लाभ होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। हाल ही में सम्पन्न दीपावली त्यौहार के शुभ अवसर पर अयोध्या में 22.23 लाख दिए जलाए गए थे, यह अपने आप में एक गिनीज विश्व रिकार्ड के रूप में माना जा रहा है। वर्तमान में 2.5 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अयोध्या में पहुंचते हैं। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो जाने के पश्चात पर्यटकों की यह संख्या 10 गुना तक बढ़ सकती है अर्थात 25 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष अयोध्या में आ सकते हैं। एक पर्यटक यदि अयोध्या में रहते हुए 2000 रुपए का खर्च भी करता है तो 50,000 करोड़ रुपए का व्यापार अकेले अयोध्या में प्रतिवर्ष होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। धार्मिक पर्यटन के साथ ही पूरे वर्ष भर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कई प्रकार के भव्य समारोह भी अयोध्या में आयोजित होने लगेंगे, इससे कुल मिलाकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रुपए का व्यापार केवल अयोध्या में ही होने लगेगा। अयोध्या में होटल और रिजोर्ट का निर्माण करने हेतु 20 प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को प्राप्त हो चुके हैं, इनमे कई फाइव स्टार होटल भी शामिल हैं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आधारभूत ढांचा एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी विकसित किया जा रहा है। अयोध्या रेल्वे स्टेशन को विकसित कर लिया गया है। उक्त वर्णित व्यवस्थाओं के विकसित होने के पश्चात अयोध्या में बढ़ने वाले धार्मिक पर्यटन से लाखों की संख्या में नए रोजगार के अवसर निर्मित होने जा रहे हैं।  प्रतिवर्ष लगभग 25 करोड़ पर्यटकों के अयोध्या पहुंचने से स्थानीय स्तर पर छोटे छोटे व्यवसायियों को भी अपार आर्थिक लाभ होगा। धर्मशाला, होटल, यातायात व्यवस्था, खाद्य सामग्री, फल, फूल आदि अन्य कई प्रकार के पदार्थों की मांग बढ़ेगी, जिसकी आपूर्ति बनाए रखने के लिए कई प्रकार के छोटे छोटे उद्योग धंधे भी अयोध्या के आस पास के गावों में विकसित होंगे। फल, सब्जी, फूल आदि पदार्थों की पैदावार भी ग्रामीण इलाकों में होने लगेगी जिससे इस क्षेत्र के किसानों को भी भरपूर लाभ होने लगेगा। अपने आप में अयोध्या आस्था के केंद्र के साथ साथ एक वाणिज्यिक केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रभु श्रीराम तो अपने मंदिर में बिराजेंगे ही, साथ ही इस क्षेत्र में निवास कर रहे नागरिकों को भी आर्थिक रूप से अत्यधिक लाभ होने जा रहा है। अयोध्या में पूरे विश्व से पर्यटकों के आने से उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था को तो जैसे पंख ही लग जाएंगे। भारत में अयोध्या की तर्ज पर ही अन्य धार्मिक स्थल भी विकसित किए गए हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कोरिडोर विकसित किया जा चुका है। गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। पावागढ़ गुजरात में ही मां कालका मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट पर भी कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उज्जैन में महाकाल कोरिडोर का निर्माण हुआ है। असम में माता कामाख्या कोरिडोर बन रहा है। पूरे भारत में ही धार्मिक स्थलों को विकसित कर देश में धार्मिक एवं क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत के पर्यटन मंत्रालय के एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2021-22 में भारत में पर्यटन गतिविधियों से 1.34 लाख करोड़ रुपए की आय हुई है, जबकि वर्ष 2020-21 में धार्मिक पर्यटन से 65,000 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इस प्रकार भारत में विकसित किए विभिन्न धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटन की गतिविधियों से आय मात्र एक वर्ष के अंतराल में ही दोगुनी से भी अधिक हो गई है।  सेंटर फोर सोशल इम्पैक्ट एंड फिलान्थ्रोपी के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में विभिन्न मंदिरों को मिलने वाला घरेलू दान 14 प्रतिशत बढ़कर 27,000 करोड़ रुपए का हो गया है। जबकि, वर्ष 2020-21 में 23,700 करोड़ रुपए का दान विभिन्न मंदिरों को प्राप्त हुआ था। विशेष रूप से वाराणसी में काशी विश्वनाथ कोरिडोर के विकसित किए जाने के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर को मिलने वाला दान 500 प्रतिशत बढ़ गया है। वर्ष 2021-22 में काशी विश्वनाथ मंदिर को 100 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हुआ था। साथ ही, इस दौरान वाराणसी में धार्मिक पर्यटन भी 1000 प्रतिशत बढ़ गया है। इसी प्रकार, उज्जैन में महाकाल कोरिडोर के विकसित होने के पश्चात बाबा महाकाल मंदिर में धार्मिक पर्यटन 1800 प्रतिशत बढ़ा है। इन धार्मिक स्थलों पर पर्यटन बढ़ने से चूंकि व्यापार बढ़ रहा है अतः इन क्षेत्रों में रोजगार के हजारों नए अवसर भी निर्मित हो रहे हैं। अब तो वृंदावन में भी बांके बिहारी कोरिडोर विकसित किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं का बांके बिहारी मंदिर में पहुंचना आसान हो सके।  विशेष रूप से प्रभु श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या में केवल एक भव्य मंदिर बनाने की परिकल्पना नहीं की गई है बल्कि भव्य मंदिर के साथ साथ विशाल पुस्तकालय, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र, वेदपाठशाला, यज्ञशाला, सत्संग भवन, धर्मशाला, प्रदर्शनी, आदि को भी विकसित किया जा रहा है, ताकि आज की युवा पीढ़ी को प्रभु श्रीराम के काल पर अनुसंधान करने में आसानी हो। प्रभु श्रीराम के मंदिर को राष्ट्र मंदिर भी कहा जा रहा है क्योंकि यहां आने वाले हर व्यक्ति को यह मंदिर भारतीय सनातन संस्कृति की पहचान कराएगा। पूरे विश्व में यह मंदिर हिन्दू सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनने जा रहा है अतः यहां पूरे विश्व से सैलानियों का लगातार आना बना रहेगा। यह मंदिर पूरे विश्व में हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र बनने के साथ साथ पर्यटन के एक विशेष केंद्र के रूप में भी विकसित होने जा रहा है, इसलिए प्रभु श्रीराम की कृपा से करोड़ों व्यक्तियों की मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ साथ लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। प्रहलाद सबनानी 

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राजनीति  छात्रशक्ति का महाकुम्भ 

 छात्रशक्ति का महाकुम्भ 

अ.भा.वि.प. की स्थापना के अमृत महोत्सव वर्ष में आयोजित 69 वां राष्ट्रीय अधिवेशन –           प्रो. रसाल सिंह चरित्र निर्माण को शिक्षा की आधार-सरणि मानने वाले…

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राजनीति भाजपा गढ़ रही है राजनीति की नयी परिभाषा

भाजपा गढ़ रही है राजनीति की नयी परिभाषा

– ललित गर्ग –भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व राजस्थान में ऐतिहासिक जीत के बाद जिस प्रकार मुख्यमन्त्री पद पर चौंकाने वाले नामों…

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लेख मनुष्य देह है, त्रिनेत्रधारी शिव !

मनुष्य देह है, त्रिनेत्रधारी शिव !

शिव ही नहीं अपितु प्रत्येक जीवात्मा त्रिनेत्रधारी होता है जिसमें दो नेत्र खुले होते है और एक नेत्र बंद रहता है। हर मनुष्य के केन्द्र…

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लेख बालिका शिक्षा के प्रति कब बदलेगा गांव का नजरिया?

बालिका शिक्षा के प्रति कब बदलेगा गांव का नजरिया?

तनुजा भंडारीगरुड़, उत्तराखंड भारत में शिक्षा को लेकर आज़ादी के बाद से ही काफी गंभीरता से प्रयास किये जाते रहे हैं. केंद्र से लेकर देश…

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लेख लिव इन रिलेशन – क़ानून बनने के बाद भी विरोध जारी

लिव इन रिलेशन – क़ानून बनने के बाद भी विरोध जारी

 निर्मल रानी  लिव-इन रिलेशनशिप अर्थात ‘स्वैच्छिक सहवास’ को हमारे देश में क़ानूनी मान्यता हासिल हो चुकी है। भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को जब कानूनी मंज़ूरी…

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राजनीति सरल नहीं होता हैं मोहन, विष्णु और भजनलाल हो जाना 

सरल नहीं होता हैं मोहन, विष्णु और भजनलाल हो जाना 

                   भारतीय जनता पार्टी में एक टर्म या शब्द चलता है, “देवतुल्य कार्यकर्ता” यह शब्द बड़ा ही विशेष है! जहां विश्व के तमाम राजनैतिक दलों या…

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